प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नए साल की पूर्व संध्या पर दिया गया पूरा भाषण

  • 42:34
  • प्रकाशित: दिसम्बर 31, 2016
सिनेमा व्‍यू
Embed
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए कहा कि बैंकिंग को सामान्य करने पर उनका जोर है. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सबका साथ-सबका विकास. इसके चरितार्थ करने के लिए नव वर्ष की पूर्व संध्या पर देश के सवा सौ करोड़ लोगों के लिए सरकार कुछ नई योजनाएं ला रही हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नए साल की पूर्व संध्या पर दिया गया पूरा भाषण

मेरे प्यारे देशवासियों,

कुछ ही घंटों के बाद हम सब 2017 के नववर्ष का स्वागत करेंगे. भारत के सवा सौ करोड़ नागरिक नया संकल्प, नई उमंग, नया जोश, नए सपने लेकर स्वागत करेंगे.

दीवाली के तुरंत बाद हमारा देश ऐतिहासिक शुद्धि यज्ञ का गवाह बना है. सवा सौ करोड़ देशवासियों के धैर्य और संकल्पशक्ति से चला यह शुद्धि यज्ञ आने वाले अनेक वर्षों तक देश की दिशा निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाएगा.

ईश्वर दत्त मानव स्वभाव अच्छाइयों से भरा रहता है. लेकिन समय के साथ आई विकृतियों, बुराइयों के जंजाल में वह घुटन महसूस करने लगता है. भीतर की अच्छाई के कारण, विकृतियों और बुराइयों की घुटन से बाहर निकलने के लिए वह छटपटाता रहता है. हमारे राष्ट्र जीवन और समाज जीवन में भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोटों के जाल ने ईमानदार को भी घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था. उसका मन स्वीकार नहीं करता था, लेकिन उसे परिस्थितियों को सहना पड़ता था, स्वीकार करना पड़ता था.

दीवाली के बाद की घटनाओं से सिद्ध हो चुका है कि करोड़ों देशवासी ऐसी घुटन से मुक्ति के अवसर की तलाश कर रहे थे.

हमारे देशवासियों की अंतर ऊर्जा को हमने कई बार अनुभव किया है. चाहे सन 62 का बाहरी आक्रमण हो, 65 का हो, 71 का हो, या कारगिल का युद्ध हो, भारत के कोटि-कोटि नागरिकों की संगठित शक्तियों और अप्रतिम देशभक्ति के हमने दर्शन किए हैं. कभी न कभी बुद्धिजीवी वर्ग इस बात की चर्चा ज़रूर करेगा कि बाह्य शक्तियों के सामने तो देशवासियों का संकल्प सहज बात है, लेकिन जब देश के कोटि-कोटि नागरिक अपने ही भीतर घर कर गई बीमारियों के खिलाफ, बुराइयों के खिलाफ, विकृतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतरते हैं, तो वह घटना हर किसी को नए सिरे से सोचने के लिए प्रेरित करती है.

दीवाली के बाद लगातार देशवासी दृढ़संकल्प के साथ, अप्रतिम धैर्य के साथ, त्याग की पराकाष्ठा करते हुए, कष्ट झेलते हुए, बुराइयों को पराजित करने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. जब हम कहते हैं कि "कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी", इस बात को देशवासियों ने जीकर दिखाया है.

कभी लगता था सामाजिक जीवन की बुराइयां-विकृतियां जाने-अनजाने में, इच्छा-अनिच्छा से हमारी ज़िन्दगी का हिस्सा बन गए हैं, लेकिन 8 नवंबर के बाद की घटनाएं हमें पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करती हैं.

सवा सौ करोड़ देशवासियों ने तकलीफें झेलकर, कष्ट उठाकर सिद्ध कर दिया है कि हर हिन्दुस्तानी के लिए सच्चाई और अच्छाई कितनी अहमियत रखती है.

काल के कपाल पर यह अंकित हो चुका है कि जनशक्ति का सामर्थ्य क्या होता है, उत्तम अनुशासन किसे कहते हैं, अप-प्रचार की आंधी में सत्य को पहचानने की विवेक बुद्धि किसे कहते हैं. सामर्थ्यवान, बेबाक-बेईमानी के सामने ईमानदारी का संकल्प कैसे विजय पाता है.

गरीबी से बाहर निकलने को आतुर ज़िन्दगी, भव्य भारत के निर्माण के लिए क्या कुछ नहीं कर सकती. देशवासियों ने जो कष्ट झेला है, वह भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए नागरिकों के त्याग की मिसाल है. सवा सौ करोड़ देशवासियों ने संकल्पबद्ध होकर, अपने पुरुषार्थ से, अपने परिश्रम से, अपने पसीने से उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला रखी है.

