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This Article is From Feb 14, 2021

Pulwama Attack: 'किस्सा बनाने को, क्या जायज़ ये धमाका था?' पुलवामा की बरसी पर Indian Army की मार्मिक श्रद्धांजलि

14 February pulwama attack: 20 साल का आदिल अहमद डार इस हमले का सुसाइड बम्बर था, जिसका घर घटनास्थल से 10 किलोमीटर की दूरी पर था. उस दिन सीआरपीएफ का काफिला जम्मू ट्रांजिट कैम्प से अनंतनाग जा रहा था लेकिन बीच रास्ते में ही अहले सुबह चार बजे के करीब उसे शिकार बना लिया गया था.

Pulwama Attack: 'किस्सा बनाने को, क्या जायज़ ये धमाका था?' पुलवामा की बरसी पर Indian Army की मार्मिक श्रद्धांजलि
14 February pulwama attack: भारतीय सेना के चिनार कॉर्प्स ने उस हादसे में शहीद जवानों को अनूठी श्रद्धांजलि देते हुए ट्विटर पर 1.42 मिनट का एक वीडियो क्लिप शेयर किया है.
नई दिल्ली:

आज पुलवामा हमले की दूसरी बरसी है. 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के लेथपोरा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने घात लगाकर सीआरपीएफ के काफिले में घुसकर विस्फोटकों से लदी कार टकरा दी थी. इसके बाद सीआरपीएफ की बस में धमाका हो गया था. इस हादसे में 40 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 70 जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे.

भारतीय सेना के चिनार कॉर्प्स ने उस हादसे में शहीद जवानों को अनूठी श्रद्धांजलि देते हुए ट्विटर पर 1.42 मिनट का एक वीडियो क्लिप शेयर किया है, जिसमें घटना के बारे में जानकारी साझा की गई है. क्लिप के आखिर में लिखा है, 
"बिठाकर पास बच्चों को जो कल किस्से सुनाता था,
उसे किस्सा बनाने को, क्या जायज़ ये धमाका था.
पहुंचा घर जो उसके था वो ताबूत था खाली,
उठा जो उसकी चौखट से बहुत भारी जनाज़ा था.." 
ग्राफिक्स पर तैयार इस क्लिप के बैकग्राउंड में 'तेरी मिट्टी में मिल जावां, गुल बनकर खिल जावां, इतनी सी है आरजू...' गीत चल रहा है जो उसे बेहद खास और मार्मिक बनाता है.

Pulwama Attack की बरसी : NIA के मुताबिक फर्नीचर शॉप चलाने वाले 22 वर्षीय युवक ने दिया था हमले को अंजाम

बता दें कि 20 साल का आदिल अहमद डार इस हमले का सुसाइड बम्बर था, जिसका घर घटनास्थल से 10 किलोमीटर की दूरी पर था. उस दिन सीआरपीएफ का काफिला जम्मू ट्रांजिट कैम्प से अनंतनाग जा रहा था लेकिन बीच रास्ते में ही अहले सुबह चार बजे के करीब उसे शिकार बना लिया गया था.

पुलवामा हमला: 23 साल की युवती ने की थी आतंकियों की मदद

जांच में पता चला कि इस हमले की साजिश पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के आकाओं ने रची थी लेकिन सीआरपीएफ के बस को निशाना बनाने का आइडिया काकापोरा के एक दुकानदार का था. NIA ने पुलवामा आतंकी हमले के मामले में 13500 पेज की चार्जशीट फाइल की है, जिसमें इस दुकानदार का नाम शाकिर बशीर मागरे बताया गया है. चार्जशीट में कुल 19 आरोपियों के नाम हैं, जिनमें 6  मारे जा चुके हैं. 13 जीवित आरोपियों में सबसे ऊपर जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर और उसके दो भाइयों- रऊफ असगर मसूद और मौलाना अम्मार अली के नाम भी हैं. अमेरिकी एजेंसी FBI ने भी इस हमले के सबूत जुटाने में मदद की थी.


 

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