
भारत की बैडमिंटन प्लेयर ज्वाला गुट्टा ने हाल ही में करीब तीस लीटर ब्रेस्ट मिल्क डोनेट किया था, जिसके बाद उनके इस काम की खूब तारीफ हुई और लोगों ने ऐसा करने पर उन्हें धन्यवाद दिया. मां बनने के बाद कई महिलाओं में ब्रेस्ट मिल्क काफी ज्यादा बनता है, वहीं कुछ महिलाओं में इसका ठीक उल्टा होता है. ऐसे ही बच्चों के लिए कई महिलाएं अपना ब्रेस्ट मिल्क डोनेट करती हैं. अब तमाम महिलाओं के जहन में ये सवाल है कि क्या कोई भी ब्रेस्ट मिल्क डोनेट कर सकता है और इसके लिए आखिर क्या करना होता है.
क्यों डोनेट किया जाता है ब्रेस्ट मिल्क?
मां का दूध बच्चे के लिए किसी अमृत से कम नहीं होता है, इसमें वो तमाम पौषिक तत्व होते हैं, जिससे बच्चे का तेजी से विकास होता है. भले ही आज इसके कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन वो उस हद तक कारगर साबित नहीं होते हैं. खासतौर पर प्रीमेच्योर यानी वक्त से पहले पैदा होने वाले कमजोर और अंडरवेट बच्चों को ब्रेस्ट मिल्क की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. कई मामलों में ये नवजात को नई जिंदगी देने का काम कर सकता है. यही वजह है कि महिलाएं अपना ब्रेस्ट मिल्क डोनेट करती हैं.
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क्या कोई भी दान कर सकता है ब्रेस्ट मिल्क?
भारत में कोई भी महिला ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन के लिए आवेदन कर सकती है. इसके लिए मिल्क बैंक में जानकारी देनी होती है. तमाम शहरों में ऐसे मिल्क डोनेशन सेंटर बनाए गए हैं, जहां जाकर महिलाएं ब्रेस्ट मिल्क दान कर सकती हैं. इसके अलावा ब्रेस्ट मिल्क को स्टोर कर मिल्क बैंक में भी भेज सकती हैं. मिल्क बैंक में इस दूध को प्रिजर्व करके रखा जाता है और जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाया जाता है. भारत में फिलहाल करीब 100 से ज्यादा मिल्क बैंक हैं.
दुनिया के तमाम देशों में महिलाएं अतिरिक्त ब्रेस्ट मिल्क को खूब डोनेट करती हैं, वहीं भारत में इसे लेकर फिलहाल जागरुकता कम है. बड़े शहरों में कुछ ही महिलाएं इसके लिए आवेदन करती हैं या फिर मिल्क बैंक तक पहुंचती हैं, यही वजह है कि अस्पतालों में जितनी जरूरत है, उतना दूध नहीं मिल पाता है.
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