आमतौर पर जब अच्छाई के लिए आंदोलन होते हैं, तो सरकार और जनता आमने-सामने होती है. यह इतिहास की ऐसी मिसाल है, जिसमें सच्चाई और अच्छाई के लिए सरकार और जनता, दोनों कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ रहे थे.

मेरे प्यारे देशवासियों,

मैं जानता हूं कि बीते दिनों आपको अपना ही पैसा निकालने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ा, परेशानी उठानी पड़ी. इस दौरान मुझे सैकड़ों-हजारों चिट्ठियां भी मिली हैं. हर किसी ने अपने विचार रखे हैं, संकल्प भी दोहराया है. साथ ही साथ अपना दर्द भी मुझसे साझा किया है. इन सब में एक बात मैंने हमेशा अनुभव की - आपने मुझे अपना मानकर बातें कहीं हैं. भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट के खिलाफ लड़ाई में आप एक कदम भी पीछे नहीं रहना चाहते हैं. आपका यह प्यार आशीर्वाद की तरह है.

अब प्रयास है कि नए वर्ष में हो सके, उतना जल्दी, बैंकों को सामान्य स्थिति की तरफ ले जाया जाए. सरकार में इस विषय से जुड़े सभी जिम्मेदार व्यक्तियों से कहा गया है कि बैंकिंग व्यवस्था को सामान्य करने पर ध्यान केंद्रित किया जाए. विशेषकर ग्रामीण इलाकों में, दूर-दराज वाले इलाकों में प्रो-एक्टिव होकर हर छोटी से छोटी कमी को दूर किया जाए, ताकि गांव के नागरिकों की, किसानों की कठिनाइयां खत्म हों.

प्यारे भाइयों और बहनों,

हिन्दुस्तान ने जो करके दिखाया है, ऐसा विश्व में तुलना करने के लिए कोई उदाहरण नहीं है. बीते 10-12 सालों में 1,000 और 500 के नोट सामान्य प्रचलन में कम और पैरेलल इकोनॉमी में ज़्यादा चल रहे थे. हमारी बराबरी की अर्थव्यवस्था वाले देशों में भी इतना कैश नहीं होता. हमारी अर्थव्यवस्था में बेतहाशा बढ़े हुए ये नोट महंगाई बढ़ा रहे थे, काला बाजारी बढ़ा रहे थे, देश के गरीब से उसका अधिकार छीन रहे थे.

अर्थव्यवस्था में कैश का अभाव तकलीफदेह है, तो कैश का प्रभाव और अधिक तकलीफदेह है. हमारा यह प्रयास है कि इसका संतुलन बना रहे. एक बात में सभी अर्थशास्त्रियों की सहमति है कि कैश अथवा नगद अगर अर्थव्यवस्था से बाहर है तो विपत्ति है. वही कैश या नकद अगर अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में हो तो विकास का साधन बनता है.

इन दिनों करोड़ों देशवासियों ने जिस धैर्य-अनुशासन और संकल्प-शक्ति के दर्शन कराएं हैं, अगर आज लालबहादुर शास्त्री होते, जयप्रकाश नारायण होते, राममनोहर लोहिया होते, कामराज होते, तो अवश्य देशवासियों को भरपूर आशीर्वाद देते.

किसी भी देश के लिए यह एक शुभ संकेत है कि उसके नागरिक कानून और नियमों का पालन करते हुए, गरीबों की सेवा में सरकार की सहायता के लिए मुख्यधारा में आना चाहते हैं. इन दिनों, इतने अच्छे-अच्छे उदाहरण सामने आए हैं, जिसका वर्णन करने में हफ्तों बीत जाएं. नकद में कारोबार करने पर मजबूर अनेक नागरिकों ने कानून-नियम का पालन करते हुए मुख्यधारा में आने की इच्छा प्रकट की है. यह अप्रत्याशित है. सरकार इसका स्वागत करती है.

मेरे प्यारे देशवासियों,

हम कब तक सच्चाइयों से मुंह मोड़ते रहेंगे. मैं आपके सामने एक जानकारी साझा करना चाहता हूं, और इसे सुनने के बाद या तो आप हंस पड़ेंगे या फिर आपका गुस्सा फूट पड़ेगा. सरकार के पास दर्ज की गई जानकारी के हिसाब से देश में सिर्फ 24 लाख लोग यह मानते हैं कि उनकी आय 10 लाख रुपये सालाना से ज़्यादा है. क्या किसी देशवासी के गले यह बात उतरेगी...?

