प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए शिमला भी अपना सकता है सम-विषम फार्मूला

प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए शिमला भी अपना सकता है सम-विषम फार्मूला

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

शिमला:

दिल्ली से सबक लेते हुए शिमला प्रशासन शहर में बढ़ते यातायात तथा प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए वाहनों के सम-विषम संख्या का फार्मूला अपना सकता है। यह बात बुधवार को एक अधिकारी ने कही। उप महापौर टिकेंदर पंवार ने कहा कि यदि योजना दिल्ली में सफल रहती है, तो हम शिमला में भी यातायात को नियंत्रित करने के लिए इसे लागू करने पर विचार कर रहे हैं।"

शिमला नगर निगम के एक अध्ययन के मुताबिक, 45 फीसदी सैलानी शहर में पैदल घूमना चाहते हैं, 48 फीसदी सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करना चाहते हैं और शेष सात फीसदी निजी वाहनों का उपयोग करना चाहते हैं।

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अधिकारियों के मुताबिक, शिमला में 80 हजार से अधिक पंजीकृत वाहन हैं। मई और जून के बीच तथा दिसंबर और जनवरी के बीच के व्यस्त पर्यटन मौसम में वाहनों की संख्या लगभग दोगुनी हो जाती है। शिमला में कई स्थानों पर वाहनों के परिचालन पर पाबंदी है। अंग्रेजों के समय से ही यहां पैदल घूमने की परंपरा बनाई गई है।