Nikhat Zareen Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक्स 2024 में बॉक्सिंग में इस बार भारत की ओर से छह बॉक्सर्स हिस्सा ले रहे हैं. इन बॉक्सर में निकहत ज़रीन, लवलीना बोर्गोहेन, अमित पंघाल, निशांत देव, प्रीति पवार और जैस्मिन लेम्बोरी शामिल हैं इन बॉक्सरों का टार्गेट पोडियम फिनिश करने का होगा. बता दें कि इन बॉक्सरों में सबकी नजर निकहत ज़रीन और लवलीना बोर्गोहेन पर होगी. दोनों महिला बॉक्सर भारत के लिए बॉक्सिंग में मेडल दिलाने की सबसे बड़ी दावेदारों में से एक हैं. जरीन पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा मुक्केबाजी स्पर्धा में भाग लेंगे.
निकहत ज़रीन का सफर
महिला बॉक्सर निकहत ज़रीन के लिए यह ओलंपिक बेहद ही खास होने वाला है. निखत ज़रीन का जन्म 14 जून 1996 को निज़ामाबाद, तेलंगाना में हुआ था.निखत बचपन से ही बहुत शरारती थी. निकहत ज़रीन के बॉक्सर बनने में उनके पिता का काफी योगदान रहा है. पिता के कारण ही जरीन को बचपन से ही खेल कूद में दिलचस्पी होने लगी थी. उनके पिता ने जरीन को दौड़ना सिखाया था.
कुछ अलग करने की चाहत ने बनाया बॉक्सर
युवाअवस्था में जरीन अपने पिता के साथ दौड़ने के लिए स्टेडियम जाया करती थी. वहां कुछ लड़के बॉक्सिंग का अभ्यास करते थे. जिसमें लड़कियां नहीं होती थी. जिसे देखकर जरीन काफी नाखुश हुईं. जरीन ने ये बात अपने पिता को बताई और कहा कि, लड़कियां बॉक्सिंग क्यों नहीं करती. तब उनके पिता ने उन्हें कहा था कि लड़कियों से लोग बॉक्सिंग की उम्मीद नहीं करते हैं. यह बात जरीन को पसंद नहीं आई. इसके बाद निकहत ज़रीन ने ट्रेक पर दौड़ने का अभ्यास छोड़कर बॉक्सिंग में जाने का फैसला किया था.
मां परवीन को पसंद नहीं आया फैसला
जब निकहत जरीन ने बॉक्सर बनने का फैसला किया तो उनकी मां इस फैसले से खुश नहीं थीं .बल्कि उनकी मां को यह चिंता सताने लगी थी कि आगे चलकर जरीन की शादी कैसे होगी. इन सबके बीच उनके पिता ने जरीन को भरपूर सपोर्ट किया.
बॉक्सिंग की ट्रेनिंग के पहले गुरु पिता ही थे
पिता के साथ फिर जरीन ने बॉक्सिंग की बेसिक ट्रेनिंग ली थी. इसके बाद निकहत को 2009 में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच वेंकटेश्वर राव से ट्रेनिंग लेने के लिए उन्हें हैदराबाद भेजा गया था. वेंकटेश्वर राव के साथ ट्रेनिंग के बाद जरीन एक कुश बॉक्सर बन गई. निकहत जरीन ने सब-जूनियर नेशनल का खिताब जीता तो फिर 2011 में जूनियर और यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर बॉक्सिंग की दुनिया में अपनी पहचान बनाना शुरू कर दिया. 2013 में यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में जरीन ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था.
बॉक्सिंग में बनी वर्ल्ड चैंपियन (2022)
निकहत जरीन का सफर फिर वर्ल्ड चैंपियन तक पहुंचा, तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित 2022 विश्व चैंपियनशिप में जरीन ने इतिहास रचा और फाइनल में थाईलैंड की टोक्यो ओलंपियन जुतामस जितपोंग को हराकर भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था.
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में डेब्यू के साथ जीता गोल्ड मेडल
इसके बाद कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में निकहत ज़रीन ने गोल्ड मेडल जीतकर दिखा दिया कि बॉक्सिंग की दुनिया को हैरान कर दिया. यहां से निकहत ज़रीन आगे बढ़ती गई है. 2022 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी नवाजा गया . इसके अलावा एशियाई खेल 2023 में निखत ज़रीन ने ब्रॉन्ज मेडल जीतने का कमाल किया है. अब पेरिस ओलंपिक में निकहत जरीन से काफी उम्मीदें हैं.
मैरी कॉम हैं आदर्श लेकिन दे दी थी चुनौती
निकहत ज़रीन मैरी कॉम को अपना आदर्श मानती हैं. लेकिन एक समय ऐसा आया था जब निकहत ने मैरी कॉम को पोडियम पर आने की चुनौती दे दी थी. दरअसल, टोक्यो ओलंपिक में जाने के लिए जरीन की जगह मैरी कॉम को चुना गया था. भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन ने माना था कि मैरी कॉम ओलंपिक में जीत सकती है. ऐसे में बिना ट्रायल के ही मैरी कॉम को ओलंपिक के लिए भेज दिया गया था जिसके बाद निकहत ने मैरी कॉम को चुनौती दी थी. निकहत का कहना था कि मैं भी ओलंपिक में जाने की हकदार हूं. जरीन ने बॉक्सिंग फेडरेशन से ट्रायल की मांग की थी जिसे खारिज कर दिया था. जिसके बाद मैरी कॉम को निकहत ने बॉक्सिंग रिंग में उतरने की चुनौती दे दी थी. निकहत ने उस समय के खेल मंत्री किरण रिजीजू को पत्र लिखकर ट्रायल की मांग की थी, जिसके बाद बॉक्सिंग फेडरेशन को ट्रायल कराने पड़े थे लेकिन ट्रायन में निकहत को हार का सामना करना पड़ा था. निकहत जरीन ने मैरीकॉम के खिलाफ ट्रायल मुकाबले खेले थे जिसमें मैरी कॉम ने युवा बॉक्सर को 9-1 से हरा दिय़ा था.
2 बार की विश्व चैंपियन हैं निकहत
निकहत ने साल 2022 विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 52 किलोग्राम वर्ग और 2023 विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 50 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीतने का कमाल किया है.
निकहत जरीन ज़रीन की उपलब्धियां और मेडल
गोल्ड मेडल - विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2023, नई दिल्ली
गोल्ड मेडल - विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2022, इस्तांबुल
गोल्ड मेडल - राष्ट्रमंडल खेल 2022, बर्मिंघम
ब्रॉन्ज मेडल - एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2019, बैंकॉक
ब्रॉन्ज मेडल - एशियाई खेल 2023, हांग्जो
गोल्ड मेडल - महिला जूनियर और युवा विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप, इस्तांबुल
सिल्वर मेडल - युवा विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2013, अल्बेना
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार - अर्जुन पुरस्कार 2022
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं