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This Article is From Jan 16, 2017

यूपी में नए चुनावी समीकरण : एनसीपी सपा के अखिलेश यादव गुट से गठबंधन की इच्छुक

यूपी में नए चुनावी समीकरण : एनसीपी सपा के अखिलेश यादव गुट से गठबंधन की इच्छुक
एनसीपी के महासचिव तारिक अनवर ने एनसीपी के यूपी में सपा के अखिलेश यादव गुट के साथ महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में यादव परिवार और समाजवादी पार्टी में फूट के चलते राजनीतिक दलों की निगाहें नई संभावनाओं पर टिक गई हैं और विधानसभा चुनाव को लेकर नए समीकरण बनने लगे हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव गुट से जुड़ने की इच्छा जताई है.

एनसीपी उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित महागठबंधन का हिस्सा बनने की इच्छुक है. एनसीपी ने कहा है कि वह समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव धड़े के बजाए उनके पु़त्र अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले धड़े को चुनेगी. एनसीपी के महासचिव तारिक अनवर ने कहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अच्छी छवि है. इससे प्रस्तावित महागठबंधन को भाजपा को पराजित करने में काफी सहायता मिलेगी.

तारिक अवनवर का कहना है कि ‘‘ अखिलेश यादव की छवि से महागठबंधन को काफी मदद मिलेगी. लोगों ने उन्हें पार्टी के चेहरे के रूप में स्वीकार कर लिया है. ’’ उन्होंने कहा कि‘‘ अभी प्राथमिकता भाजपा को हराने के लिए समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, जनता दल-यू और राष्ट्रीय लोक दल का महागठबंधन बनाने की है.’’

एनसीपी की सपा के नेतृत्व में महागठबंधन में शामिल होने की मंशा साफ करते हुए तारिक अनवर ने कहा कि ‘‘ राकांपा इसका हिस्सा बनेगी. अगर हम उत्तरप्रदेश जैसे राज्य में साम्प्रदायिक ताकतों को रोकते हैं तो इसका पूरे देश में स्पष्ट संदेश जाएगा. ’’

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश यादव के बीच घमासान जारी है. पार्टी के दो हिस्सों में बंटने की संभावनाएं बलवती हो गई हैं. इन हालात में एनसीपी द्वारा किस गुट को समर्थन किया जाएगा? इस सवाल पर तारिक अनवर ने कहा, ‘‘ चूंकि 80 प्रतिशत विधायक अखिलेश के साथ हैं, तो उनकी समाजवादी पार्टी असली है. हम उनके साथ जाएंगे. ’’ उत्तरप्रदेश में 403 सदस्यीय विधानसभा में एनसीपी के एकमात्र विधायक फतेह बहादुर हैं.

एनसीपी नेता ने कहा कि ‘‘हमें अपनी ताकत की जानकारी है और हम इसके अनुरूप ही गठबंधन का हिस्सा बनना चाहेंगे. कई स्थानों पर हमारे उम्मीदवार दूसरे या तीसरे स्थान पर आए हैं. इसलिए हम 20 से 25 सीट चाहेंगे.’’

उल्लेखनीय है कि साल 2015 में एनसीपी बिहार में महागठबंधन से अलग हो गई थी क्योंकि नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एनसीपी से विचार विमर्श किए बिना ही महागठबंधन के घटकों के साथ सीटों के बंटवारे की घोषणा कर दी थी.

गोवा में कांग्रेस और एनसीपी के बीच गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर तारिक अनवर ने कहा कि तटीय राज्य में किसी सहमति तक नहीं पहुंचा गया है जहां 4 फरवरी को चुनाव होने हैं. उन्होंने कांग्रेस-एनसीपी के बीच महाराष्ट्र में आगामी निकाय चुनाव में गठबंधन होने की संभावना व्यक्त की.
(इनपुट एजेंसी से भी)
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