भारत के युवा मुक्केबाजों ने सर्बिया के किकिंडा में संपन्न हुए अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट ‘गोल्डन ग्लव आफ वोजवोदिना’ में चार स्वर्ण सहित नौ पदक अपनी झोली में डाले।
                                            
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        भारत के युवा मुक्केबाजों ने सर्बिया के किकिंडा में संपन्न हुए अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट ‘गोल्डन ग्लव आफ वोजवोदिना’ में चार स्वर्ण सहित नौ पदक अपनी झोली में डाले।
ए सिलामबरसन (52 किग्रा) को टूर्नामेंट का ‘बेस्ट फाइटर’ घोषित किया गया। उन्होंने और मनीष सोलंकी (69 किग्रा) ने पुरुष वर्ग से स्वर्ण पदक हासिल किए जबकि राजेश कुमारी (48 किग्रा) और चंदा उदानशिवे (51 किग्रा) ने महिला वर्ग में सोने के पदक जीते।
युवा विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदकधारी ललिता प्रसाद (49 किग्रा) और मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन नीरज पराशर (64 किग्रा) को खिताबी बाउट में हारने से रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
मार्थाम्मा सातिवादा (64 किग्रा), दीक्षा (91 किग्रा) और पेमा चोटान (91 किग्रा से अधिक) ने भी रजत पदक हासिल किए।
वर्ष 2012 एगलोराव कप के रजत पदकधारी सिलामबरसन ने फ्लाईवेट वर्ग में शानदार फार्म जारी रखते हुए स्काटलैंड के स्टीफन बायल को पस्त किया।
वेल्टरवेट मुक्केबाज सोलंकी ने स्थानीय मुक्केबाज स्टानोजेविच लाजार के खिलाफ बेहतरीन पंच से जीत दर्ज की। 2012 के जूनियर कांस्य पदकधारी ने इस तरह सर्वसम्मति से हुए फैसले से अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक हासिल किया।
                                                                        
                                    
                                ए सिलामबरसन (52 किग्रा) को टूर्नामेंट का ‘बेस्ट फाइटर’ घोषित किया गया। उन्होंने और मनीष सोलंकी (69 किग्रा) ने पुरुष वर्ग से स्वर्ण पदक हासिल किए जबकि राजेश कुमारी (48 किग्रा) और चंदा उदानशिवे (51 किग्रा) ने महिला वर्ग में सोने के पदक जीते।
युवा विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदकधारी ललिता प्रसाद (49 किग्रा) और मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन नीरज पराशर (64 किग्रा) को खिताबी बाउट में हारने से रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
मार्थाम्मा सातिवादा (64 किग्रा), दीक्षा (91 किग्रा) और पेमा चोटान (91 किग्रा से अधिक) ने भी रजत पदक हासिल किए।
वर्ष 2012 एगलोराव कप के रजत पदकधारी सिलामबरसन ने फ्लाईवेट वर्ग में शानदार फार्म जारी रखते हुए स्काटलैंड के स्टीफन बायल को पस्त किया।
वेल्टरवेट मुक्केबाज सोलंकी ने स्थानीय मुक्केबाज स्टानोजेविच लाजार के खिलाफ बेहतरीन पंच से जीत दर्ज की। 2012 के जूनियर कांस्य पदकधारी ने इस तरह सर्वसम्मति से हुए फैसले से अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक हासिल किया।
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