वाराणसी:
देश के कई हिस्सों में डेन केबल नेटवर्क पर एनडीटीवी चैनल का प्रसारण नहीं किए जाने के कारण लोगों में निराशा और रोष है। इसी सिलसिले में 4 अप्रैल को बनरास के लहुराबीर इलाके में चंद्रशेखर आज़ाद पार्क में सद्भावना एकता मंच के बैनर तले शहर के सामाजिक राजनीतिक संगठनों और प्रबुद्ध जनों ने धरना प्रदर्शन किया।
इसमें तमाम लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि किसी केबल नेटवर्क पर लंबे समय से किसी चैनल को बंद करना सूचना प्राप्त करने के जनता के मौलिक अधिकार का हनन है। इसके लिए इन लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ने के साथ इसकी शिकायत संबंधित विभाग में करने की बात कही।
लोगों का गुस्सा इसलिए भी फूटा क्योंकि केबल नेटवर्क से लोग लंबे समय से एनडीटीवी के बंद प्रसारण को शुरू करने की मांग कर रहे थे। लेकिन डेन नेटवर्क एनडीटीवी चैनल बंद करने के पीछे कोई वजह नहीं बता रहा था। बार-बार आश्वासन के बाद भी जब चैनल नहीं शुरू हुआ तो लोगों ने प्रदर्शन करने का फैसला किया।
सद्भावना एकता मंच के सदस्य अतहर जमाल लारी ने कहा, "हम लोग धरना प्रदर्शन इसलिए कर रहे हैं कि डेन केबल द्वारा एनडीटीवी का प्रसारण बंद कर दिया गया है। बनारस की जनता और पूरे उत्तर प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि आखिर किस कारण से इसे बंद किया गया है। क्योंकि ये अवाम है, ये जनता है, उसे जो चैनल पसंद है उसे देखेगी। हमें हमारा हक मिले इसीलिए हम लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।'
सद्भावना एकता मंच के एक अन्य सदस्य संजीव सिंह ने कहा, "हम लोगों ने ये बात यहां उठाई है और इस लड़ाई को हम लोग आगे ले जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार को भी अपने इस मंच के द्वारा ज्ञापन देंगे और हम अपने इस मंच के द्वारा डेन ग्रुप पर मुकदमा भी दर्ज कराएंगे।''
धरना स्थल को बैनर पोस्टर से सजाया गया था जिसमें प्रेस कि आज़ादी से लेकर एनडीटीवी चैनल के प्रसारण को क्यों बैन किया गया है, ये पूछते सवाल थे। चौराहे पर लगे ये पोस्टर बैनर और किसी खबरिया चैनल को न देख पाने के विरोध में ये प्रदर्शन आने जाने वाले लोगों के लिए कौतूहल का विषय भी बना। लोग रुक रुक कर इन बैनरों के मसौदों को पढ़ रहे थे। प्रदर्शन में जुटे लोग इस तरह बिना कारण बताए चैनल को बंद किए जाने कि घटना को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला मान रहे हैं। यही वजह है कि ये लोग अब एनडीटीवी को देखने के लिए दूसरी तकनीक का सहारा लेने कि बात कह रहे हैं।
इसमें तमाम लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि किसी केबल नेटवर्क पर लंबे समय से किसी चैनल को बंद करना सूचना प्राप्त करने के जनता के मौलिक अधिकार का हनन है। इसके लिए इन लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ने के साथ इसकी शिकायत संबंधित विभाग में करने की बात कही।
लोगों का गुस्सा इसलिए भी फूटा क्योंकि केबल नेटवर्क से लोग लंबे समय से एनडीटीवी के बंद प्रसारण को शुरू करने की मांग कर रहे थे। लेकिन डेन नेटवर्क एनडीटीवी चैनल बंद करने के पीछे कोई वजह नहीं बता रहा था। बार-बार आश्वासन के बाद भी जब चैनल नहीं शुरू हुआ तो लोगों ने प्रदर्शन करने का फैसला किया।
सद्भावना एकता मंच के सदस्य अतहर जमाल लारी ने कहा, "हम लोग धरना प्रदर्शन इसलिए कर रहे हैं कि डेन केबल द्वारा एनडीटीवी का प्रसारण बंद कर दिया गया है। बनारस की जनता और पूरे उत्तर प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि आखिर किस कारण से इसे बंद किया गया है। क्योंकि ये अवाम है, ये जनता है, उसे जो चैनल पसंद है उसे देखेगी। हमें हमारा हक मिले इसीलिए हम लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।'
सद्भावना एकता मंच के एक अन्य सदस्य संजीव सिंह ने कहा, "हम लोगों ने ये बात यहां उठाई है और इस लड़ाई को हम लोग आगे ले जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार को भी अपने इस मंच के द्वारा ज्ञापन देंगे और हम अपने इस मंच के द्वारा डेन ग्रुप पर मुकदमा भी दर्ज कराएंगे।''
धरना स्थल को बैनर पोस्टर से सजाया गया था जिसमें प्रेस कि आज़ादी से लेकर एनडीटीवी चैनल के प्रसारण को क्यों बैन किया गया है, ये पूछते सवाल थे। चौराहे पर लगे ये पोस्टर बैनर और किसी खबरिया चैनल को न देख पाने के विरोध में ये प्रदर्शन आने जाने वाले लोगों के लिए कौतूहल का विषय भी बना। लोग रुक रुक कर इन बैनरों के मसौदों को पढ़ रहे थे। प्रदर्शन में जुटे लोग इस तरह बिना कारण बताए चैनल को बंद किए जाने कि घटना को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला मान रहे हैं। यही वजह है कि ये लोग अब एनडीटीवी को देखने के लिए दूसरी तकनीक का सहारा लेने कि बात कह रहे हैं।
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