आप भी अपने आसपास बड़ी-बड़ी कोठियां, बड़ी-बड़ी गाड़ियों को देखते होंगे. देश के बड़े-बड़े शहरों को ही देखें तो किसी एक शहर में आपको सालाना 10 लाख से अधिक आय वाले लाखों लोग मिल जाएंगे.

क्या आपको नहीं लगता कि देश की भलाई के लिए ईमानदारी के आंदोलन को और अधिक ताकत देने की ज़रूरत है.

भ्रष्टाचार, काले धन के खिलाफ इस लड़ाई की सफलता के कारण यह चर्चा बहुत स्वाभाविक है कि अब बेईमानों का क्या होगा, बेईमानों पर क्या बीतेगी, बेईमानों को क्या सज़ा होगी. भाइयों और बहनों, कानून, कानून का काम करेगा, पूरी कठोरता से करेगा. लेकिन सरकार के लिए इस बात की भी प्राथमिकता है कि ईमानदारों को मदद कैसे मिले, सुरक्षा कैसे मिले, ईमानदारी की ज़िन्दगी बिताने वालों की कठिनाई कैसे कम हो. ईमानदारी अधिक प्रतिष्ठित कैसे हो.

यह सरकार सज्जनों की मित्र है और दुर्जनों को सज्जनता के रास्ते पर लौटाने के लिए उपयुक्त वातावरण को तैयार करने के पक्ष में है.

वैसे यह भी एक कड़वा सत्य है कि लोगों को सरकार की व्यवस्थाओं, कुछ सरकारी अफसरों और लालफीताशाही से जुड़े कटु अनुभव होते रहते हैं. इस कटु सत्य को नकारा नहीं जा सकता. इस बात से कौन इंकार कर सकता है कि नागरिकों से ज़्यादा जिम्मेदारी अफसरों की है, सरकार में बैठे छोटे-बड़े व्यक्ति की है, और इसलिए चाहे केंद्र सरकार हो, राज्य सरकार हो या फिर स्थानीय निकाय, सबका दायित्व है कि सामान्य से सामान्य व्यक्ति के अधिकार की रक्षा हो, ईमानदारों की मदद हो और बेईमान अलग-थलग हों.

दोस्तों,

पूरी दुनिया में यह एक सर्वमान्य तथ्य है कि आतंकवाद, नक्सलवाद, माओवाद, जाली नोट का कारोबार करने वाले, ड्रग्स के धंधे से जुड़े लोग, मानव तस्करी से जुड़े लोग, काले धन पर ही निर्भर रहते हैं. यह समाज और सरकारों के लिए नासूर बन गया था. इस एक निर्णय ने इन सब पर गहरी चोट पहुंचाई है. आज काफी संख्या में नौजवान मुख्यधारा में लौट रहे हैं. अगर हम जागरूक रहें, तो अपने बच्चों को हिंसा और अत्याचार के उन रास्तों पर वापस लौटने से बचा पाएंगे.

इस अभियान की सफलता इस बात में भी है कि अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से बाहर जो धन था, वह बैंकों के माध्यम से अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में वापस आ गया है. पिछले कुछ दिनों की घटनाओं से यह सिद्ध हो चुका है कि चालाकी के रास्ते खोजने वाले बेईमान लोगों के लिए, आगे के रास्ते बंद हो चुके हैं. टेक्नोलॉजी ने इसमें बहुत बड़ी सेवा की है. आदतन बेईमान लोगों को भी अब टेक्नोलॉजी की ताकत के कारण, काले कारोबार से निकलकर कानून-नियम का पालन करते हुए मुख्यधारा में आना होगा.

साथियों,

बैंक कर्मचारियों ने इस दौरान दिन-रात एक किए हैं. हजारों महिला बैंक कर्मचारी भी देर रात तक रुककर इस अभियान में शामिल रही हैं. पोस्ट ऑफिस में काम करने वाले लोग, बैंक मित्र, सभी ने सराहनीय काम किया है. हां, आपके इस भगीरथ प्रयास के बीच, कुछ बैंकों में कुछ लोगों के गंभीर अपराध भी सामने आए हैं. कहीं-कहीं सरकारी कर्मचारियों ने भी गंभीर अपराध किए हैं और आदतन फायदा उठाने का निर्लज्ज प्रयास भी हुआ है. इन्हें बख्शा नहीं जाएगा.

