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This Article is From Aug 24, 2023

Praggnanandhaa vs Carlsen Final: मैग्नस कार्लसन ने जीता वर्ल्ड कप, प्रज्ञानंद ने ड्रा खेली दूसरी बाजी

एक समय पहली बाजी बराबर छूटती दिखाई पड़ रही थी, लेकिन आखिरी पांच मिनट का दबाव और कार्लसन के अनुभव ने तेजी से सबकुछ पलट दिया

Praggnanandhaa vs Carlsen Final: मैग्नस कार्लसन ने जीता वर्ल्ड कप, प्रज्ञानंद ने ड्रा खेली दूसरी बाजी
बाकू (अजरबेजान):

बाकू में खेले गए फिडे शतरंज विश्व कप में तीन दिन के भीतर चले करीब चली करीब चार बाजियों और शुरुआती दो दिन चले खासे कड़े मुकाबले के बाद आखिरकार वीरवार को तीसरे दिन टाईब्रेकर में पांच बार के चैंपियन मैग्सन कार्लसन का अनुभव भारतीय युवा प्रज्ञानंद पर कहीं भारी साबित हुआ. और इस दिग्गज ने भारत के 18 साल के युवा प्रज्ञानंद को मात देते हुए छठी बार विश्व कप का खिताब अपनी झोली में डाल लिया. कार्लसन ने यह मुकाबला 1.5 - 0.5 के अंतर से जीता. प्रज्ञानंद ने टूर्नामेंट में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नकामूरा और तीसरे नंबर के खिलाड़ी फेबियानो कारूआना को हराकर कार्लसन के खिलाफ फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन फाइनल में हार के साथ ही उनका और करोड़ों भारतीय चेस फैंस का सपना चूर हो गया. 

पहली रैपिड बाजी में 18 साल के प्रज्ञानंद ने दिग्गज कार्लसन को अच्छी चुनौती दी और एक समय पहली बाजी बराबर छूटती दिखाई पड़ रही थी, लेकिन आखिरी पांच मिनट के दबाव और कार्लसन के अनुभव ने तेजी से सबकुछ पलट दिया. और एक बार प्रज्ञानंद इस खिताबी मुकाबले के टाइब्रेकर की शुरुआती बाजी में क्या हारे कि यहां से सबकुछ उनके हाथ से निकल गया. चलिए आप विस्तार से जान लीजिए कि दूसरी और पहली बाजी में दोनों के बीच कैसे मुकाबला हुआ.  

दूसरी रैपिड बाजी:

दूसरी बाजी में प्रज्ञानंद काले मोहरों के साथ खेल रहे हैं और यह उनके लिए करो या मरो की बाजी है क्योंकि पहली बाजी कार्लसन के नाम रही. भारतीय युवा ने थोड़ी देर प्रार्थना करने के बाद खेल की शुरुआत की है. दोनों ही खिलाड़ियों ने दूसरी बाजी की शुरुआत में ही अपना एक-एक नाइट (घोड़ा) गंवा दिया, लेकिन पहली बाजी में हार का असर प्रज्ञानंद पर साफ दिखा. और समय के लिहाज से कार्लसन ने भारतीय खिलाड़ी पर बढ़त बना ली. और दूसरी बाजी का आधा समय पूरा होने से पहले ही भारतीय युवा ड्रा पर सहमत हो गए. और इसी के साथ ही नॉर्वे के पांच बार के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लस ने एक और विश्व कप खिताब अपनी झोली में डाल लिया. 

पहली रैपिड बाजी:

प्रज्ञानंद ने शुरुआत e4 के साथ की है. भारतीय युवा ने टाई ब्रेकर के शुरुआती बाजी में तेज शुरुआत दी. प्रज्ञा की रणनीति साफ दिखाई दी कि वह पूरी तरह से आक्रामक होकर खेलेंगे, वहीं प्रतिद्वंद्वी कार्लसन काफी चिंतन और मनन के मूड में दिखाई पड़े. और रणनीति का फायदा भी प्रज्ञानंद को. समय के मामले प्रज्ञानंद नार्वे के चैंपियन के मुकाबले में फायदे में दिखाई पड़े. एक समय प्रज्ञानंद के पास जहां 19 मिनट का समय था, तो कार्लसन के पास 14 मिनट थे, लेकिन नॉर्वे खिलाड़ी ने वापसी की और फिर यही समय एक का अंतर एक समय 12 और 9 मिनट का रह गया, लेकिन प्रज्ञानंद ने आखिरी पलों में समय के लिहाज से खुद को कुछ आगे रखा.

इन्हीं पलों में प्रज्ञानंद के पास जहां एक्स्ट्रा बिशप था, तो वहीं विश्व नंबर-1 के पास एक्ट्रा नाइट (घोड़ा) था. लेकिन आखिरी पांच मिनट में कार्लसन का अनुभव 18 साल के भारतीय युवा पर भारी पड़ा. इस दौरान कार्लसन ने न केवल समय के लिहाज से प्रज्ञानंद पर बढ़त बना ली, बल्कि कई अच्छी चाल चलते हुए उन्होंने प्रज्ञानंद को मात देते हुए पहली बाजी अपने नाम कर ली.  वहीं शुरुआती दो बाजियों की बात करें, तो जहां दोनों के बीच खेली गई पहली बाजी 34 चालों में सिमटी, तो वीरवार को खेली गई दूसरी बाजी में 30 चालों के बाद दोनों ही ड्रा के लिए सहमत हो गए. दूसरी बाजी की शुरुआत में प्रज्ञानंद कार्लसन से आगे थे, लेकिन तुलनात्मक रूप से अनुभवहीन प्रज्ञान फायदे को बरकार नहीं रख सके थे और उन्हें ड्रा खेलने पर मजबूर होना पड़ा था. . 

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