
वर्ल्ड फेमस साउथ कोरियन कार कंपनी, जिसने बेहद कम वक्त में भारतीय कस्टमर्स के बीच अपनी अलग पहचान बना ली. उस कार कंपनी के 900 इंजन चोरी होने का बड़ा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है. अक्सर गाड़ियां चोरी होने की खबरें तो सामने आती ही रहती है, लेकिन कोई इतने सारे इंजन चोरी कर ले जाए और किसी को इसकी कानों-कान भनक ना लगे, भला ऐसा कैसे हो सकता है. लेकिन ऐसा हकीकत में हुआ है और वो भी भारत के आंध्र प्रदेश में. जहां साउथ कोरियन कार कंपनी किआ के पेनुकोंडा प्लांट से पिछले 5 सालों में करीब 900 कार इंजन गायब कर दिए गए.

कैसे पता लगी 900 इंजन चोरी होने की बात
ये चोरी इतनी गुपचुप तरीके से हुई कि किसी को कुछ नहीं मालूम हुआ. अब जाकर कंपनी ने इस बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज की है. इंजन चोरी के बारे में तब पता हुआ जब कंपनी का ऑडिट किया जा रहा था. इसी ऑडिट में खुलासा हुआ कि एक या दो नहीं बल्कि 900 इंजन चोरी हो गए. इतनी बड़ी तादाद में इंजन चोरी होने की बात पता लगते ही हर किसी के होश उड़ गए. असल में ये मामला 19 मार्च को पुलिस के सामने आया है. अब पुलिस इस मामले की उलझी हुई गुत्थी को सुलझाने की मशक्कत में लगी है.

भारत में किआ की कारें पिछले कुछ सालों में काफी लोकप्रिय हुई है. साल 2019 में अपनी पहली गाड़ी, सेल्टोस, के साथ भारतीय बाजार में कदम रखने वाली इस साउथ कोरियाई कंपनी ने तेजी से लोगों का दिल जीत लिया. किआ की गाड़ियां प्रीमियम तो लगती हैं, लेकिन जेब पर बहुत भारी नहीं पड़तीं. 8 लाख से शुरू होकर 20 लाख तक के रेंज में ये कारें ऐसी सुविधाएं देती हैं, जो बाकी ब्रांड्स ऊंची कीमत पर देते हैं.

2020 से हो रही थी इंजन की चोरी
पुलिस का कहना है कि ये चोरियां साल 2020 से शुरू हो चुकी थीं. पेनुकोंडा के सब-डिवीजनल पुलिस ऑफिसर वाई. वेंकटेश्वरलु ने इस बारे में बात करते हुए बताया, "900 इंजन चोरी का मामला महज कोई एक दिन का खेल नहीं था. पांच सालों तक चोरी का ये सिलसिला बदस्तूर यूं ही चलता रहा. फिलहाल तो हम गहराई तक जाएंगे और सच बाहर लाएंगे." शुरुआती जांच में 900 इंजनों की चोरी की पुष्टि हो चुकी है. हैरानी की बात ये कि ये इंजन प्लांट के अंदर से भी गए और रास्ते में ट्रांसपोर्ट के दौरान भी गायब हुए. पुलिस को शक है कि ये सब एक अंदरूनी साजिश का नतीजा है.

आखिर किसने चुराए 900 इंजन
वेंकटेश्वरलु ने साफ कहा, "बाहर वालों का हाथ नहीं, ये काम अंदर वालों का है. प्लांट से एक छोटा सा पुर्जा भी बिना इजाजत बाहर नहीं जा सकता." उनका मानना है कि मौजूदा और पुराने कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा खेल मुमकिन नहीं. पुलिस ने खास टीमें बनाई हैं, जो हर कागज, हर रिकॉर्ड को खंगाल रही हैं. पुराने कर्मचारियों पर नजर है, और मौजूदा स्टाफ से भी पूछताछ का दौर शुरू हो गया है.
इंजन चोरी पर कंपनी ने क्या कुछ बताया
हालांकि इस बारे में कंपनी की तरफ से अभी कोई जवाब नहीं आया. सवाल ये कि पांच साल तक इतनी बड़ी चोरी कैसे छिपी रही? किआ ने न तो अपने इन्वेंट्री सिस्टम की खामियों पर कुछ कहा, न ही चोरी हुए इंजनों की कीमत के बारे में कुछ बताया. कई सवालों का जवाब मांगने वाली एक ईमेल का भी कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला. ये मामला सिर्फ चोरी की कहानी नहीं, बल्कि एक सबक है. किआ का प्लांट, जहां हर दिन गाड़ियां बनती हैं, वो आज सवालों के घेरे में है. पुलिस की जांच हर उस कोने को टटोल रही है, जहां से सच को बाहर लाया जा सकें.
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