यह देश के बैंकिंग सिस्टम के लिए एक स्वर्णिम अवसर है. इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं देश के सभी बैंकों से आग्रहपूर्वक एक बात कहना चाहता हूं. इतिहास गवाह है कि हिन्दुस्तान के बैंकों के पास एक साथ इतनी बड़ी मात्रा में, इतने कम समय में, धन का भंडार पहले कभी नहीं आया था. बैंकों की स्वतंत्रता का आदर करते हुए मेरा आग्रह है कि बैंक अपनी परंपरागत प्राथमिकताओं से बाहर निकलकर अब देश के गरीब, निम्न मध्य वर्ग और मध्यम वर्ग को केंद्र में रखकर अपने कार्य का आयोजन करे. हिन्दुस्तान जब पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मना रहा है, तब बैंक भी लोकहित के इस अवसर को हाथ से न जाने दें. हो सके, उतना जल्दी लोकहित में उचित निर्णय करें और उचित कदम उठाएं.

जब निश्चित लक्ष्य के साथ नीति बनती है, योजनाएं बनती हैं तो लाभार्थी का सशक्तीकरण तो होता ही है, साथ ही साथ इसके तात्कालिक और दूरगामी फल भी मिलते हैं. पाई-पाई पर बारीक नजर रहती है, इससे अच्छे परिणामों की संभावना भी पक्की होती है. गांव-गरीब-किसान, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित और महिलाएं, जितनी सशक्त होंगी, आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़ी होंगी, देश उतना ही मजबूत बनेगा और विकास भी उतना ही तेज़ होगा.

सबका साथ - सबका विकास : इस ध्येय वाक्य को चरितार्थ करने के लिए नववर्ष की पूर्व संध्या पर देश के सवा सौ करोड़ नागरिकों के लिए सरकार कुछ नई योजनाएं ला रही है.

दोस्तों, स्वतंत्रता के इतने साल बाद भी देश में लाखों गरीबों के पास अपना घर नहीं है. जब अर्थव्यवस्था में काला धन बढ़ा, तो मध्यम वर्ग की पहुंच से घर भी खरीदना दूर हो गया था. गरीब, निम्न मध्यम वर्ग, और मध्यम वर्ग के लोग घर खरीद सकें, इसके लिए सरकार ने कुछ बड़े फैसले लिए हैं.

अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में इस वर्ग को नए घर देने के लिए दो नई स्कीमें बनाई गई हैं. इसके तहत 2017 में घर बनाने के लिए 9 लाख रुपये तक के कर्ज पर ब्याज में 4 प्रतिशत की छूट और 12 लाख रुपये तक के कर्ज पर ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट दी जाएगी.

इसी तरह सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांवों में बनने वाले घरों की संख्या को बढ़ा दिया है. यानि जितने घर पहले बनने वाले थे, उससे 33 प्रतिशत ज़्यादा घर बनाए जाएंगे.

गांवों के निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के लोगों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए एक नई योजना शुरू की जा रही है. 2017 में गांव के जो लोग अपने घर का निर्माण करना चाहते हैं या विस्तार करना चाहते हैं, एक-दो कमरे और बनाना चाहते हैं, ऊपर एक मंजिल बनाना चाहते हैं, उन्हें 2 लाख रुपये तक के ऋण में 3 प्रतिशत ब्याज की छूट दी जाएगी.

दोस्तों, बीते दिनों चारों तरफ ऐसा वातावरण बना दिया गया था कि देश की कृषि बर्बाद हो गई है. ऐसा वातावरण बनाने वालों को जवाब मेरे देश के किसानों ने ही दे दिया है. पिछले साल की तुलना में इस वर्ष रबी की बुवाई 6 प्रतिशत ज़्यादा हुई है. फर्टिलाइजर भी 9 प्रतिशत ज़्यादा उठाया गया है. सरकार ने इस बात का लगातार ध्यान रखा कि किसानों को बीज की दिक्कत न हो, खाद की दिक्कत न हो, कर्ज लेने में परेशानी न आए. अब किसान भाइयों के हित में कुछ और अहम निर्णय भी लिए गए हैं.

डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव सेंट्रल बैंक और प्राइमरी सोसायटी से जिन किसानों ने खरीफ और रबी की बुवाई के लिए कर्ज लिया था, उस कर्ज के 60 दिन का ब्याज सरकार वहन करेगी और किसानों के खातों में ट्रांसफर करेगी.

कोऑपरेटिव बैंक और सोसायटीज़ से किसानों को और ज़्यादा कर्ज मिल सके, इसके लिए उपाय किए गए हैं. नाबार्ड ने पिछले महीने 21,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी. अब सरकार इसे लगभग दोगुना करते हुए इसमें 20,000 करोड़ रुपये और जोड़ रही है. इस रकम को नाबार्ड, कोऑपरेटिव बैंक और सोसायटीज़ को कम ब्याज पर देगा और इससे नाबार्ड को जो आर्थिक नुकसान होगा है, उसे भी सरकार वहन करेगी.

