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हाईकोर्ट ने पायलट कैंप को 14 जुलाई के नोटिस से राहत दी, लेकिन CM गहलोत के इस दांव से कैसे बचेंगे?
- Friday July 24, 2020
- Written by: मानस मिश्रा
राजस्थान में सचिन पायलट (Sachin Pilot) कैंप की ओर से हाईकोर्ट का फैसला आने से पहले ठीक पहले याचिका दी गई कि 14 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दिए गए दल बदल कानून के तहत नोटिस के मामले में केंद्र को भी पार्टी बनाया जाए. इस पर हाईकोर्ट ने अर्जी स्वीकार कर ली. लेकिन थोड़ी देर बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश दिया कि विधानसभा स्पीकर के नोटिस पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होगी और अब इस पर सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 10(1A)की वैधता पर फैसला सुनाएगा. यानी देश की सर्वोच्च अदालत फैसला करेगी कि क्या विधानसभा अध्यक्ष के इस नोटिस पर कोर्ट हस्तक्षेप कर सकती है. लेकिन यह अहम बात है कि कोर्ट ने इस पर रोक नहीं लगाई है कि अगर विधानसभा सत्र बुलाया जाता है और पार्टी की ओर से जारी व्हिप का उल्लंघन करने पर विधानसभा अध्यक्ष दल-बदल कानून के तहत नोटिस नहीं जारी कर सकते हैं.
- ndtv.in
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दल बदल कानून को और सख्त बनाया जाना चाहिए: दिग्विजय सिंह
- Sunday June 7, 2020
- Reported by: भाषा
दिग्विजय ने यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं को बताया, ':पूर्व प्रधानमंत्री: राजीव गांधी ने वर्ष 1985 में देश में सख्त दल बदल कानून लागू किया था. इस दल बदल कानून में बदलाव होना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'इस कानून में बंदिश होनी चाहिए कि दल बदलने वाला :विधायक या सांसद: छह साल तक कोई चुनाव न लड़ सके और न ही कोई पद ले सके.'
- ndtv.in
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सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली में प्रियंका को चुनौती दे रही अदिति सिंह से कांग्रेस नहीं छीन सकती MLA की कुर्सी?
- Friday May 22, 2020
- Written by: मानस मिश्रा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में सदर विधायक अदिति सिंह कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किल बन गई हैं. उनके बागी तेवर पार्टी को खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं. हाल ही में प्रियंका गांधी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच हुए बस विवाद में अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी पर सवाल उठा दिए. लेकिन आपको बता दें कि उनके बागी रुख की वजह से पार्टी ने बीते साल की यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को पत्र लिखकर उनकी विधानसभा सदस्यता खारिज करने का पत्र लिखा था. लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं है. लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि कांग्रेस भले ही अदिति सिंह पर कार्रवाई करते हुए पार्टी से निकाल दे लेकिन उनकी विधायक पद वाली कुर्सी नहीं छीन सकती है. इसके पीछे दल-बदल कानून है.
- ndtv.in
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विदेशी चंदे पर फिर कोर्ट में घिरेगी सरकार! FCRA कानून में बदलाव को दी जाएगी चुनौती
- Wednesday March 21, 2018
- Reported by: हृदयेश जोशी
विदेशी कंपनियों से चंदा लेने के मामले में बीजेपी और कांग्रेस पर संकट के बादल आसानी से नहीं छटेंगे. सरकार ने वित्त विधेयक के ज़रिये 1976 के FCRA कानून को भले ही बदल दिया हो लेकिन चुनाव सुधार के लिये लड़ रही संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफोर्म का कहना है कि वह इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी.
- ndtv.in
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हाईकोर्ट ने पायलट कैंप को 14 जुलाई के नोटिस से राहत दी, लेकिन CM गहलोत के इस दांव से कैसे बचेंगे?
- Friday July 24, 2020
- Written by: मानस मिश्रा
राजस्थान में सचिन पायलट (Sachin Pilot) कैंप की ओर से हाईकोर्ट का फैसला आने से पहले ठीक पहले याचिका दी गई कि 14 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दिए गए दल बदल कानून के तहत नोटिस के मामले में केंद्र को भी पार्टी बनाया जाए. इस पर हाईकोर्ट ने अर्जी स्वीकार कर ली. लेकिन थोड़ी देर बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश दिया कि विधानसभा स्पीकर के नोटिस पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होगी और अब इस पर सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 10(1A)की वैधता पर फैसला सुनाएगा. यानी देश की सर्वोच्च अदालत फैसला करेगी कि क्या विधानसभा अध्यक्ष के इस नोटिस पर कोर्ट हस्तक्षेप कर सकती है. लेकिन यह अहम बात है कि कोर्ट ने इस पर रोक नहीं लगाई है कि अगर विधानसभा सत्र बुलाया जाता है और पार्टी की ओर से जारी व्हिप का उल्लंघन करने पर विधानसभा अध्यक्ष दल-बदल कानून के तहत नोटिस नहीं जारी कर सकते हैं.
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दल बदल कानून को और सख्त बनाया जाना चाहिए: दिग्विजय सिंह
- Sunday June 7, 2020
- Reported by: भाषा
दिग्विजय ने यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं को बताया, ':पूर्व प्रधानमंत्री: राजीव गांधी ने वर्ष 1985 में देश में सख्त दल बदल कानून लागू किया था. इस दल बदल कानून में बदलाव होना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'इस कानून में बंदिश होनी चाहिए कि दल बदलने वाला :विधायक या सांसद: छह साल तक कोई चुनाव न लड़ सके और न ही कोई पद ले सके.'
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सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली में प्रियंका को चुनौती दे रही अदिति सिंह से कांग्रेस नहीं छीन सकती MLA की कुर्सी?
- Friday May 22, 2020
- Written by: मानस मिश्रा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में सदर विधायक अदिति सिंह कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किल बन गई हैं. उनके बागी तेवर पार्टी को खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं. हाल ही में प्रियंका गांधी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच हुए बस विवाद में अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी पर सवाल उठा दिए. लेकिन आपको बता दें कि उनके बागी रुख की वजह से पार्टी ने बीते साल की यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को पत्र लिखकर उनकी विधानसभा सदस्यता खारिज करने का पत्र लिखा था. लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं है. लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि कांग्रेस भले ही अदिति सिंह पर कार्रवाई करते हुए पार्टी से निकाल दे लेकिन उनकी विधायक पद वाली कुर्सी नहीं छीन सकती है. इसके पीछे दल-बदल कानून है.
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विदेशी चंदे पर फिर कोर्ट में घिरेगी सरकार! FCRA कानून में बदलाव को दी जाएगी चुनौती
- Wednesday March 21, 2018
- Reported by: हृदयेश जोशी
विदेशी कंपनियों से चंदा लेने के मामले में बीजेपी और कांग्रेस पर संकट के बादल आसानी से नहीं छटेंगे. सरकार ने वित्त विधेयक के ज़रिये 1976 के FCRA कानून को भले ही बदल दिया हो लेकिन चुनाव सुधार के लिये लड़ रही संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफोर्म का कहना है कि वह इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी.
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