पेरिस में हो रहे पैरालंपिक खेलों के पहले दिन भारत की 17 साल की निशानेबाज शीतल देवी महिलाओं की व्यक्तिगत कपाउंड स्पर्धा के क्वालिफिकेशन राउंड में दूसरे स्थान पर रही. शीतल देवी ने 720 में से 703 अंक हासिल किए. इस उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हैं. इस दौरान शीतल देवी ने विश्व रिकॉर्ड भी तड़ा, लेकिन यह थोड़ी देर ही उनके नाम कहा क्योंकि तुर्किए की ओज़नूर गिर्दी क्योर ने 704 अंक बटोरे और विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. ओज़नूर गिर्दी क्योर पहले स्थान पर रहीं, जबकि शीतल देवी दूसरे स्थान पर रहीं.
बता दें, पिछला वर्ल्ड रिकॉर्ड ब्रिटेन की फोएबे पैटरसन के साथ था, जिन्होंने 698 अंक बटोरे थे. बता दें, शीतल देवी का यह पहला ओलंपिक हैं. शीतल देवी ने टॉप-4 में फिनिश किया है, ऐसे में उन्हें अगले राउंड के लिए बाई मिला है और वो अब सीधे प्री-क्वार्टर फाइनल खेलेंगी. शीतल देवी अपने शुरुआती दौर में टोक्यो 2020 पैरालंपिक की रजत पदक विजेता चिली की मारियाना जुनिगा से भिड़ सकती हैं.
भले ही शीतल व्यक्तिगत रिकॉर्ड से रिकॉर्ड से चूक गईं लेकिन टीम स्पर्धा में उन्होंने विश्व रिकॉर्ड के साथ जगह बनाई. शीतल देवी (703) और राकेश कुमार (696) की जोड़ी ने कंपाउंड मिश्रित टीम क्वालिफिकेशन में 1399 का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड स्कोर बनाया, और राकेश और सरिता द्वारा बनाए गए पिछले रिकॉर्ड को एक अंक से तोड़ दिया.
Target 1: Oznur Cure – 704. 🇹🇷
— World Archery (@worldarchery) August 29, 2024
Target 2: Sheetal Devi – 703. 🇮🇳
One decisive arrow to set the WORLD RECORD. 🔥#ArcheryInParis #ParaArchey pic.twitter.com/jMAJJjsfNT
ऐसी है शीतल देवी की कहानी
भारत की पहली ऐसी ऑर्चर, जो बिना हाथों के तीरंदाजी करती हैं, शीतल देवी का जन्म 10 जनवरी, 2007 को जम्मू-कश्मीर के लोइधर गांव में फ़ोकोमेलिया नामक बीमारी के साथ हुआ था. फ़ोकोमेलिया एक दुर्लभ जन्म के साथ ही होने वाली बीमारी है, जिसके कारण अंग अविकसित हो जाते हैं. शीतल के हाथ पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाए.
ऐसी शारीरिक स्थिति के साथ पैदा होने के बावजूद, शीतल देवी ने हार नहीं मानी. शीतल को बचपन में पेड़ों पर चढ़ना काफी पंसद था और वो खेल खेल में पेड़ों पर चढ़ती थी. इसके चलते उनके शरीर का ऊपरी हिस्सा काफी मजबूत हुआ. इससे उन्हें आगे आने वाले समय में फायदा मिला.
भारतीय सेना ने पहचानी प्रतिभा
2021 में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भारतीय सेना द्वारा आयोजित एक युवा कार्यक्रम में सेना के कोचों को शीतल की सहज एथलेटिक क्षमता और आत्मविश्वास का पता चला. हालांकि, शीतल देवी के कोचों की शुरुआती कोशिशों में काफी परेशानी आईं. कोचों ने शुरू में प्रोस्थेटिक्स हाथों के साथ आगे बढ़ने का फैसला लिया, लेकिन यह काम नहीं आया. हालांकि, कुछ दिनों की खोज के बाद शीतल देवी के कोचों को बिना हाथ वाले तीरंदाज मैट स्टुट्ज़मैन के बारे में पता चला, जिन्होंने लंदन 2012 पैरालिंपिक में रजत पदक जीतने के लिए अपने पैरों का इस्तेमाल किया था.
At 17, Sheetal Devi on her Paralympics Debut 🫡
— The Khel India (@TheKhelIndia) August 29, 2024
- Broke World & Personal Record
- Score brilliant 703/720
- Finished 2nd at Ranking Round
Sheetal Devi is the only Female International Archer in the World who shoots without arms.pic.twitter.com/8qS2THRxM0
नेशनल चैम्पियनशिप में सबको किया हैरान
ओलंपिक की अधिकारिक बेवसाइट के अनुसार, शीतल तीरंदाजी कोच कुलदीप वेदवान की अकादमी में शामिल हो गईं. राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शीतल ने सक्षम तीरंदाजों के बीच स्पर्धा की और अपने प्रदर्शन से उन्होंने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. पैरा तीरंदाजी में शीतल ने अपरंपरागत शूटिंग तकनीक को अपनाया. शीतल ने मार्च-अप्रैल 2022 में हरियाणा में पैरा तीरंदाजी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया.
वेदवान ने कहा कि टूर्नामेंट महत्वपूर्ण था क्योंकि इससे शीतल देवी को एक भारतीय पैरा तीरंदाज़ के रूप में औपचारिक मान्यता प्राप्त करने में मदद मिली. इसके छह महीने बाद शीतल देवी ने गोवा में सक्षम तीरंदाजों के बीच जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लिया. हालांकि देवी ने कोई पदक नहीं जीता, लेकिन उनका प्रदर्शन उनके कोच और शीतल के लिए उत्साहजनक साबित हुआ.
साल 2023 में दिखा भारत की सुपर ह्यूमन का जलवा
कई एथलीटों को सालों लग जाते हैं अपनी पहचान बनाने में लेकिन शीतल देवी ने काफी कम समय में अपनी पहचान बनाई. शीतल देवी ने दुनिया को दिखाया कि वो कोई आम इंसान नहीं है बल्कि सुपर ह्यूमन हैं, जिनके पास असाधारण प्रतिभा है. साल 2023 शीतल के लिए काफी शानदार रहा. उन्होंने जहां एक तरफ एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया तो 2023 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया.
शीतल देवी ने विश्व तीरंदाजी पैरा चैंपियनशिप में महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन में रजत पदक अपने नाम किया. इसके बाद उन्होंने एशियाई पैरा गेम्स 2023 में महिला व्यक्तिगत कंपाउंड और मिश्रित युगल कंपाउंड में गोल्ड अपने नाम किया, जबकि वुमेंस डबल्स में उन्होंने रजत पदक जीता.
इसी साल शीतल ओपन कैटेगरी में विश्व की नंबर 1 महिला कंपाउंड पैरा तीरंदाज बनीं. शीतल को इस साल अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा गया. साथ ही उन्हें एशियाई पैरालंपिक समिति द्वारा वर्ष 2023 का सर्वश्रेष्ठ युवा एथलीट चुना गया. वहीं विश्व तीरंदाजी द्वारा वर्ष 2023 की सर्वश्रेष्ठ महिला पैरा तीरंदाज चुना गया.
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