सरकार ने यह भी तय किया है कि अगले तीन महीने में तीन करोड़ किसान क्रेडिट कार्डों को RUPAY कार्ड में बदला जाएगा. किसान क्रेडिट कार्ड में एक कमी यह थी कि पैसे निकालने के लिए बैंक जाना पड़ता था. अब जब किसान क्रेडिट कार्ड को RUPAY कार्ड में बदल दिया जाएगा, तो किसान कहीं पर भी अपने कार्ड से खरीद-बिक्री कर पाएगा.

भाइयों और बहनों, जिस प्रकार देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व है, उसी प्रकार विकास और रोजगार के लिए लघु और मध्यम उद्योग, जिसे MSME भी कहते हैं, का भी महत्वपूर्ण योगदान है. इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस क्षेत्र के लिए कुछ निर्णय लिए हैं, जो रोजगार बढ़ाने में सहायक होंगे.

सरकार ने तय किया है कि छोटे कारोबारियों के लिए क्रेडिट गारंटी 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये करेगी. भारत सरकार एक ट्रस्ट के माध्यम से बैंकों को यह गारंटी देती है कि आप छोटे व्यापारियों को लोन दीजिए, गारंटी हम लेते हैं. अब तक यह नियम था कि एक करोड़ रुपये तक के लोन को कवर किया जाता था. अब 2 करोड़ रुपये तक का लोन क्रेडिट गारंटी से कवर होगा. NBFC यानि नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी से दिया गया लोन भी इसमें कवर होगा.

सरकार के इस फैसले से छोटे दुकानदारों, छोटे उद्योगों को ज़्यादा कर्ज मिलेगा. गारंटी का खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन करने के कारण इन पर ब्याज दर भी कम होगी.

सरकार ने बैंकों को यह भी कहा है कि छोटे उद्योगों के लिए कैश क्रेडिट लिमिट को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करें. इसके अलावा डिजिटल माध्यम से हुए ट्रांजेक्शन पर वर्किंग कैपिटल लोन 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत तक करने को कहा गया है. नवंबर में इस सेक्टर से जुड़े बहुत से लोगों ने कैश डिपॉजिट किया है. बैंकों को कहा गया है कि वर्किंग कैपिटल तय करते वक्त इसका भी संज्ञान लें.

कुछ दिन पहले ही सरकार ने छोटे कारोबारियों को टैक्स में बड़ी राहत देने का भी निश्चय किया था. जो कारोबारी साल में 2 करोड़ रुपये तक का व्यापार करते हैं, उनके टैक्स की गणना 8 प्रतिशत आय को मानकरकी जाती थी. अब ऐसे व्यापारी के डिजिटल लेनदेन पर टैक्स की गणना 6 प्रतिशत आय मानकर की जाएगी. इस तरह उनका टैक्स काफी कम हो जाएगा.

दोस्तों,

मुद्रा योजना की सफलता निश्चित तौर पर बहुत उत्साहवर्द्धक रही है. पिछले साल करीब-करीब साढ़े तीन करोड़ लोगों ने इसका फायदा उठाया है. दलित-आदिवासी-पिछड़ों, एवं महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए सरकार का, इसे अब डबल करने का इरादा है.

गर्भवती महिलाओं के लिए भी एक देशव्यापी योजना की शुरुआत की जा रही है. अब देश के सभी, 650 से ज़्यादा, जिलों में सरकार गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में पंजीकरण और डिलीवरी, टीकाकरण और पौष्टिक आहार के लिए 6,000 रुपये की आर्थिक मदद करेगी. यह राशि गर्भवती महिलाओं के एकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी. देश में मातृ मृत्युदर को कम करने में इस योजना से बड़ी सहायता मिलेगी. वर्तमान में यह योजना 4,000 की आर्थिक मदद के साथ देश के सिर्फ 53 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत चलाई जा रही थी.

सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी एक स्कीम शुरू करने जा रही है. बैंक में ज़्यादा पैसा आने पर अक्सर बैंक डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट (ब्याज दर) घटा देते हैं. वरिष्ठ नागरिकों पर इसका प्रभाव न हो, इसलिए 7.5 लाख रुपये तक की राशि पर 10 साल तक के लिए सालाना 8 प्रतिशत का इंटरेस्ट रेट सुरक्षित किया जाएगा. ब्याज की यह राशि वरिष्ठ नागरिक हर महीने पा सकते हैं.

