सीताराम येचुरी का मोदी सरकार पर निशाना, 'अगर यह सुशासन है तो हम सबको सवाल करने की जरूरत'

सीताराम येचुरी का मोदी सरकार पर निशाना, 'अगर यह सुशासन है तो हम सबको सवाल करने की जरूरत'

माकपा नेता सीताराम येचुरी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 'क्या सुशासन दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों की परेशानियों को बढ़ाना है?'
  • 'नोटबंदी से भ्रष्टाचार, कालाधन से लड़ने के उद्देश्य हासिल नहीं हुए'
  • 'सरकार की अराजक नीतियों के खिलाफ सबको एकजुट होना होगा'
नई दिल्ली:

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या 'सुशासन दिवस' मनाने का उद्देश्य लोगों की परेशानियों को बढ़ाना है, जैसा कि नोटबंदी के बाद हुआ.

नोटबंदी पर 50 दिन की समयसीमा अगले सप्ताह समाप्त होने के मद्दनेजर येचुरी ने दावा किया कि अब तक भ्रष्टाचार और कालाधन से लड़ने समेत घोषित उद्देश्यों को हासिल नहीं किया गया है.

येचुरी ने ट्विटर पर डाले गए एक वीडियो में कहा, '...नोटबंदी के बाद लोगों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है और कम होने का नाम नहीं ले रही है. एटीएम और बैंकों पर लाइनें लंबी हो रही हैं.' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने जिन उद्देश्यों को हासिल करना निर्धारित किया था, उसमें से किसी भी उद्देश्य को हासिल नहीं किया जा सका. अगर यह सुशासन है तो हम सबको सवाल करने की आवश्यकता है.' गौरतलब है कि सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को 'सुशासन दिवस' के तौर पर मनाया.

माकपा नेता ने जोर दिया कि देश जब नए साल की ओर बढ़ रहा है तो उसे सुशासन की बजाय बेहतर शासन की आवश्यकता है. उन्होंने सरकार की 'अराजक' नीतियों के खिलाफ लोगों के जीवन में सुधार के संकल्प को दोगुना करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, 'उस चुनौती का हम सबको सामना करने की जरूरत है.'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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