Lakshya Sen vs Viktor Axelsen at Paris Olympics 2024: लक्ष्य सेन आज (रविवार) दोपहर को पुरुष एकल सेमीफाइनल में डेनमार्क के मौजूदा ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन से भिड़ेंगे, उनका लक्ष्य बैडमिंटन में भारत को पहला पुरुष ओलंपिक पदक विजेता बनाने का होगा. लक्ष्य के लिए यह आसान नहीं होने वाला है. एक्सेलसन पुरुष एकल के मौजूदा दौर में गोल्ड मेडल जीतने के दावेदार हैं. उन्होंने पिछले दो ओलंपिक में एकल पदक जीते हैं और 2022 में टोक्यो में विश्व चैंपियनशिप भी जीती थी. डेनमार्क का यह खिलाड़ी लक्ष्य के लिए इस ओलंपिक में सबसे बड़ी चुनौती होंगे. लक्ष्य सेन अबतक इस ओलंपिक में ग्रुप चरण में खेले गए मैचों में शानदार परफॉर्मेंस किया है. तीसरे वरीय जोनाथन क्रिस्टी और फिर पहले दो नॉकआउट राउंड में एचएस प्रणय और चोउ टिएन चेन जैसे दो उच्च रैंकिंग वाले खिलाड़ियों को हराने में सफल रहे हैं.

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लक्ष्य सेन vs विक्टर एक्सेलसेन हेड टू हेड (Lakshya Sen vs Viktor Axelsen head-to-head)
एक्सेलसन एक महान बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं. दोनों के बीच हुए मुकाबले में अबतक एक्सेलसन का पलड़ा भारी रहा है. एक्सेलसन 7-1 से आगे हैं और लक्ष्य पर उनकी ज़्यादातर जीतें आसान रही है. हालांकि, इस साल की शुरुआत में सिंगापुर ओपन के पहले दौर में दोनों की मुलाक़ात हुई थी और यह एक कड़ा मुक़ाबला था जिसमें एक्सेलसन ने तीन गेम जीतने में सफलता हासिल की थी. एक्सेलसन के खिलाफ़ लक्ष्य को एकमात्र जीत 2022 के जर्मन ओपन में मिली थी, जिसमें उन्होंने तीसरा गेम 22-20 से जीता था. यह दो साल पहले की बात है ..लेकिन अब समय बदल गया है. लक्ष्य सेन शानदार फॉर्म में हैं. उनकी फिटनेस लाजवाब है. इस ओलंपिक में लक्ष्य ने अपने खेल से दिखाया है कि उनके सामने कोई भी खिलाड़ी क्यों न हो, उनके लिए चुनौती नहीं है. लक्ष्य के लिए एक और अच्छी खबर यह है कि 2024 में एक्सेलसन पहले की तरह अजेय नहीं दिख रहे हैं. वह कुछ प्रमुख टूर्नामेंटों में जल्दी हारे हैं, चोटिल रहे हैं और उनकी फिटनेस पहले जैसी नहीं रही है. उन्हें टोमा जूनियर पोपोव, वांग त्ज़ु वेई और चोउ टिएन चेन जैसे खिलाड़ियों से हार का सामना करना पड़ा है.

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एक्सेलसन की ताकत क्या है? (What are Axelsen's strengths)
एक्सेलसन नेट पर तेज़ और आक्रमक खेलने के लिए जाने जाते हैं. ड्रॉप शॉट और कोर्ट में बड़े स्मैश मारने में माहिर हैं. अपने खेलने की गति में बदलाव कर एक्सेलसन विरोधी खिलाड़ी को मात देने में सफल रहते हैं. मैच के दौरान पलक झपकते ही अपनी रणनीति बदलने में सक्षम भी हैं. एक्सेलसन का स्वाभाविक खेल रक्षात्मक और आक्रामक दोनों ही तरह के खिलाड़ियों के लिए चुनौती है. रक्षात्मक खिलाड़ियों के लिए, उनके शॉट बनाने की विविधता अक्सर विरोधी खिलाड़ी को संभालने में मुश्किल आती है. अधिक आक्रामक खिलाड़ियों के खिलाफ, डेन का wing-span उसे शटल का एक उत्कृष्ट रिट्रीवर भी बनाता है. एक्सेलसन रैलियों में बने रहने और बचाव करने के बजाय रैलियों को नियंत्रित करने के लिए जाने जाते हैं. दूसरे खिलाड़ी पर कंट्रोल कैसे करना है .इस दिग्गज को भली भांति आता है.

कैसे जीत सकते हैं लक्ष्य सेन (How can Lakshya nullify those strengths)
चोउ टीएन चेन के खिलाफ़ लक्ष्य सेन ने जिस स्तर पर परफॉर्मेंस किया था. इस बार भी उन्हें उसी जज्बे के साथ खेलना होगा. विरोधी खिलाड़ी के बारे में न सोचकर लक्ष्य को अपने खेल को अपने स्तर पर ही खेलना होगा. एक्सेलसन के खिलाफ गलतियों की कोई गुंजाइश नहीं है. लक्ष्य को ध्यान रखना होगा कि एक्सेलसन को ज्यादा मौके न दें. लक्ष्य दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रक्षात्मक खिलाड़ियों में से एक हैं. डाइविंग रिट्रीवल करने और फिर अगली शटल खेलने के लिए तैयार होने की उनकी क्षमता एक्सेलसन के खिलाफ़ उनकी सबसे बड़ी ताकत बन सकती है. चोउ के खिलाफ़ लक्ष्य ने डिफेंस और अटैक का जो मिश्रण दिखाया, उसे लेकर यहां भी उन्हें कोर्ट पर उतरना होगा. एक्सेलसन के खिलाफ़ जीत ओलंपिक में किसी भारतीय की सबसे बड़ी जीत सबित हो सकती है. यह मुश्किल है लेकिन लक्ष्य का पास इतिहास रचने का मौका होगा. रविवार दोपहर को इतिहास लक्ष्य सेन का इंतजार कर रहा है.
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