जल परिवहन परियोजना के शुभारंभ समारोह का दृश्य.
वाराणसी:
वाराणसी में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महत्वाकांक्षी जल परिवहन योजना को हरी झंडी दिखाई साथ ही बनारस के आसपास के जिलों को जोड़ने के लिए राष्ट्रीय राज मार्ग का शिलान्यास किया. गडकरी का दावा है कि इस जलमार्ग से माल ढुलाई में प्रति टन 20 पैसा खर्च होगा.
जल परिवहन योजना के तहत उत्तर भारत में गंगा, ब्रह्मपुत्र और हुगली में 1620 किलोमीटर का जल परिवहन मार्ग बनाया जाएगा. इससे करीब 53 मिलियन टन माल ढुलाई का लक्ष्य है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यात्रा सुविधा भी दी जाएगी. इसके लिए कम गहरी नदी में चलने वाले जलपोत खरीदे जाएंगे. यह पोत वाराणसी से हल्दिया तक का सफर 10 दिन में पूरा करेंगे. इसमे टर्मिनल, दिशा सूचक, जलपोत, ईंधन, वर्कशाप, ट्रैफिक आदि मिलाकर दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.
जलपोतों से वर्ष 2017 तक 15 मिलियन टन माल ढुलाई का लक्ष्य रखा गया है. यह लक्ष्य वर्ष 2020 तक 2.1 मिलियन टन और वर्ष 2025 तक 6.2 मिलियन टन तय किया गया है. अंतिम चरण में 2035 तक 10 मिलियन टन ढुलाई करने का लक्ष्य तय है.
एक निजी संस्था के सर्वे के मुताबिक मोटे अनुमान के तौर पर जलपोत से माल ढुलाई का खर्च प्रति किमी, प्रति टन करीब 1.50 रुपये होगा. जबकि रेल मार्ग से यही खर्च 2.15 रुपये है और सड़क मार्ग से करीब 2.50 रुपये है. हालांकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक यह व्यय सड़क पर 1.50 रुपये रेल में एक रुपये और जल परिवहन में मात्र 20 पैसा होगा. लिहाजा जलमार्ग से माल ढुलाई से रोजमर्रा की जरूरी चीजें बहुत सस्ती हो जाएंगी. इस परियोजना में वाराणसी से हल्दिया तक 3 मीटर ड्रजिंग करेंगे जिससे पानी साल भर रहेगा.
केंद्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश की 10 नदियों के लिए भी काम शुरू करने का ऐलान किया. इस काम के लिए 4 हजार 200 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक ने दिए हैं. इसके अलावा नितिन गडकरी ने 2500 करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क परियोजना का शिलान्यास भी किया. इसमें वाराणसी से जौनपुर , वाराणसी से आजमगढ़, वाराणसी से गाजीपुर की फोर लेन सड़क के चौड़ीकरण का काम शामिल है.
जल परिवहन योजना के तहत उत्तर भारत में गंगा, ब्रह्मपुत्र और हुगली में 1620 किलोमीटर का जल परिवहन मार्ग बनाया जाएगा. इससे करीब 53 मिलियन टन माल ढुलाई का लक्ष्य है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यात्रा सुविधा भी दी जाएगी. इसके लिए कम गहरी नदी में चलने वाले जलपोत खरीदे जाएंगे. यह पोत वाराणसी से हल्दिया तक का सफर 10 दिन में पूरा करेंगे. इसमे टर्मिनल, दिशा सूचक, जलपोत, ईंधन, वर्कशाप, ट्रैफिक आदि मिलाकर दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.
जलपोतों से वर्ष 2017 तक 15 मिलियन टन माल ढुलाई का लक्ष्य रखा गया है. यह लक्ष्य वर्ष 2020 तक 2.1 मिलियन टन और वर्ष 2025 तक 6.2 मिलियन टन तय किया गया है. अंतिम चरण में 2035 तक 10 मिलियन टन ढुलाई करने का लक्ष्य तय है.
एक निजी संस्था के सर्वे के मुताबिक मोटे अनुमान के तौर पर जलपोत से माल ढुलाई का खर्च प्रति किमी, प्रति टन करीब 1.50 रुपये होगा. जबकि रेल मार्ग से यही खर्च 2.15 रुपये है और सड़क मार्ग से करीब 2.50 रुपये है. हालांकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक यह व्यय सड़क पर 1.50 रुपये रेल में एक रुपये और जल परिवहन में मात्र 20 पैसा होगा. लिहाजा जलमार्ग से माल ढुलाई से रोजमर्रा की जरूरी चीजें बहुत सस्ती हो जाएंगी. इस परियोजना में वाराणसी से हल्दिया तक 3 मीटर ड्रजिंग करेंगे जिससे पानी साल भर रहेगा.
केंद्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश की 10 नदियों के लिए भी काम शुरू करने का ऐलान किया. इस काम के लिए 4 हजार 200 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक ने दिए हैं. इसके अलावा नितिन गडकरी ने 2500 करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क परियोजना का शिलान्यास भी किया. इसमें वाराणसी से जौनपुर , वाराणसी से आजमगढ़, वाराणसी से गाजीपुर की फोर लेन सड़क के चौड़ीकरण का काम शामिल है.
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