
पंजाब सरकार ने सोमवार को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जी. नागेश्वर राव को राज्य सतर्कता ब्यूरो का मुख्य निदेशक नियुक्त किया. एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1995 बैच के अधिकारी राव विशेष पुलिस महानिदेशक वरिंदर कुमार की जगह लेंगे. आदेश के अनुसार, वरिंदर कुमार अब पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को रिपोर्ट करेंगे. इससे पहले पंजाब सरकार ने विजिलेंस चीफ को हटा दिया था.
दो दिन पहले पंजाब सरकार के एक ऑर्डर जारी कर सभी विभागों के प्रमुख, डीसी, SSP को ये आदेश दिया था कि किसी भी प्रकार का करप्शन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विजिलेंस चीफ को हटाया जाना इसी संदर्भ में बड़ी कर्रवाई थी.
भ्रष्टाचार के आरोपों पर मुक्तसर उपायुक्त निलंबित
पंजाब सरकार ने ऐसी ही एक और बड़ी कार्रवाई की है. आप सरकार ने सोमवार को मुक्तसर के उपायुक्त राजेश त्रिपाठी को ‘भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें' मिलने के बाद निलंबित कर दिया. पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ भगवंत मान सरकार की यह बड़ी कार्रवाई है.
अभिजीत कपलीश को मुक्तसर का नया उपायुक्त नियुक्त किया गया है.
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार को उपायुक्त के खिलाफ ‘भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें' मिली थीं, जिसके बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी के खिलाफ गहन जांच की गई.
उन्होंने कहा, “प्रारंभिक जांच के आधार पर राज्य सरकार ने श्री मुक्तसर साहिब के उपायुक्त को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.”
पद से हटाया, सतर्कता जांच शुरू
प्रवक्ता ने कहा कि उपायुक्त को उनके पद से हटा दिया गया है और उनके खिलाफ सतर्कता जांच शुरू कर दी गई है.
उन्होंने कहा, “यह सार्वजनिक सेवा वितरण में पूर्ण पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए पंजाब सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. चूंकि भ्रष्ट आचरण जनता के विश्वास को कमजोर करता है, संस्थानों को कमजोर करता है और राज्य के विकास में बाधा डालते हैं, इसलिए इस खतरे को रोकने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है.”
यह घटनाक्रम ‘आप' सरकार द्वारा उपायुक्तों (डीसी), उपविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) और थाना प्रभारियों (एसएचओ) को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने, अन्यथा कार्रवाई का सामना करने के निर्देश जारी करने के कुछ दिनों बाद सामने आया है.
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