साल 2008 में गु्र्जर आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में कई लोगों की मौत हो गई थी
लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर गुर्जर आरक्षण आंदोलन की चिंगारी भड़क सकती है जो कांग्रेस के लिए चिंता की बात हो सकती है. आज गुर्जर आरक्षण को लेकर महापंचायत होगी और शाम 4 बजे प्रदर्शन शुरू हो सकता है. पिछली बार से सबक लेते हुए पूर्वी राजस्थान को अलर्ट पर रखा गया है और गुर्जर बहुल वाले 8 जिलों में आरएसी की 8 कंपनियां तैनात कर दी गई हैं. गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा है कि सरकार ने यदि गुर्जर और चार अन्य जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं देती है तो आठ फरवरी से राज्य में गुर्जर आरक्षण आंदोलन फिर से शुरू किया जायेगा. अजमेर में आयोजित गुर्जर समाज की बैठक में बैंसला ने मांग नहीं माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. बैंसला ने कहा, ''हमें पांच प्रतिशत आरक्षण चाहिए, कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस बारे में वादा किया था और अब हम कांग्रेस सरकार से सरकारी दस्तावेज बन चुके घोषणा पत्र के वादे को पूरा करने की मांग कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि आठ फरवरी को सवाई माधोपुर जिले के मलराना डूंगर में आयोजित बैठक में आंदोलन की आगे की रणनीति के बारे में फैसला किया जायेगा. अगर सरकार ने तब तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं किया तो आंदोलन शुरू किया जायेगा. उन्होंने कहा कि आंदोलन के तहत राजमार्गों और सड़कों को रोक दिया जाएगा. गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिये गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गडरिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है. वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जर को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है.
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वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को गुर्जर आरक्षण के मामले में आई कानूनी अड़चनों को दूर करने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और पार्टी गुर्जर आरक्षण के मुद्दे पर प्रतिबद्ध है और न्याय दिलाकर मानेगी. पायलट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों को दस प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए कहा,‘‘केंद्र सरकार ही इस काम को कर सकती है। मैं तो केंद्र सरकार से भी आग्रह करूंगा कि जिस प्रस्ताव को विधानसभा पारित कर चुकी है। कई बार हमारी सरकारों ने इसे स्वीकृति दी, पिछली सरकार ने भी दी... तो केंद्र सरकार को इसका भी गंभीरता से अध्ययन करना चाहिए.'' पायलट ने कहा, ‘‘पांच प्रतिशत के इस (गुर्जर) आरक्षण में जो कानूनी अड़चनें आई हैं (केन्द्र को) उनका समाधान निकालने के लिए काम करना चाहिए.''
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आपको बता दें कि साल 2008 में राजस्थान में हुए गुर्जर आंदोलन में हुई पुलिस फायरिंग के दौरान करीब 20 लोगों की मौत हुई थी इस घटना को उस समय वसुंधरा सरकार की हार की बड़ी वजह माना गया था. 10 साल पहले हुए इस आंदोलन में राज्य में ट्रेनें और बसों का चक्का जाम कर दिया था और ट्रेन की पटरियों में गुर्जर समाज को लोग दिन रात बैठे रहते थे. हालांकि बाद में राज्य सरकार ने 5 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान कर दिया था लेकिन हाइकोर्ट में इसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद साल 2011 में गहलोत सरकार ने एक फीसदी और वसुंधरा सरकार ने 2015 में फिर 5 फीसदी आरक्षण दिया लेकिन दोनों ही कोर्ट में खारिज कर दिए गए.
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इनपुट : भाषा
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