
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
जालंधर:
पंजाब में दलित समाज के व्यक्ति को उप मुख्यमंत्री बनाने के आप संयोजक के वादे को ‘सस्ती लोकप्रियता’ हासिल करने के लिए ‘राजनीति से प्रेरित’ बताते हुए भाजपा और कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि वह शुरू से ‘दलित विरोधी’ रहे हैं लेकिन अब चुनावों को ध्यान में रखते हुए वे ऐसी घोषणा कर रहे हैं. कांग्रेस ने यह भी कहा है कि अगर दलितों के प्रति उनका प्रेम इतना ही है तो उन्होंने दलित को मुख्यमंत्री बनाने का वादा क्यों नहीं किया.
पंजाब प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सतनाम सिंह कैंथ ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी के संयोजक तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का रुख हमेशा से दलित विरोधी रहा है. दलित समाज से उपमुख्यमंत्री बनाने की बात पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और आसन्न चुनाव में फायदे के लिए वह ऐसा कह रहे हैं.’’ कैंथ ने कहा, ‘‘केजरीवाल ने दिल्ली में दलित समुदाय के लिए आज तक क्या किया है जो पंजाब में उपमुख्यमंत्री बनाने की बात कर रहे हैं. दलित समुदाय के प्रति अगर केजरीवाल को इतना ही प्रेम है तो उन्होंने मुख्यमंत्री बनाने की बात क्यों नहीं कही.’’
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रजत कुमार मोहिंद्रू ने कहा, ‘‘केजरीवाल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं. उन्हें पता है कि प्रदेश में इस बार वह उखड़ जाएंगे इसलिए वह इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं.’’ रजत ने कहा, ‘‘दलित समाज के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए वह ऐसा कह रहे हैं जबकि सचाई यह है कि वह हमेशा से दलित विरोधी रहे हैं.’’
इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘केजरीवाल को पता है कि पंजाब में दलितों की आबादी 32 फीसदी से अधिक है. इसलिए वह दलित समुदाय का राजनीतिकरण करना चाहते हैं और इसे बांटना चाहते हैं जिसमें वह कभी सफल नहीं हो सकेंगे.’’ दोनो नेताओं ने कहा, ‘‘एक तरफ तो आम आदमी पार्टी जात पात मिटाने की बात करती है और दूसरी तरफ वह ऐसे झूठे वादे कर रही है तो ऐसे में कौन उनकी बात का भरोसा करेगा. इतिहास उठाकर देखिए तो पता चलेगा कि केजरीवाल हमेशा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए ‘कुछ भी’ बोलते रहते हैं और फिर उससे पलट जाते हैं और माफी मांगने का नाटक भी करते हैं.’’
कैंथ और रजत ने यह भी कहा, ‘‘यह सब चुनावी वादे हैं. केजरीवाल को पता है कि वह जीत नहीं रहे हैं इसलिए वह इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं जैसा कि उन्होंने दिल्ली में किया था और फिर जब जनता ने मौका दिया तो वह सरकार छोड़कर भाग गए. ऐसे भागने वालों पर सूबे की आवाम कभी भरोसा नहीं करेगी.’’ यह पूछने पर कि केजरीवाल ने दलित को प्रतिनिधित्व देने की बात कही, लेकिन आपकी पार्टी ने..इस पर रजत ने बीच में रोककर कहा, ‘‘हमारी पार्टी ने तो पंजाब के दलित नेता को केंद्र में मंत्री बनाया है और प्रदेश अध्यक्ष भी दलित हैं.’’ कैंथ ने कहा, ‘‘झूठे वादे करने वाले केजरीवाल की पार्टी से कांग्रेस की तुलना हो ही नहीं सकती और मैं इस पर कुछ भी नहीं कहूंगा. पिछले कुछ साल में हमारी पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष दलित नेता ही रहे हैं मैं स्वयं दलित समुदाय से हूं और पार्टी का उपाध्यक्ष हूं.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पंजाब प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सतनाम सिंह कैंथ ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी के संयोजक तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का रुख हमेशा से दलित विरोधी रहा है. दलित समाज से उपमुख्यमंत्री बनाने की बात पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और आसन्न चुनाव में फायदे के लिए वह ऐसा कह रहे हैं.’’ कैंथ ने कहा, ‘‘केजरीवाल ने दिल्ली में दलित समुदाय के लिए आज तक क्या किया है जो पंजाब में उपमुख्यमंत्री बनाने की बात कर रहे हैं. दलित समुदाय के प्रति अगर केजरीवाल को इतना ही प्रेम है तो उन्होंने मुख्यमंत्री बनाने की बात क्यों नहीं कही.’’
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रजत कुमार मोहिंद्रू ने कहा, ‘‘केजरीवाल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं. उन्हें पता है कि प्रदेश में इस बार वह उखड़ जाएंगे इसलिए वह इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं.’’ रजत ने कहा, ‘‘दलित समाज के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए वह ऐसा कह रहे हैं जबकि सचाई यह है कि वह हमेशा से दलित विरोधी रहे हैं.’’
इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘केजरीवाल को पता है कि पंजाब में दलितों की आबादी 32 फीसदी से अधिक है. इसलिए वह दलित समुदाय का राजनीतिकरण करना चाहते हैं और इसे बांटना चाहते हैं जिसमें वह कभी सफल नहीं हो सकेंगे.’’ दोनो नेताओं ने कहा, ‘‘एक तरफ तो आम आदमी पार्टी जात पात मिटाने की बात करती है और दूसरी तरफ वह ऐसे झूठे वादे कर रही है तो ऐसे में कौन उनकी बात का भरोसा करेगा. इतिहास उठाकर देखिए तो पता चलेगा कि केजरीवाल हमेशा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए ‘कुछ भी’ बोलते रहते हैं और फिर उससे पलट जाते हैं और माफी मांगने का नाटक भी करते हैं.’’
कैंथ और रजत ने यह भी कहा, ‘‘यह सब चुनावी वादे हैं. केजरीवाल को पता है कि वह जीत नहीं रहे हैं इसलिए वह इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं जैसा कि उन्होंने दिल्ली में किया था और फिर जब जनता ने मौका दिया तो वह सरकार छोड़कर भाग गए. ऐसे भागने वालों पर सूबे की आवाम कभी भरोसा नहीं करेगी.’’ यह पूछने पर कि केजरीवाल ने दलित को प्रतिनिधित्व देने की बात कही, लेकिन आपकी पार्टी ने..इस पर रजत ने बीच में रोककर कहा, ‘‘हमारी पार्टी ने तो पंजाब के दलित नेता को केंद्र में मंत्री बनाया है और प्रदेश अध्यक्ष भी दलित हैं.’’ कैंथ ने कहा, ‘‘झूठे वादे करने वाले केजरीवाल की पार्टी से कांग्रेस की तुलना हो ही नहीं सकती और मैं इस पर कुछ भी नहीं कहूंगा. पिछले कुछ साल में हमारी पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष दलित नेता ही रहे हैं मैं स्वयं दलित समुदाय से हूं और पार्टी का उपाध्यक्ष हूं.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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