बैडमिंटन विश्व महासंघ ने नया ड्रेसकोड लागू किया है जिसके तहत एक मई से सभी महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए स्कर्ट पहनना अनिवार्य होगा।
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नई दिल्ली:
कोर्ट पर स्कर्ट पहनना अनिवार्य बनाने वाले एक नए नियम से भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी काफी परेशान हैं जिनका कहना है कि इससे लड़कियां इस खेल को अपनाने से कतराने लगेंगी। बैडमिंटन विश्व महासंघ ने नया ड्रेसकोड लागू किया है जिसके तहत एक मई से सभी महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए स्कर्ट पहनना अनिवार्य होगा। वे शार्ट्स भी पहन सकती हैं लेकिन उसके उपर स्कर्ट पहननी होगी। भारत की सबसे सफल युगल खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा कोर्ट पर स्कर्ट पहनती हैं लेकिन उनका भी मानना है कि यह कोई शर्त नहीं होनी चाहिए। बैडमिंटन को टेनिस की तरह ग्लैमरस बनाने की कवायद में बीडब्ल्यूएफ ने नया नियम बनाया है। ज्वाला ने कहा कि खेल में ग्लैमर होना जरूरी है लेकिन स्कर्ट पहनना अनिवार्य नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे खिलाड़ी की स्वतंत्रता में बाधा पैदा हो सकती। ज्वाला ने कहा, खिलाड़ी अलग-अलग पृष्ठभूमि और देशों से आते हैं। कुछ देश काफी रूढ़िवादी भी है लिहाजा खिलाड़ियों को यह विचार पसंद आए, यह जरूरी नहीं है। वहीं अश्विनी ने कहा, मैं इस फैसले से खुश हूं लेकिन मुझे पता है कि कई लड़कियां इसमें सहज नहीं रहेंगी। काफी भारतीय लड़कियां शॉर्ट पहनना पसंद करती है और वे शार्ट्स में ही खेलती हैं। उन्हें स्कर्ट के भीतर शॉर्ट्स खेलने की आदत अपनाने में समय लगेगा।
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