टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) खेलों में महिला एकल वर्ग 4 टेबल टेनिस स्पर्धा के फाइनल में गोल्ड मेडल के लिए (gold medal) भाविना पटेल (Bhavina's Patels) का मुकाबला चीन की पैरा एथलीथट यिंग झोउ से हुआ. हालांकि फाइनल में भाविना को हार का सामना करना पड़ा लेकिन देश के लिए सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. फाइनल में भाविना को चीनी खिलाड़ी झाउ यिंग के हाथों उन्हें 11-7, 11- 5, 11-6 से हार का सामना करना पड़ा. इससे पहले भाविना ने अपने सेमीफाइनल मुकाबले में चीन की मियाओ झांग पर 3-2 से हराया था और पैरालंपिक टेबल टेनिस स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने में सफल रही थीं. भावना पटेल (Bhavina Patel) का सफर बेहद ही संघर्ष भरा रहा है. उनकी कहानी बेहद ही दिल जीतने वाली है.
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Huge congratulations to Bhavina Patel … Good luck for the finals … #TableTennis #BhavinaPatel #TokyoParalympics #Tokyoparalympics2020
— Saina Nehwal (@NSaina) August 28, 2021
1 साल की उम्र में हुआ पोलियो
6 नवंबर 1986 में गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर के एक छोटे से गांव में जन्मीं भाविना जब केवल साल की रहीं थी तो उन्हें पोलिया हो गया था. उस समय भाविना के पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि बेटी का इलाज करवा सके. हालांकि जब वो चौथे ग्रेड में पहुंचीं तो उनके पिता ने विशाखापट्टनम में सर्जरी जरूर हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. रिहैब के दौरान भाविना ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया जिसके कारण उनकी अवस्था ऐसी ही रह गई. मध्यमवर्गीय परिवार से तालुक रखने वाली भाविना को फिर अपनी पूरी जिन्दगी के लिए व्हीलचेयर को अपनाना पड़ा. इसी संघर्ष के साथ भाविना ने अपने गांव में 12वीं तक की पढ़ाई की है. उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से पत्राचार के माध्यम से स्नातक की डिग्री हासिल की.
शौक के तौर पर टेबल टेनिस खेलना शुरू किया
भाविना ने शौक के तौर पर टेबिल टेनिस खेलना शुरू किया था. लेकिन उन्होंने अपने इस शौक को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया. दरअसल भाविना ने खुद को फिट रखने के लिए टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था. इसके बाद साल 2014 में भाविना के पिता ने अहमदाबाद में दृष्टिहीन लोगों के लिए बनाए गए एक संगठन में ले गए, जहां से भाविना के टेबल टेनिस के करियर की शुरूआत हुई. यहां पर भाविना को यह संगठन आर्थिक तौर पर मदद करने लगा.
Now we #GoForGold!!! @BhavinaPatel6 is through to the FINALS #TableTennis After beating World no. 3 #CHN today, #BhavinaPatel will be seen in #Tokyo2020 #Paralympics FINALS tomorrow morning!!! pic.twitter.com/V8hMgst5wi
— Paralympic India ???????? #Cheer4India ???? #Praise4Para (@ParalympicIndia) August 28, 2021
Many congratulations to #BhavinaPatel for winning the historic ????at #Paralympics.
— DK (@DineshKarthik) August 29, 2021
This coming on #NationalSportsDay makes it even more special. #Tokyo2020 pic.twitter.com/jyoIMRiLe6
ऐसे मिली सफलता
पेशेवर टेबल टेनिस खेलते के 3 साल के बाद बैंगलोर में पैरा टेबल टेनिस में अपना पहला गोल्ड पदक जीतकर भाविना ने अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी थी. 2011 पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप जीतने के बाद उनकी वर्ल्ड रैंकिंग नंबर दो पर पहुंच गई थी. अक्टूबर 2013 में बिजिंग एशियन पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में उन्होंने महिलाओं के सिंगल क्लास 4 इवेंट में सिल्वर मेडल जीतने का कमाल कर दिखाया था. भाविना ने एक के बाद एक शानदार परफॉ़र्मेंस कर हर जगह मेडल जीतने में सफल रही हैं. 2018 में एशियाई पैरा खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीता तो वहीं, 2019 में, बैंकाक में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय एकल गोल्ड मेडल जीतने में भाविना सफल रही हैं. साल 2011 से अपने मेहनत और दुर्बलता को भुलाकर भाविना ने 2020 के टोक्यो पैरालिंपिक में शामिल होने में सफल रहीं, और यहां पर उन्होंने इतिहास रच दिया है.
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पीएम नरेंद्र मोदी जी ने भी दी बधाई
The remarkable Bhavina Patel has scripted history! She brings home a historic Silver medal. Congratulations to her for it. Her life journey is motivating and will also draw more youngsters towards sports. #Paralympics
— Narendra Modi (@narendramodi) August 29, 2021
VIDEO: 'टोक्यो पैरालिंपिक्स : भाविना पटेल ने रचा इतिहास, भारत का सिल्वर मेडल पक्का
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