सांकेतिक तस्वीर
मथुरा:
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में शुक्रवार सुबह कुछ अधिकारियों के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण रही। क्योंकि उन्हें 18 गांवों में जाकर यह जानने को कहा गया था कि वहां लोग खुले में शौच तो नहीं करते।
अधिकारियों ने यह जिम्मेदारी बखूबी निभाई और मुख्य विकास अधिकारी को कुछ ऐसे लोगों के फोटो सोशल मीडिया (व्हाट्स ऐप) के माध्यम से शेयर भी किए, जिन पर अब कार्यवाही की जा रही है।
मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने शनिवार को मथुरा में बताया कि स्वच्छता अभियान में यह कवायद जिले के इन डेढ़ दर्जन गांवों को खुले में शौच करने की प्रवृत्ति से मुक्त करने के प्रयासों के तहत की जा रही है। इसीलिए तीन दर्जन अधिकारियों को इस काम में लगाया गया था।
उन्होंने बताया, 'जैसे ही मैंने सुबह चार बजे इस अभियान के समन्वयक धर्मवीर को फोन लगाया तो उन्होंने ब्लॉक वार सभी नोडल अधिकारियों और सहायक नोडल अधिकारियों को सतर्क कर दिया। और फिर शुरू हो गई मौके से रिपोर्टिंग।'
सीडीओ ने बताया, 'स्वच्छता अभियान निगरानी समिति के सदस्यों ने अपने क्षेत्र के कई लोगों को खुले में शौच करते पकड़ा। कई को ऐसा करने से रोका गया और फिर गांव वालों को खुले में शौच करने से होने वाले नुकसानों के बारे में चेताया गया।'
उन्होंने बताया कि अब तक जिले के दो गांव पूरी तरह से इस कुप्रथा से मुक्त हो चुके हैं तथा 16 अन्य चयनित गांवों को भी इस कुप्रथा से मुक्त करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही वहां भी सफलता मिल जाएगी।
वर्मा ने बताया, कि 15 अप्रैल तक इन गांवों को डिफेकेटिंग से मुक्त करा लिया जाएगा और स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) तक जिले के 150 गांवों को इस श्रेणी में शामिल कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
अधिकारियों ने यह जिम्मेदारी बखूबी निभाई और मुख्य विकास अधिकारी को कुछ ऐसे लोगों के फोटो सोशल मीडिया (व्हाट्स ऐप) के माध्यम से शेयर भी किए, जिन पर अब कार्यवाही की जा रही है।
मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने शनिवार को मथुरा में बताया कि स्वच्छता अभियान में यह कवायद जिले के इन डेढ़ दर्जन गांवों को खुले में शौच करने की प्रवृत्ति से मुक्त करने के प्रयासों के तहत की जा रही है। इसीलिए तीन दर्जन अधिकारियों को इस काम में लगाया गया था।
उन्होंने बताया, 'जैसे ही मैंने सुबह चार बजे इस अभियान के समन्वयक धर्मवीर को फोन लगाया तो उन्होंने ब्लॉक वार सभी नोडल अधिकारियों और सहायक नोडल अधिकारियों को सतर्क कर दिया। और फिर शुरू हो गई मौके से रिपोर्टिंग।'
सीडीओ ने बताया, 'स्वच्छता अभियान निगरानी समिति के सदस्यों ने अपने क्षेत्र के कई लोगों को खुले में शौच करते पकड़ा। कई को ऐसा करने से रोका गया और फिर गांव वालों को खुले में शौच करने से होने वाले नुकसानों के बारे में चेताया गया।'
उन्होंने बताया कि अब तक जिले के दो गांव पूरी तरह से इस कुप्रथा से मुक्त हो चुके हैं तथा 16 अन्य चयनित गांवों को भी इस कुप्रथा से मुक्त करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही वहां भी सफलता मिल जाएगी।
वर्मा ने बताया, कि 15 अप्रैल तक इन गांवों को डिफेकेटिंग से मुक्त करा लिया जाएगा और स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) तक जिले के 150 गांवों को इस श्रेणी में शामिल कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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