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This Article is From Oct 18, 2011

अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं युवा खिलाड़ी : धोनी

धोनी ने कहा, जीत हमेशा महत्वपूर्ण होती है और जब यह जीत युवाओं के दम पर मिलती है तो वह खास हो जाती है।'
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नई दिल्ली: भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो मैच में बड़ी जीत का श्रेय काफी हद तक युवा खिलाड़ियों को देते हुए सोमवार को कि कई बड़े नामों की अनुपस्थिति में इन क्रिकेटरों ने अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभायी है। धोनी ने दूसरे मैच में आठ विकेट की जोरदार जीत के बाद कहा, जीत हमेशा महत्वपूर्ण होती है और जब यह जीत युवाओं के दम पर मिलती है तो वह खास हो जाती है। मुझे खुशी है कि युवा खिलाड़ियों ने जरूरत के समय अच्छा प्रदर्शन किया। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बल्ले और गेंद से उनसे जैसे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे थे वे वैसा कर रहे हैं। भारतीय कप्तान ने विशेषकर रूप से तेज गेंदबाज आर विनयकुमार, उमेश यादव, विराट कोहली और स्पिनरों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, जीत का श्रेय पूरी टीम को जाता है लेकिन युवाओं का योगदान अहम रहा। भारत इस मैच में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, जहीर खान जैसे खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में खेल रहा है। धोनी ने कोहली के बारे में कहा, उसने वास्तव में बहुत अच्छी बल्लेबाजी की। वह युवा है और उसे ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करने के अधिक मौके दिए जाना जरूरी था ताकि उसे अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील करने का मौका मिल जाए। उसमें अब भी सुधार की जरूरत है लेकिन मुझे विश्वास है कि जिस तरह से उसने समय के साथ अपने खेल में सुधार जारी रखा है, वह आगे भी ऐसा करेगा। धोनी ने कहा, गंभीर की नंबर तीन पर पारी काफी महत्वपूर्ण रही। इंग्लैंड के गेंदबाजों को उस समय हल्की स्विंग मिल रही थी और ऐसे में विकेट पर जमे रहना अहम था। गौतम ने शानदार पारी खेली। उनके और कोहली के बीच की साझेदारी ने वास्तव में मैच कुछ हद तक एकतरफा कर दिया। उन्होंने यादव के बारे में कहा कि वह लगातार 130 और 140 किमी की गति से गेंदबाजी कर रहा है। लेकिन गति ही सब कुछ नहीं होती है। उसे सटीकता, जरूरत पड़ने पर बाउंसर, यार्कर और वैरीएशन भी सीखने होंगे। उम्मीद है कि अनुभव मिलने पर वह इन्हें सीखता रहेगा। इसके साथ ही उसे चोट से भी बचना होगा ताकि वह चोट के कारण कभी कोई मैच मिस नहीं करे। धोनी ने कहा, हम विनयकुमार और प्रवीण के योगदान को नहीं भूल सकते। उन्होंने हमें शुरू में ही सफलता दिलायी और फिर गेंदबाजों ने किसी भी समय लंबी साझेदारी नहीं बनने दी। यह काफी महत्वपूर्ण रहा। धोनी से जब पूछा गया कि भारत अपनी सरजमीं पर अच्छी जीत दर्ज कर रहा है जबकि इंग्लैंड में ऐसा नहीं कर पाया, उन्होंने कहा, मैं इसका एक कारण नहीं बता सकता। इसके कई कारण हो सकते हैं। मुझे लगता है कि वहां की परिस्थितियां हमारे स्पिनरों के अनुकूल नहीं थी जबकि वे हमारे आक्रमण के मुख्य अंग हैं। इसके अलावा वहां डकवर्थ लुईस के कारण भी हमारी कुछ मैच में हार हुई। इन जीत में कोच डंकन फ्लैचर के योगदान के बारे में उन्होंने कहा, फ्लैचर ने काफी प्रभाव डाला है। वह अब भी हमें वैसे ही इनपुट दे रहे हैं जैसे इंग्लैंड में दे रहे थे। कभी ये चल जाते हैं कभी नहीं चल पाते। आखिर में खेलना खिलाड़ियों को होता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर को सभी परिस्थितियों से तालमेल बिठाना आना जरूरी है। सही समय पर सही प्रदर्शन करना महत्व रखता है। हमने वैसे अपने एबीसी सभी प्लान तैयार रखे हैं।

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