भारतीय क्रिकेट टीम ने अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली के संशोधित प्रारूप का स्वागत किया है।
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ब्रिज टाउन:
भारतीय क्रिकेट टीम ने अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के संशोधित प्रारूप का स्वागत किया है जिसके तहत द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में बॉल ट्रैकर तकनीक का इस्तेमाल वैकल्पिक रहेगा। टीम के एक सीनियर सदस्य ने अभ्यास सत्र के बाद कहा , यह अच्छी बात है कि ट्रैकर व्यवस्था वैकल्पिक हो गई है। हमें इसी पर ऐतराज था। आईसीसी कार्यकारी समिति की हांगकांग में हुई बैठक में यूडीआरएस का प्रयोग टेस्ट और वनडे दोनों के लिए अनिवार्य कर दिया गया। इस फैसले के साथ शर्त यह थी कि बॉल ट्रैकर तकनीक की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई। इस तकनीक से यह पता चलता है कि गेंदबाज के हाथ से निकलने के बाद गेंद किस दिशा में जाएगी। नए नियम के तहत यदि कोई देश राजी नहीं होता है तो द्विपक्षीय श्रृंखला में यूडीआरएस का इस्तेमाल इस तकनीक के बिना किया जाएगा। इसके मायने है कि भारत और इंग्लैंड के बीच अगले महीने होने वाली श्रृंखला में यूडीआरएस का इस्तेमाल ट्रैकर तकनीक के बिना किया जाएगा। भारत और वेस्टइंडीज के बीच मौजूदा श्रृंखला में यूडीआरएस का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। क्रिकेटर ने बताया कि भारतीय टीम और बीसीसीआई यूडीआरएस की ट्रैकर प्रणाली के खिलाफ क्यों थे। उन्होंने कहा , ट्रैकर व्यवस्था में खामी है। पहले तो यह कि कैमरा अंपायर के ठीक पीछे नहीं होता है। दूसरा यह कि टप्पा खाने के बाद गेंद की वास्तविक ऊंचाई का तकनीक से अनुमान नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने कहा, तेज हवा, गति में बदलाव और असमान उछाल स्टम्प तक पहुंचने पर गेंद की वास्तविक ऊंचाई में काफी अंतर पैदा कर सकते हैं।
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डीआरएस, समीक्षा प्रणाली भारत