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Norway Chess 2025: गुकेश ने ऐसे बाजी पलटी और कार्लसन ने झल्लाकर चेस बोर्ड ठोक डाला, Video

Gukesh stuns Carlsen in Norway Chess 2025: आखिरी समय में कार्लसन से हुई गलती का गुकेश ने भरपूर फायदा उठाया और अहम समय में सटीक चाल चलकर कार्लसन को हरा दिया

Norway Chess 2025: गुकेश ने ऐसे बाजी पलटी और कार्लसन ने झल्लाकर चेस बोर्ड ठोक डाला, Video
Gukesh stuns Carlsen in Norway Chess 2025:

Gukesh stuns Carlsen in Norway Chess 2025: हारकर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं...यह डायलॉग शाहरुख खान की फिल्म से है. लेकिन इस डायलॉग को डी गुकेश ने सच साबित कर दिया. जब उन्होंने हारी हुई बाजी को जीत में बदलने का काम किया और वह भी पूर्व विश्व चैंपियन के खिलाफ. विश्व चैंपियन डी गुकेश ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट 2025 के छठे दौर में  कमाल करते हुए पूर्व विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को एक बार फिर हराकर इतिहास रच दिया. यह पहली बार है जब गुकेश  करियर में क्लासिकल टाइम कंट्रोल में कार्लसन को हराने का कमाल कर दिखाया है. दोनों के बीच यह मुकाबला बेहद ही दिलचस्प रहा.  मैच में ज्यादा से ज्यादा समय तक कार्लसन हावी रहे थे लेकिन बाद में गुकेश ने अपनी चमत्कारिक दृढता, अनुशासन और धैर्य  के साथ आखिरी पलों में पासा पलट दिया. आखिरी समय में कार्लसन से हुई गलती का गुकेश ने भरपूर फायदा उठाया और अहम समय में सटीक चाल चलकर कार्लसन को हरा दिया. गुकेश के चालाकी भरे चाल को देखकर कार्लसन दंग रह गए. उन्हें खुद पर यकीन नहीं आया और गुस्से में टेबल पर मुक्का मारकर अपनी नाराजगी जाहिर की. (Magnus Carlsen bangs table in anger). हार से हताश कार्लसन अपने गुस्से को बर्दाश्त नहीं कर पाए और तुरंत वहां से निकल गए. जाने से पहले कार्लसन ने गुकेश  की पीठ थपथपाई.

इस जीत से 19 वर्षीय गुकेश 8.5 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं. वह अब संयुक्त रूप से शीर्ष पर काबिज कार्लसन और अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फैबियानो कारूआना से केवल एक अंक पीछे हैं. प्रतियोगिता में भाग ले रहे भारत के एक अन्य खिलाड़ी अर्जुन एरिगैसी चीन के वेई यी के खिलाफ आर्मागेडन टाई-ब्रेक में जीत के बाद 7.5 अंकों के साथ हिकारू नाकामुरा के साथ संयुक्त चौथे स्थान पर हैं. इस टूर्नामेंट में लगभग सभी छह खिलाड़ियों के पास प्रतिष्ठित खिताब जीतने का मौका है.

इस शानदार जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गुकेश के कोच ग्रैंडमास्टर विष्णु प्रसन्ना ने किशोर की दृढ़ता और जुझारूपन की प्रशंसा की, उन्होंने कहा "हमें गुकेश की जिद और उसकी कुशलता के लिए बहुत श्रेय देना होगा क्योंकि मुझे लगता है कि वह जानता था कि कब अपनी चाल चलनी है.  वह लगातार प्रयास करता रहा और समय कम होता गया, उसके पास वास्तव में स्थिति के साथ कुछ करने का अवसर  था"

इस जीत ने टूर्नामेंट में और रोमांच जोड़ दिया है, क्योंकि टॉप स्थान के लिए दौड़ अपने अंतिम दौर में प्रवेश कर रही है. 

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