- बबीता की बड़ी बहन गीता फोगट ने कॉमनवेल्थ गेम्स में पहला गोल्ड जीता था
- बबीता ने भी 2010 कॉमनवेल्थ में रजत व 2014 कॉमनवेल्थ में स्वर्ण जीता था
- यूट्यूब पर एक वीडियो में बबीता कुमारी खुद अपनी कहानी सुना रही हैं
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नई दिल्ली:
बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान जल्द ही फिल्म 'दंगल' में हरियाणा के एक ऐसे पहलवान महावीर फोगट की कहानी पेश करते नज़र आएंगे, जिसने अपनी बेटियों को एक ऐसे खेल में पदक जीतने के लिए तैयार करने का बीड़ा उठाया, जिसमें लड़कियों की शिरकत ही अकल्पनीय हुआ करती थी...
लेकिन आमिर खान द्वारा निभाए जुनूनी पहलवान कोच की कहानी जिन बेटियों के गिर्द घूमती है, उनमें से एक हैं बबीता कुमारी, जिन्होंने अपनी पिता के सपनों को नया आयाम दिया और उन्हें 'कामयाब' कोच होने का सुखद एहसास दिलाया...
पहलवानी को अपना धर्म मानने वाले फोगट परिवार में 20 नवंबर, 1989 को जन्मी बबीता कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाली पहलवान गीता फोगट की छोटी बहन हैं, और बबीता कुमारी ने खुद भी 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीतने के बाद 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर देश और पिता का नाम रोशन किया...
बबीता कुमारी देश के लिए पदक की उम्मीदें लेकर रियो ओलिम्पिक 2016 में भाग ले रही हैं, और उन्हें शुभकामनाएं देने के उद्देश्य से यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया गया है, जिसमें बबीता खुद अपनी कहानी सुना रही हैं, ताकि देश की अन्य बेटियां भी प्रेरणा पा सकें...
इस वीडियो में बबीता कुमारी बता रही हैं कि उनके पिता ने ट्रेनिंग देने के मामले में उनमें और लड़कों में कभी भेद नहीं किया, और वह बेहद कड़ी ट्रेनिंग करवाने के साथ-साथ गलती होने पर लड़कों की ही तरह उन्हें भी पीट दिया करते थे... बबीता ने बताया कि उनके पिता ने वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी को देखकर उन्हें पहलवान बनाने का ख्वाब देखा, और उन्हें अखाड़े में उतार दिया... उनका कहना था, जब कर्णम लड़की होकर देश के लिए मेडल ला सकती है, तो उनकी बेटियां क्यों नहीं...
आइए देखते हैं, बबीता कुमारी को उस वीडियो में, जिसके ज़रिये उन्हें और रियो ओलिम्पिक 2016 में पहुंचे अन्य भारतीय खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी गई हैं...
लेकिन आमिर खान द्वारा निभाए जुनूनी पहलवान कोच की कहानी जिन बेटियों के गिर्द घूमती है, उनमें से एक हैं बबीता कुमारी, जिन्होंने अपनी पिता के सपनों को नया आयाम दिया और उन्हें 'कामयाब' कोच होने का सुखद एहसास दिलाया...
पहलवानी को अपना धर्म मानने वाले फोगट परिवार में 20 नवंबर, 1989 को जन्मी बबीता कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाली पहलवान गीता फोगट की छोटी बहन हैं, और बबीता कुमारी ने खुद भी 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीतने के बाद 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर देश और पिता का नाम रोशन किया...
बबीता कुमारी देश के लिए पदक की उम्मीदें लेकर रियो ओलिम्पिक 2016 में भाग ले रही हैं, और उन्हें शुभकामनाएं देने के उद्देश्य से यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया गया है, जिसमें बबीता खुद अपनी कहानी सुना रही हैं, ताकि देश की अन्य बेटियां भी प्रेरणा पा सकें...
इस वीडियो में बबीता कुमारी बता रही हैं कि उनके पिता ने ट्रेनिंग देने के मामले में उनमें और लड़कों में कभी भेद नहीं किया, और वह बेहद कड़ी ट्रेनिंग करवाने के साथ-साथ गलती होने पर लड़कों की ही तरह उन्हें भी पीट दिया करते थे... बबीता ने बताया कि उनके पिता ने वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी को देखकर उन्हें पहलवान बनाने का ख्वाब देखा, और उन्हें अखाड़े में उतार दिया... उनका कहना था, जब कर्णम लड़की होकर देश के लिए मेडल ला सकती है, तो उनकी बेटियां क्यों नहीं...
आइए देखते हैं, बबीता कुमारी को उस वीडियो में, जिसके ज़रिये उन्हें और रियो ओलिम्पिक 2016 में पहुंचे अन्य भारतीय खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी गई हैं...
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