ज्वाला गुट्टा का फाइल फोटो
ज्वाला गुट्टा पर अनुचित सजा की सिफारिश के लिए पूर्व और मौजूदा खिलाड़ियों की आलोचना झेल रही भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) ने आज इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय स्वंतत्र समिति नियुक्त करने का फैसला किया।
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नई दिल्ली:
ज्वाला गुट्टा पर अनुचित सजा की सिफारिश के लिए पूर्व और मौजूदा खिलाड़ियों की आलोचना झेल रही भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) ने आज इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय स्वंतत्र समिति नियुक्त करने का फैसला किया।
बाई ने पैनल को एक महीने के भीतर इसकी रिपोर्ट देने को कहा है, तब तक ज्वाला के नाम पर किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए विचार नहीं किया जाएगा, जिन्हें एक और कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा।
बाई की अनुशासन समिति ने ज्वाला पर आजीवन प्रतिबंध की सिफारिश की है और उसने अंतिम फैसला अध्यक्ष पर छोड़ दिया है।
बाई के महासचिव विजय सिन्हा ने बयान में कहा, खुद कार्रवाई करने के बजाय बाई के अध्यक्ष ने कार्यकारी समिति के सदस्यों से सलाह के बाद एक स्वंतत्र तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया जो ज्वाला गुट्टा को आगे कारण बताओ नोटिस जारी करेगी, जिसमें उनसे अनुशासन समिति द्वारा प्रस्तावित सजा पर एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा जाएगा। एक महीने के भीतर प्रस्तावित सजा पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। तीन सदस्यीय समिति में भारतीय ओलंपिक संघ के संयुक्त सचिव और उत्तर प्रदेश ओलिंपिक संघ के महासचिव आनंदेश्वर पांडे, भारतीय लूश महासंघ की अध्यक्ष दीपा मेहता तथा सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति की पूर्व सदस्य स्वाति शुक्ला शामिल हैं।
ज्वाला से सात दिन के अंदर कारण बताओ नोटिस का जवाब भेजने को कहा गया है।
बाई ने पैनल को एक महीने के भीतर इसकी रिपोर्ट देने को कहा है, तब तक ज्वाला के नाम पर किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए विचार नहीं किया जाएगा, जिन्हें एक और कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा।
बाई की अनुशासन समिति ने ज्वाला पर आजीवन प्रतिबंध की सिफारिश की है और उसने अंतिम फैसला अध्यक्ष पर छोड़ दिया है।
बाई के महासचिव विजय सिन्हा ने बयान में कहा, खुद कार्रवाई करने के बजाय बाई के अध्यक्ष ने कार्यकारी समिति के सदस्यों से सलाह के बाद एक स्वंतत्र तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया जो ज्वाला गुट्टा को आगे कारण बताओ नोटिस जारी करेगी, जिसमें उनसे अनुशासन समिति द्वारा प्रस्तावित सजा पर एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा जाएगा। एक महीने के भीतर प्रस्तावित सजा पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। तीन सदस्यीय समिति में भारतीय ओलंपिक संघ के संयुक्त सचिव और उत्तर प्रदेश ओलिंपिक संघ के महासचिव आनंदेश्वर पांडे, भारतीय लूश महासंघ की अध्यक्ष दीपा मेहता तथा सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति की पूर्व सदस्य स्वाति शुक्ला शामिल हैं।
ज्वाला से सात दिन के अंदर कारण बताओ नोटिस का जवाब भेजने को कहा गया है।
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