भ्रष्टाचार, काला धन की जब भी चर्चा होती है, तो राजनेता, राजनीतिक दल, चुनाव के खर्च, ये सारी बातें चर्चा के केंद्र में रहती हैं. अब वक्त आ चुका है कि सभी राजनेता और राजनीतिक दल देश के ईमानदार नागरिकों की भावनाओं का आदर करें, जनता के आक्रोश को समझें. यह बात सही है कि राजनीतिक दलों ने समय-समय पर व्यवस्था में सुधार के लिए सार्थक प्रयास भी किए हैं. सभी दलों ने मिलकर, स्वेच्छा से अपने ऊपर बंधनों को स्वीकार किया है. आज आवश्यकता है कि सभी राजनेता और राजनीतिक दल - HOLIER THAN THOU - से अलग हटकर, मिल-बैठकर पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हुए, भ्रष्टाचार और काले धन से राजनीतिक दलों को मुक्त कराने की दिशा में सही कदम उठाएं.

हमारे देश में सामान्य नागरिक से लेकर राष्ट्रपति जी तक सभी ने लोकसभा-विधानसभा का चुनाव साथ-साथ कराए जाने के बारे में कभी न कभी कहा है. आएदिन चल रहे चुनावी चक्र, उससे उत्पन्न आर्थिक बोझ, तथा प्रशासन व्यवस्था पर बने बोझ से मुक्ति पाने की बात का समर्थन किया है. अब समय आ गया है कि इस पर बहस हो, रास्ता खोजा जाए.

हमारे देश में हर सकारात्मक परिवर्तन के लिए हमेशा स्थान रहा है. अब डिजिटल लेन-देन को लेकर भी समाज में काफी सकारात्मक परिवर्तन देखा जा रहा है. ज़्यादा से ज़्यादा लोग इससे जुड़ रहे हैं. कल ही सरकार ने बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के नाम पर डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए पूरी तरह एक स्वदेशी प्लेटफॉर्म - BHIM लॉन्च किया है. BHIM यानी भारत इंटरफेस फॉर मनी. मैं देश के युवाओं से, व्यापारी वर्ग से, किसानों से आग्रह कहता हूं कि BHIM से ज़्यादा से ज़्यादा जुड़ें.

साथियों, दीवाली के बाद जो घटनाक्रम रहा, निर्णय हुए, नीतियां बनीं - इनका मूल्यांकन अर्थशास्त्री तो करेंगे ही, लेकिन अच्छा होगा कि देश के समाजशास्त्री भी इस पूरे घटनाक्रम, निर्णय और नीतियों का मूल्यांकन करें. एक राष्ट्र के रूप में भारत का गांव, गरीब, किसान, युवा, पढ़े-लिखे, अनपढ़, पुरुष-महिला सबने अप्रतिम धैर्य और लोकशक्ति का दर्शन कराया है.

कुछ समय के बाद 2017 का नया वर्ष प्रारंभ होगा. आज से 100 वर्ष पूर्व 1917 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में चंपारण में पहली बार सत्याग्रह का आंदोलन आरंभ हुआ था. इन दिनों हमने देखा कि 100 वर्ष के बाद भी हमारे देश में सच्चाई और अच्छाई के प्रति सकारात्मक संस्कार का मूल्य है. आज महात्मा गांधी नहीं हैं, परंतु उनका वह मार्ग, जो हमें सत्य का आग्रह करने के लिए प्रेरित करता है, वह सर्वाधिक उपयुक्त है. चंपारण सत्याग्रह की शताब्दी के अवसर पर हम फिर एक बार महात्मा गांधी का पुनर्स्मरण करते हुए सत्य के आग्रही बनेंगे तो सच्चाई और अच्छाई की पटरी पर आगे बढ़ने में कोई कठिनाई नहीं आएगी. भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ इस लड़ाई को हमें रुकने नहीं देना है.

सत्य का आग्रह, संपूर्ण सफलता की गारंटी है. सवा सौ करोड़ का देश हो, 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 साल से कम उम्र के नौजवानों की हो, साधन भी हों, संसाधन भी हों और सामर्थ्य में कोई कमी न हो, ऐसे हिन्दुस्तान के लिए कोई कारण नहीं है, कि वह अब पीछे रह जाए.

नए वर्ष की नई किरण, नई सफलताओं का संकल्प लेकर आ रही है. आइए, हम सब मिलकर चल पड़ें, बाधाओं को पार करते चलें... एक नए उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करें.

