Paris Olympics 2024: पेरिस में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों के दसवें दिन सोमवार को करोड़ों भारतीय खेलप्रेमी तब निराशा में डूब गए, जब महाकुंभ के इतिहास में सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनने वाले लक्ष्य सेन (Lakshya Sen misses Bronze) के हाथों से कांस्य पदक फिसल गया. इससे पहले के मैचों में दुनिया के दिग्गजों को अच्छी टक्कर देने वाले लक्ष्य सेन से उम्मीद थी कि वह कम से कम कांस्य जरूर जीतेंगे, लेकिन निर्णायक पलों में या बढ़त लेने के बाद अनुभवहीनता उनके कौशल पर भारी पड़ गई. लेकिन इस हार के बावजूद वह बहुत हद तक पदक विजेता से कम नहीं हैं! भारतीय बैडमिंटन का इतिहास और उनका ओलंपिक में प्रदर्शन साफ-साफ इस बात को बयां करता है. जिस तरह का कौशल उन्होंने ओलंपिक में दिखाया, उनकी चौतरफा प्रशंसा हो रही है. और यहां से वह चार साल बाद लॉस एंजिल्स में होने वाले अगले ओलंपिक में कुछ भी (स्वर्ण भी) कर सकते हैं. चलिए हम इसकी 5 ठोस और बड़ी वजह आपको बताते हैं, जो अपने आप में बताने के लिए काफी हैं कि क्यों लक्ष्य सेन कांस्य गंवाकर भी भारत एक चैंपियन के रूप में वापस लौटेंगे. और उनका प्रदर्शन यह भी बतता है इस चैंपियन का "लक्ष्य" बड़ा है क्योंकि ओलंपिक प्रदर्शन में इस चैंपियन के प्रदर्शन में कई "लक्ष्य" छिपे हैं. चलिएआप ये 5 बड़ी और ठोस वजह जान लें.
लक्ष्य के इन मैजिक शॉटों की दुनिया भर में चर्चा
1. अननर्विंग टेंप्रामेंट, गजब के कूल!
जिस तरह का कौशल लक्ष्य सेन ने दिखाया, उससे कहीं भी नहीं लगा कि वह सर्वोच्च स्तर पर पहली बार खेलने उतरे हैं. दिग्गज खिलाड़ियों के सामने शायद ही कभी वह पल दिखा हो, जब कैमरे ने उनकी नर्वसनेस को पकड़ा हो. शायद ही प्वाइंट गंवाने पर सेन ने आपा खोया हो. और यूं तो बात जब कूलनेस की आती है, तो धोनी इस संदर्भ में बड़ी पहचान हासिल कर चुके हैं, लेकिन लक्ष्य सेन ने ओलंपिक के दौरान दिखाया कि उनके पास गजब का ठंडा दिमाग है. ये तमाम गुण एक बड़े चैंपियन खिलाड़ी के गुण हैं.
2. विश्व नंबर-3 तीन को दी मात
लक्ष्य सेन ने ओलंपिक में अपने पहले मैच में केविन कोर्डन को हराया था, लेकिन केविन के मैच से हटने के कारण लेन को जीत के अंक नहीं मिले थे. लेकिन इसके बाद दुनिया के नंबर-3 खिलाड़ी जोनाथन क्रिस्टी को हराकर लक्ष्य सेन ने सनसनी फैला दी. लक्ष्य सीधे गेमों में 21-18, 21-12 से जीते तो यहीं से करोड़ों खेलप्रेमियों को उम्मीद जगी कि 22 साल के लक्ष्य यहां से कुछ भी हो सकता है. वास्तव में विश्व नंबर-3 को मात देना ही अपने आप में भविष्य के चैंपियन की बात को कहीं ज्यादा बल प्रदान करता है.
3. वरीय खिलाड़ियों के छुड़ाए पसीने
लक्ष्य सेन ने सेमीफाइनल तक पहुंचने के सफर में तमाम दिग्गज और अपने से कहीं वरीय और अनुभवी खिलाड़ियों को न केवल मात दी, बल्कि हारने से पहले उनके पसीने छुड़ा दिए. क्वार्टरफाइनल में दुनिया के नंबर 11 खिलाड़ी ताइवान के चाउ टेन-चेन के हाथों पहला गेम हारने के बाद 22वीं वरीय लक्ष्य सेन ने उन्हें मात देकर भविष्य का चैंपियन का एक और बढ़िया सबूत दिया. लक्ष्य 19-21 से हारने के बाद अगले दोनों गेम 21-15, 21-12 से जीते. वहीं, कांस्य पदक के लिए खेले गए मुकाबले में 22वीं वरीय लक्ष्य ने दुनिया के नंबर सात खिलाड़ी मलेशिय के ली जि जियो के खिलाफ पहला गेम 21-13 से गेम जीतना और दूसरा गेम नजदीकी से हारना एक और बड़ा सबूत है, जो बताता है कि "चैंपियन का लक्ष्य" खत्म नहीं हुआ है.
4. वर्तमान नंबर-1 और दो ओलंपिक चैंपियन को दी टक्कर
इसके बाद सेमीफाइनल में जब उनका दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी डेनमार्क के विक्टर एक्सलसेन से उनका मुकाबला हुआ, तो दो बार के और वर्तमान ओलंपिक चैंपियन के पहला गेम जीतने में पसीने छूट गए. वास्तव में पहले गेम 22-20 की स्कोरलाइन अपने आप में बहुत कुछ कह देती है. और जीत के बाद विक्टर ने कहा कि अभी तक लक्ष्य सेन ने उनकी सबसे कड़ी परीक्षा ली. 22 साल के भारतीय का इस साल के खिलाड़ी के खिलाफ स्कोर 20-22, 21-14 रहा, जो अपने आप में साफ-साफ कह रहा है कि यह स्कोरलाइन भविष्य में बदलेगी ही बदलेगी और बहुतों की नींद उड़ाएगी.
5. उम्र का साथ, गजब कौशल है हाथ!
कांस्य हाथ से फिसलने के बावजूद लक्ष्य सेन हीरो बनकर ओलंपिक से लौटेंगे. वजह उनका सेमीफाइनल खेलने वाला पहला भारतीय खिलाड़ी बनना तो है ही, वहीं उनके खेल कौशल ने युवाओं को दीवाना कर दिया है. सोशल मीडिया सबूत है कि लक्ष्य ने अपने प्रशंसकों की संख्या में कई गुना इजाफा कर लिया है. सेन को स्टार का दर्जा मिल चुका है. इसकी वजह है उनका कौशल. उनकी कोर्ट कवर रीच, चपलता और अजब-गजब शॉट पहले से ही चर्चा का विषय बने हुए हैं. वहीं, उनके पास उम्र का भी साथ है. वह अभी कुल 22 साल के हैं. और जब वह लॉस एंजिल्स में साल 2028 में कोर्ट पर उतरेंगे, तो उनकी उम्र 26 साल की होगी. यह वह बात है, जो उन्हें अपना खेल स्तर और ऊपर ले जाने, खामियां दूर करने और अनुभव बटरोने की बड़ी प्रेरणा देगा.
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