Shivling Prasad: सावन ( Sawan) में भक्त भोल शंकर (Puja of Lord Shiva) की पूजा और भक्ति में लीन रहते हैं. यूं तो भगवान शिव को भोले भंडारी माना जाता है और वे सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन भक्त शिव (Lord Shiva) की पूजा के लिए शिवलिंग पर भांग धतुरा, बेलपत्र से लेकर कई तरह के फल और मिठाइयां चढ़ाते हैं. शिव भगवान की पूजा करने और उन्हें भोग लगाने के कई नियम भी हैं. मान्यता है कि शिवलिंग पर चढ़ाए गए फल व मिठाइयों को न तो घर लाना चाहिए और न ही खाना चाहिए. आइए जानते हैं क्यों और किस शिवलिंग पर चढ़े प्रसाद को ग्रहण करने की है मनाही.
शिव प्रसाद का महत्व (Importance Of Shiv Prasad)
शिव पुराण के अनुसार भगवान शंकर की पूजा के लिए शिवलिंग पर प्रसाद चढ़ाने से जातक के सभी पाप कर्म नष्ट हो जाते है. बीमारियों और कष्टों से छुटकारा मिल जाता है और जीवन में दिव्यता और प्रकाश फैल जाता है.
शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव के मुख से उनके गण चंडेश्वर की उत्पत्ति हुई थी. चंडेश्वर को भूत प्रेतों का प्रमुख माना जाता है और शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद में चंडेश्वर को प्राप्त होता है. यही वजह है कि शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को ग्रहण करने की मनाही होती है.
किस शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद कर सकते हैं ग्रहण
शिवलिंग मिट्टी, पत्थर समेत कई धातुओं से निर्मित किए जाते हैं. सभी प्रकार के शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद में चंडेश्वर का नहीं होता है. साधारण पत्थर, मिट्टी, और चीनी मिट्टी से बने शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को ग्रहण करने के बजाए नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए. धातु या पारद की शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को ग्रहण किया जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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