हरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में भारतीय जूनियर पुरुष टीम 2016 में वर्ल्डकप जीत चुकी है (© Hockey India)
- हरेंद्र सिंह 2009 से 2011 तक पुरुष टीम के कोच रहे हैं
- उनके मार्गदर्शन में पुरुष जूनियर टीम ने वर्ल्डकप जीता था
- हरेंद्र बोले, पुरुष हॉकी टीम की जिम्मेदारी मिलना बड़ा सम्मान
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नई दिल्ली:
भारतीय पुरुष हॉकी टीम को कोच में जल्दी-जल्दी बदलाव का दौर जारी है. एक हैरानीभरे फैसले में हॉकी इंडिया (एचआई) ने महिला हॉकी टीम के कोच हरेंद्र सिंह को आज भारतीय पुरुष टीम का मुख्य कोच नियुक्त कर दिया गया जबकि जबकि पुरुष टीम के कोच शोर्ड मारिन को राष्ट्रमंडल खेलों में खराब प्रदर्शन के बाद फिर महिला टीम की बागडोर सौंपी गई है. गौरतलब है कि हरेंद्र 2009 से 2011 तक पहले भी भारतीय पुरुष टीम के कोच रह चुके हैं. वह पिछले साल नवंबर से महिला टीम के कोच थे जब मारिन को रोलेंट ओल्टमेंस की जगह पुरुष टीम का कोच बनाया गया था.
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पुरुष टीम का कोच बनाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए हरेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम को संभालना मेरे लिए बड़े सम्मान की तरह है. भारतीय महिला हॉकी टीम के साथ मेरी यात्रा संतुष्ट करने वाली रही. मैं अब नई जिम्मेदारी सौंपने के लिए हॉकी इंडिया को धन्यवाद देना चाहता हूं. मेरे लिए पहली प्राथमिकता आने वाले सीजन के लिएटीम को तैयार करने की होगी.
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हरेंद्र के मार्गदर्शन में भारतीय जूनियर पुरुष टीम 2016 में वर्ल्डकप जीत चुकी है और महिला टीम गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स 201 में चौथे स्थान पर रही. इसके अलावा महिला टीम ने पिछले साल जापान में नौवां महिला एशिया कप खिताब भी जीता.
वीडियो: मलेशिया को हराकर भारतीय हॉकी टीम ने एशिया कप जीता
मारिन की बात करें तो उनके मार्गदर्शन में पुरुष टीम कॉमनवेल्थ गेम्स (गोल्ड कोस्ट) में पदक जीतने में नाकाम रही. कॉमनवेल्थ गेम्स में वर्ष 2006 के बाद पहली बार भारतीय पुरुष हॉकी टीम पदक के बिना लौटी है. (इनपुट: एजेंसी)
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पुरुष टीम का कोच बनाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए हरेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम को संभालना मेरे लिए बड़े सम्मान की तरह है. भारतीय महिला हॉकी टीम के साथ मेरी यात्रा संतुष्ट करने वाली रही. मैं अब नई जिम्मेदारी सौंपने के लिए हॉकी इंडिया को धन्यवाद देना चाहता हूं. मेरे लिए पहली प्राथमिकता आने वाले सीजन के लिएटीम को तैयार करने की होगी.
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हरेंद्र के मार्गदर्शन में भारतीय जूनियर पुरुष टीम 2016 में वर्ल्डकप जीत चुकी है और महिला टीम गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स 201 में चौथे स्थान पर रही. इसके अलावा महिला टीम ने पिछले साल जापान में नौवां महिला एशिया कप खिताब भी जीता.
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मारिन की बात करें तो उनके मार्गदर्शन में पुरुष टीम कॉमनवेल्थ गेम्स (गोल्ड कोस्ट) में पदक जीतने में नाकाम रही. कॉमनवेल्थ गेम्स में वर्ष 2006 के बाद पहली बार भारतीय पुरुष हॉकी टीम पदक के बिना लौटी है. (इनपुट: एजेंसी)
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