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This Article is From Jul 12, 2014

मराडोना से आगे निकल पाएंगे मेसी?

मराडोना से आगे निकल पाएंगे मेसी?
फाइल फोटो
रियो डी जनेरियो:

लियोनेल मेसी जब 11 साल के थे तो उनके परिजनों को उनका शारीरिक विकास रुक जाने के कारण चिकित्सीय परामर्श लेना पड़ा था। पिता जोर्गे और मां सेलिया की संतान मेसी 16 वर्ष बाद आज फुटबाल के अपने आदर्श डिएगो माराडोना के पदचिन्हों पर चलते हुए फीफा विश्व कप के फाइनल में अपने देश की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, विकास के लिए जरूरी हार्मोंस में कमी के कारण मेसी के परिजन चिकित्सक से यह पूछने गए थे कि क्या मेसी इतने लंबे हो सकेंगे कि वह फुटबाल खेल सकें। तब चिकित्सक का जवाब था, 'चिंता मत करो, एक दिन तुम माराडोना से लंबे होओगे। फुटबाल में तुम उनसे बेहतर तो नहीं होओगे, लेकिन तुम उनसे लंबे जरूर हो जाओगे।'

वास्तव में मेसी अपने आदर्श माराडोना से पूरे चार सेंटीमीटर लंबे हुए। लेकिन 16 वर्ष बाद आज मेसी चिकित्सक द्वारा उस समय कही गई बात को पूरी तरह झुठलाने पर आमादा हैं।

रविवार को मेसी फीफा विश्व कप-2014 के खिताबी मुकाबले में जर्मनी के खिलाफ अपनी टीम का नेतृत्व करने उतरेंगे। फुटबाल में पहले ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके मेसी के लिए यह एक और बड़ी उपलब्धि होगी।

बार्सिलोना के लिए 2004 में करियर की शुरुआत करने वाले मेसी तब से अब तक तीन बार यूएफा चैम्पियंस लीग खिताब, छह ला लीगा खिताब और दो बार स्पेनिश कप हासिल कर चुके हैं। व्यक्तिगत तौर पर मेसी रिकॉर्ड चार बार दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का अवार्ड बैलन डी ऑर भी प्राप्त कर चुके हैं।

इतनी उपलब्धियों के बावजूद मेसी पर आरोप लगते रहे हैं कि अपनी राष्ट्रीय टीम में खेलते हुए वह क्लब टूर्नामेंट के अपने प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाए हैं। मेसी इससे पहले फीफा विश्व कप-2006 के क्वार्टर फाइनल में मेजबान से पेनाल्टी शूटआउट में हारने वाली अर्जेटीनी टीम का हिस्सा रह चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका में हुए पिछले विश्व कप में भी मेसी कोई गोल नहीं कर सके और उनकी टीम क्वार्टर फाइनल में एक बार फिर जर्मनी से हार गई।

अर्जेंटीना के लिए उनके प्रदर्शन को देखते हुए कई लोग कहने लगे थे कि माराडोना से मेसी की कोई तुलना हो ही नहीं सकती। माराडोना ने वास्तव में अपने दम पर 1986 में अर्जेंटीना को विश्व विजेता बनाया था। उसके अगले वर्ष वह विश्व कप में फाइनल तक का सफर तय करने में कामयाब रहे, लेकिन उन्हें जर्मनी से हार कर खिताब से वंचित रहना पड़ा था।

ऐसे में इस बहस ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है कि क्या मेसी रविवार को मराकाना स्टेडियम में यह साबित कर पाएंगे कि वह दिग्गज अर्जेटीनी खिलाड़ी माराडोना से बेहतर हैं।

विश्व कप-1990 में अर्जेंटीनी टीम को हराने वाले जर्मनी के तत्कालीन कोच फ्रांज बेकेनबोर ने शुक्रवार को कहा, 'यह बहुत ही मुश्किल तुलना है। लेकिन माराडोना तब आज के मेसी की तुलना में कहीं बेहतर खिलाड़ी थे।' कहा तो जा रहा है कि यह मेसी की आखिरी अग्निपरीक्षा के समान है।

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