इलाहाबाद के स्कूल ने 'जन गण मन' पर लगाई रोक, अध्यापकों ने दिया इस्तीफा, मैनेजर गिरफ्तार

इलाहाबाद के स्कूल ने 'जन गण मन' पर लगाई रोक, अध्यापकों ने दिया इस्तीफा, मैनेजर गिरफ्तार

खास बातें

  • 'स्कूल प्रशासन ने पिछले 12 साल में कभी राष्ट्रगान की इजाजत ही नहीं दी'
  • स्कूल प्रशासन को यह संस्थान बंद करने के लिए शिक्षा विभाग से नोटिस
  • स्कूल में फिलहाल नर्सरी-8वीं तक के करीब 300 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं
इलाहाबाद:

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रगान के गायन पर प्रतिबंध लगाने को लेकर उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद का एक स्कूल जांच के घेरे में आ गया है, और स्कूल प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ स्कूल के प्रिंसिपल सहित आठ अध्यापकों ने इस्तीफा दे दिया है.

एमए कॉन्वेंट स्कूल की प्रिंसिपल रहीं ऋतु त्रिपाठी ने बताया, "हम में से ज्यादातर लोग यहां नए हैं और बहुत समय से काम नहीं कर रहे हैं... हमें यह जानकर हैरानी हुई कि स्कूल प्रशासन ने पिछले 12 साल में कभी राष्ट्रगान गाने की इजाज़त दी ही नहीं..." उन्होंने आगे बताया, "हमें भी कहा गया कि या तो इस बात को मान लें या नौकरी छोड़ दें, इसलिए हम सबने मिलकर यह निर्णय लिया है..."

इस बीच, स्कूल के मैनेजर जिया उल हक को उचित मान्यता के बिना स्कूल चलाने और राष्ट्रीय सम्मान को ठेस पहुंचाने से संबंधित कानूनों के तहत रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया.

प्रभारी जिलाधिकारी आन्द्रे वामसी ने बताया, "पिछले दो दिन में स्कूल प्रबंधक जिया उल हक़ ने राष्ट्रगान के खिलाफ बयान दिया, जिससे समाज में तनाव उत्पन्न करने लायक स्थिति पैदा हो गई, इसीलिए हमने एफआईआर दर्ज करके दंडात्मक कार्रवाई का आदेश दिया... हमें यह भी पता चला था की इनके स्कूल को मान्यता नहीं मिली है, और उससे जुड़ा नोटिस भी इन्हें 10 दिन पहले दिया गया था, लेकिन उसका भी इन्होंने कोई जवाब नहीं दिया... सो, राष्ट्रीय प्रतीकों तथा राष्ट्रगान के सम्मान संबंधी कानून के तहत इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, और गिरफ्तार कर लिया गया..."

प्रभारी जिलाधिकारी ने यह भी बताया, "इसके अलावा इनके स्कूल की मान्यता को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी की जो शिकायत है, उसकी भी जिला स्तर के अधिकारी को नामित कर जांच करवाई जाएगी, जिसके बाद सबूतों के साथ हम कार्रवाई करेंगे... चूंकि इस स्कूल के पास मान्यता नहीं है, इसलिए इसे कब्ज़े में लिया जाना ज़रूरी है, सो, अब हम अपनी नियमावली के अनुसार स्कूल को कब्ज़े में लेकर इनके दोनों परिसरों में पढ़ रहे 300 बच्चों को एक-दो दिन में ही बेसिक शिक्षा अधिकारी की मदद से किसी अन्य स्कूल में दाखिला दिलवाएंगे..."

उधर, जिया उल हक ने भी उनके स्कूल में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चों के अभिभावकों को ध्यान में रखते हुए अध्यापकों के साथ राष्ट्रगान को लेकर विवाद की बात को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा, "मुस्लिम छात्रों के लिए 'भारत भाग्य विधाता' गाना अस्वीकार्य है,' जिसका शाब्दिक अर्थ उनके अनुसार 'भारत अपने लोगों का स्वामी' है.

NDTV से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मुस्लिमों का मानना है कि भारत सहित दुनिया के सभी लोगों के लिए अल्लाह एकमात्र सर्वशक्तिमान स्वामी है... यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि अगर राष्ट्रगान का कोई हिस्सा किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है, तो वह इसे नहीं गाने के लिए स्वतंत्र है..."

उधर, अधिकारियों का कहना है कि स्कूल ने शिक्षा विभाग से मान्यता हासिल नहीं की है और इस मामले में स्कूल के खिलाफ जांच बिठा दी गई है. इलाहाबाद के बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव ने कहा, "करीब एक हफ्ते पहले हमने स्कूल प्रशासन को यह संस्थान बंद करने के लिए नोटिस दिया था... यह जानकर हैरानी हुई कि स्कूल अब भी चल रहा है..."

आरोप यह भी है कि स्कूल बिना किसी उचित मान्यता के अभिभावकों को धोखे में रखकर चलाया जा रहा है, और इस स्कूल मे फिलहाल नर्सरी से 8वीं तक के करीब 300 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.

यादव ने कहा, "स्कूल प्रशासन द्वारा राष्ट्रगान के गायन पर प्रतिबंध लगाने का मामला एक अन्य अपराध है, और अगर यह आरोप सही पाए गए तो स्कूल प्रशासन के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई होगी..."


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