जय हिंद

संबंधित वीडियो

Maharashtra Assembly Elections: MVA के लिए प्रचार कर रहीं NGOs, महायुति के लिए RSS, VHP मांग रहे वोट
4:29
नवंबर 14, 2024 06:44 am IST
Maharashtra Elections: कल दादर के शिवाजी पार्क में PM Modi की रैली, Mumbai में ट्रैफिक अलर्ट
13:44
नवंबर 13, 2024 23:36 pm IST
Ranchi में PM Modi के स्वागत में लोगों ने मनाई दिवाली, लोगों ने PM की उतारी आरती | Hamaara Bharat
18:54
नवंबर 10, 2024 19:38 pm IST
Ranchi में PM Modi का Mega Road Show, सुरक्षा में 17 IPS और करीब 4,000 पुलिसकर्मी तैनात
14:33
नवंबर 10, 2024 18:22 pm IST
PM Modi ने AB-PMJAY Scheme Launch की, अब 70 साल से ज्यादा उम्र के हर व्यक्ति को मिलेगा Health Insurance
4:13
अक्टूबर 29, 2024 15:43 pm IST
NDTV World Summit 2024: एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में बोले T.S. Tirumurti
0:21
अक्टूबर 27, 2024 20:05 pm IST
NDTV World Summit 2024: एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में बोले Kabir Taneja
0:32
अक्टूबर 27, 2024 20:03 pm IST
Digital Arrest: अब देश को डिजिटल अरेस्ट से खतरा, PM Modi ने बताया बचने का तरीका
10:45
अक्टूबर 27, 2024 18:00 pm IST
NDTV World Summit 2024 | अब लक्ष्य है 2047 तक विकसित भारत: PM Modi | NDTV India
34:13
अक्टूबर 26, 2024 18:13 pm IST
UNSC में India को मिलनी चाहिए स्थाई सदस्यता, ब्रिटिश सांसद Lord Rami Ranger ने की वकालत
3:46
अक्टूबर 24, 2024 06:52 am IST
NDTV World Summit | दुनिया संघर्षों से घिरी, भारत उम्मीद की किरण बना: PM Modi | Khabron Ki Khabar
53:05
अक्टूबर 21, 2024 23:09 pm IST
NDTV World Summit 2024 | 2047 तक देश को विकसित बनाना अब आंदोलन: PM Modi
22:12
अक्टूबर 21, 2024 22:01 pm IST
  • PM Modi Nigeria Visit: PM ने नाइजीरिया में क्यों किया Bengal का जिक्र? वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप?
    4:00

    PM Modi Nigeria Visit: PM ने नाइजीरिया में क्यों किया Bengal का जिक्र? वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप?

    नवंबर 18, 2024 06:25 am IST
  • Asian Women Champions Trophy में Japan को हराकर Semifinal में पहुंचीं भारतीय महिलाएं एशियाई हॉकी टीम
    0:51

    Asian Women Champions Trophy में Japan को हराकर Semifinal में पहुंचीं भारतीय महिलाएं एशियाई हॉकी टीम

    नवंबर 17, 2024 23:49 pm IST
  • Maharashtra Assembly Elections 2024: Colaba में Rahul Narwekar बनाम Hira Devasi, जनता किसते साथ?
    6:15

    Maharashtra Assembly Elections 2024: Colaba में Rahul Narwekar बनाम Hira Devasi, जनता किसते साथ?

    नवंबर 17, 2024 23:27 pm IST
  • Diabetes: क्या सही जीवनशैली है डायबिटीज का इलाज? | Hum Log | NDTV India
    49:13

    Diabetes: क्या सही जीवनशैली है डायबिटीज का इलाज? | Hum Log | NDTV India

    नवंबर 17, 2024 22:58 pm IST
  • Abu Ghraib Torture Story: रूह कंपाने वाला Torture, 20 साल बाद हुआ इंसाफ! हुआ क्या था इराकी जेल में?
    8:21

    Abu Ghraib Torture Story: रूह कंपाने वाला Torture, 20 साल बाद हुआ इंसाफ! हुआ क्या था इराकी जेल में?

    नवंबर 17, 2024 22:52 pm IST
  • Pushpa 2 Trailer Launch: Patna में पुष्पा 2 के ट्रेलर रिलीज दौरान हो गया भारी बवाल | NDTV India
    3:46

    Pushpa 2 Trailer Launch: Patna में पुष्पा 2 के ट्रेलर रिलीज दौरान हो गया भारी बवाल | NDTV India

    नवंबर 17, 2024 22:28 pm IST
  • Manipur Violence: मणिपुर में बिगड़े हालात के बीच Amit Shah ने की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा
    2:48

    Manipur Violence: मणिपुर में बिगड़े हालात के बीच Amit Shah ने की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा

    नवंबर 17, 2024 22:27 pm IST
  • Delhi Air Pollution: बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्ली में पाबंदियों का चौथा राउंड शुरू | GRAP-4 Imposed
    10:13

    Delhi Air Pollution: बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्ली में पाबंदियों का चौथा राउंड शुरू | GRAP-4 Imposed

