
प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:
नासिक में पिछले 24 घंटों से हो रही लगातार बारिश से गोदावरी का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है. प्रशासन नदी के तट पर रहने वाले लोगों से जगह छोड़ने की अपील कर रहा है, बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर नासिक ज़िले में बने डैम से मराठवाड़ा के लिये पानी छोड़ा जा रहा है.
नासिक ज़िले में स्थित गंगापुर, दारना जैसे बांधों से मराठवाड़ा की ओर 60,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. प्रशासन नदी किनारे रहने वालों से इलाका खाली करने को कह रहा है, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो महफूज घरों में रहने के बावजूद सौ साल पुराने विक्टोरिया पुल से नदी की लहरों को देखने का खतरा उठा रहे हैं.
नासिक में उफनती गोदावरी से यहां के लोगों के साथ-साथ यहां आने वाले श्रद्धालु भी परेशान हैं. कल्याण से अस्थि विसर्जन करने नासिक पहुंचे अशोक कुमार सिंह ने कहा, "मैं यहां अस्थि विसर्जन के लिये कल्याण से आया हूं, लेकिन जब यहां आया तो काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, इतना जलमग्न हो गया है सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है."
नासिक में मंगलवार को ही रिकॉर्ड 204 मिलिमीटर बरसात से शहर पानी-पानी हो गया था. हालात अभी भी राहत की तरफ इशारा नहीं कर रहे हैं, लोगों को एहतियात बरतना ज़रूरी है.
नासिक ज़िले में स्थित गंगापुर, दारना जैसे बांधों से मराठवाड़ा की ओर 60,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. प्रशासन नदी किनारे रहने वालों से इलाका खाली करने को कह रहा है, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो महफूज घरों में रहने के बावजूद सौ साल पुराने विक्टोरिया पुल से नदी की लहरों को देखने का खतरा उठा रहे हैं.
नासिक में उफनती गोदावरी से यहां के लोगों के साथ-साथ यहां आने वाले श्रद्धालु भी परेशान हैं. कल्याण से अस्थि विसर्जन करने नासिक पहुंचे अशोक कुमार सिंह ने कहा, "मैं यहां अस्थि विसर्जन के लिये कल्याण से आया हूं, लेकिन जब यहां आया तो काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, इतना जलमग्न हो गया है सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है."
नासिक में मंगलवार को ही रिकॉर्ड 204 मिलिमीटर बरसात से शहर पानी-पानी हो गया था. हालात अभी भी राहत की तरफ इशारा नहीं कर रहे हैं, लोगों को एहतियात बरतना ज़रूरी है.
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