पणजी:
फैशन डिज़ाइनर वेंडेल रोड्रिक्स के नेतृत्व में हरित कार्यकर्ताओं ने गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा से अनुरोध किया है कि वह नारियल को पेड़ के बजाय ताड़ के रूप में वर्गीकृत करने वाले विवादास्पद विधेयक को मंजूरी न दें। रोड्रिक्स ने राजभवन से बाहर निकलने के बाद मीडियाकर्मियों को बताया कि ‘हम अपनी मांग के साथ राज्यपाल से मिले। राज्यपाल ने हमें आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर के समक्ष उठाएंगी।’ फैशन डिजाइनर रोड्रिक्स एक एनजीओ ‘ग्रीन गोवा वर्क्स’ के प्रमुख हैं। उन्होंने समान सोच रखने वाले ह्यूमन राइट्स लॉ एंड नेटवर्क जैसे समूहों के साथ मिलकर राज्यपाल से इस मामले में मुलाकात की है।
परियोजना के लिए लिया गया फैसला
गौरतलब है कि हाल ही में आयोजित विधानसभा के शीत सत्र में सरकार ने गोवा, दमन एवं दीव वृक्ष संरक्षण कानून में संशोधन किया था। इसके तहत नारियल को पेड़ के स्थान पर ताड़ के रूप में वर्गीकृत किया गया जिसके बाद राज्यभर में इस फैसले को लेकर बहस छिड़ गई है। रोड्रिक्स ने आरोप लगाया था कि विधेयक में संशोधन का उद्देश्य उत्तरी गोवा के तिराकोल में गोल्फ कोर्स जैसी परियोजनाओं की मदद करना है। ऐसी परियोजनाओं के लिए बड़ी संख्या में नारियल के पेड़ों को गिराने की अनुमति चाहिए।
इस विधेयक के खिलाफ आवाज उठाने वाले शुरूआती लोगों में से एक रोड्रिक्स ने कहा ‘हम नारियल के पेड़ों के बिना गोवा की कल्पना भी नहीं कर सकते।’ उन्होंने कहा ‘मैंने राज्यपाल को हमारे जीवन में नारियल के पेड़ के सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व बताते हुए मनाने की कोशिश की है।’ हरित गैर सरकारी संगठनों ने फैसला किया है कि जब तक विधेयक को वापस नहीं ले लिया जाता तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
परियोजना के लिए लिया गया फैसला
गौरतलब है कि हाल ही में आयोजित विधानसभा के शीत सत्र में सरकार ने गोवा, दमन एवं दीव वृक्ष संरक्षण कानून में संशोधन किया था। इसके तहत नारियल को पेड़ के स्थान पर ताड़ के रूप में वर्गीकृत किया गया जिसके बाद राज्यभर में इस फैसले को लेकर बहस छिड़ गई है। रोड्रिक्स ने आरोप लगाया था कि विधेयक में संशोधन का उद्देश्य उत्तरी गोवा के तिराकोल में गोल्फ कोर्स जैसी परियोजनाओं की मदद करना है। ऐसी परियोजनाओं के लिए बड़ी संख्या में नारियल के पेड़ों को गिराने की अनुमति चाहिए।
इस विधेयक के खिलाफ आवाज उठाने वाले शुरूआती लोगों में से एक रोड्रिक्स ने कहा ‘हम नारियल के पेड़ों के बिना गोवा की कल्पना भी नहीं कर सकते।’ उन्होंने कहा ‘मैंने राज्यपाल को हमारे जीवन में नारियल के पेड़ के सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व बताते हुए मनाने की कोशिश की है।’ हरित गैर सरकारी संगठनों ने फैसला किया है कि जब तक विधेयक को वापस नहीं ले लिया जाता तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
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