    नवंबर 17, 2024 22:15 pm IST
  • Delhi में Monday से 10वीं-12वीं छोड़कर बाकी सभी School बंद, CM Atishi ने की घोषणा | Breaking
    0:56

    Delhi में Monday से 10वीं-12वीं छोड़कर बाकी सभी School बंद, CM Atishi ने की घोषणा | Breaking

    नवंबर 17, 2024 22:14 pm IST
  • PM Modi Nigeria Visit: नाइजीरिया में गूंजा Modi-Modi, प्रवासी भारतीयों को PM Modi ने किया संबोधित
    3:44

    PM Modi Nigeria Visit: नाइजीरिया में गूंजा Modi-Modi, प्रवासी भारतीयों को PM Modi ने किया संबोधित

    नवंबर 17, 2024 21:48 pm IST
  • News Media को मिलेगा सही मुआवजा! Ashwini Vaishnaw ने कहा- खुद की जेब भरने में लगीं टेक कंपनियां
    19:42

    News Media को मिलेगा सही मुआवजा! Ashwini Vaishnaw ने कहा- खुद की जेब भरने में लगीं टेक कंपनियां

    नवंबर 17, 2024 21:46 pm IST
  • Maharashtra Elections: पवार Vs पवार की लड़ाई में पिस रहा Baramati का मतदाता | NDTV Election Carnival
    49:33

    Maharashtra Elections: पवार Vs पवार की लड़ाई में पिस रहा Baramati का मतदाता | NDTV Election Carnival

    नवंबर 17, 2024 21:42 pm IST
  • Delhi में आज कच्ची कॉलोनियों में लोग सम्मानजनक जिंदगी जी रहे- Arvind Kejriwal
    3:04

    Delhi में आज कच्ची कॉलोनियों में लोग सम्मानजनक जिंदगी जी रहे- Arvind Kejriwal

    नवंबर 17, 2024 21:29 pm IST
  • 'The Sabarmati Report' पर बोले PM Modi: 'झूठी धारणा नहीं टिकती' | Godhra Riots
    3:13

    'The Sabarmati Report' पर बोले PM Modi: 'झूठी धारणा नहीं टिकती' | Godhra Riots

    नवंबर 17, 2024 20:17 pm IST
  • Jhansi College Fire: 18 शिशुओं के इलाज की क्षमता फिर भी 50 नवजात थे एडमिट, NDTV का Reality Check
    17:06

    Jhansi College Fire: 18 शिशुओं के इलाज की क्षमता फिर भी 50 नवजात थे एडमिट, NDTV का Reality Check

    नवंबर 17, 2024 19:38 pm IST
  • Social Media Companies को देना होगा Media Outlets को सही मुआवजा | Ashwini Vaishnaw | Pavan Duggal
    15:55

    Social Media Companies को देना होगा Media Outlets को सही मुआवजा | Ashwini Vaishnaw | Pavan Duggal

    नवंबर 17, 2024 19:32 pm IST
  • Maharashtra Elections: Eknath Shinde, Yogi Adityanath, Priyanka Gandhi ने कुछ यूं भरी चुनावी हुंकार
    6:32

    Maharashtra Elections: Eknath Shinde, Yogi Adityanath, Priyanka Gandhi ने कुछ यूं भरी चुनावी हुंकार

    नवंबर 17, 2024 19:00 pm IST
  • M3M फ़ाउंडेशन की पहल | जागरूकता अभियान: सर्वोदय स्वास्थ्य पहल का एक प्रमुख हिस्सा
    21:16

    M3M फ़ाउंडेशन की पहल | जागरूकता अभियान: सर्वोदय स्वास्थ्य पहल का एक प्रमुख हिस्सा

    नवंबर 17, 2024 18:44 pm IST
  • TG से पूछें, 50,000 रुपये के अंदर Best New Smartphone? | Gadgets 360 With Technical Guruji
    4:01

    TG से पूछें, 50,000 रुपये के अंदर Best New Smartphone? | Gadgets 360 With Technical Guruji

    नवंबर 17, 2024 18:20 pm IST
  • Apple iPad Mini 2024 का रिव्यू | iPad Mini (2024) Review | Gadgets 360 With Technical Guruji
    3:01

    Apple iPad Mini 2024 का रिव्यू | iPad Mini (2024) Review | Gadgets 360 With Technical Guruji

    नवंबर 17, 2024 18:14 pm IST
  • PTM से अपना UPI स्टेटमेंट कैसे डाउनलोड करें | Tip Of The Week | Gadgets 360 With Technical Guruji
    0:47

    PTM से अपना UPI स्टेटमेंट कैसे डाउनलोड करें | Tip Of The Week | Gadgets 360 With Technical Guruji

    नवंबर 17, 2024 18:13 pm IST