लियोनेल मेसी का अर्जेंटीना के साथ सत्र समाप्त हो गया लेकिन इस बार वह अपनी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की तरफ से भी अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहे।
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ब्यूनसआयर्स:
लियोनेल मेसी का अर्जेंटीना के साथ सत्र समाप्त हो गया लेकिन इस बार वह अपनी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की तरफ से भी अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहे।
मेसी का 2012 में यह बदलाव विशिष्ट रहा। ऐसा खिलाड़ी जो अपने देश की तरफ से गोल करने में नाकाम रहता था उसने अचानक ही गैब्रियल बतिस्तुता के 1998 में बनाए गए एक वर्ष में 12 गोल के रिकॉर्ड की बराबरी कर दी। मेसी को इसके लिए केवल नौ मैच जरूरत पड़ी जबकि बतिस्तुता ने 12 मैच खेले थे। मेसी अपने क्लब बार्सिलोना की तरफ से हमेशा गोल करते थे लेकिन अर्जेंटीना की तरफ से उन्होंने इसी साल गोल करने शुरू किए।
मार्च 2009 और अक्टूबर 2011 के बीच वह 16 मैच में गोल नहीं कर पाए थे। इनमें विश्वकप क्वालीफायर्स के सात मैच, विश्वकप के पांच मैच और महाद्वीपीय चैंपियनशिप कोपा अमेरिका के चार मैच शामिल हैं। इससे उनकी आलोचना भी खूब हुई। कई रिपोर्टों में कहा गया कि वह देशभक्त नहीं हैं या फुटबॉल के दीवाने अर्जेंटीना में उन पर जो दबाव रहता है वह उसे नहीं झेल पाते हैं।
अर्जेंटीना के नये कोच अलेजांड्रो साबेला के आने से मेसी ने भी अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। साबेला को 15 महीने पहले टीम के कोपा अमेरिका के क्वार्टर-फाइनल से बाहर होने के बाद बाहर कर दिया गया था।
मेसी के लिए 2012 का वर्ष शानदार रहा। उन्होंने अर्जेंटीना की तरफ से अपने करियर गोल की संख्या 31 पर पहुंचाई। वह अब डियगो माराडोना से तीन गोल पीछे है। अर्जेंटीना की तरफ से बतिस्तुता ने सर्वाधिक 56 गोल किए हैं। उनके बाद हर्नेन क्रेस्पो (50) का नंबर आता है। मेसी इन सभी रिकॉर्ड को ब्राजील में 2014 में होने वाले विश्वकप में तोड़ सकते है।
यह मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं। जब साबेला ने कोच पद संभाला था तो मेसी ने साफ कर दिया था कि वह अपने साथ दो फॉरवर्ड सर्जियो अगुएरो और गोंजालो हिगुएन को लेकर खेलना चाहते हैं। साबेलो ने उनकी बात मानी और अब परिणाम सामने है।
मेसी का 2012 में यह बदलाव विशिष्ट रहा। ऐसा खिलाड़ी जो अपने देश की तरफ से गोल करने में नाकाम रहता था उसने अचानक ही गैब्रियल बतिस्तुता के 1998 में बनाए गए एक वर्ष में 12 गोल के रिकॉर्ड की बराबरी कर दी। मेसी को इसके लिए केवल नौ मैच जरूरत पड़ी जबकि बतिस्तुता ने 12 मैच खेले थे। मेसी अपने क्लब बार्सिलोना की तरफ से हमेशा गोल करते थे लेकिन अर्जेंटीना की तरफ से उन्होंने इसी साल गोल करने शुरू किए।
मार्च 2009 और अक्टूबर 2011 के बीच वह 16 मैच में गोल नहीं कर पाए थे। इनमें विश्वकप क्वालीफायर्स के सात मैच, विश्वकप के पांच मैच और महाद्वीपीय चैंपियनशिप कोपा अमेरिका के चार मैच शामिल हैं। इससे उनकी आलोचना भी खूब हुई। कई रिपोर्टों में कहा गया कि वह देशभक्त नहीं हैं या फुटबॉल के दीवाने अर्जेंटीना में उन पर जो दबाव रहता है वह उसे नहीं झेल पाते हैं।
अर्जेंटीना के नये कोच अलेजांड्रो साबेला के आने से मेसी ने भी अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। साबेला को 15 महीने पहले टीम के कोपा अमेरिका के क्वार्टर-फाइनल से बाहर होने के बाद बाहर कर दिया गया था।
मेसी के लिए 2012 का वर्ष शानदार रहा। उन्होंने अर्जेंटीना की तरफ से अपने करियर गोल की संख्या 31 पर पहुंचाई। वह अब डियगो माराडोना से तीन गोल पीछे है। अर्जेंटीना की तरफ से बतिस्तुता ने सर्वाधिक 56 गोल किए हैं। उनके बाद हर्नेन क्रेस्पो (50) का नंबर आता है। मेसी इन सभी रिकॉर्ड को ब्राजील में 2014 में होने वाले विश्वकप में तोड़ सकते है।
यह मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं। जब साबेला ने कोच पद संभाला था तो मेसी ने साफ कर दिया था कि वह अपने साथ दो फॉरवर्ड सर्जियो अगुएरो और गोंजालो हिगुएन को लेकर खेलना चाहते हैं। साबेलो ने उनकी बात मानी और अब परिणाम सामने है।
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