प्रतीकात्मक फोटो
इटानगर:
अरुणाचल प्रदेश में भीड़ ने कानून को अपने हाथ में लेकर रेप के दो संदिग्ध आरोपियों को पीट-पीटकर मार डाला. हैरानी की बात तो ये रही कि घटना थाने के अंदर हुई. दोनों ही संदिग्ध आरोपी थाने में बंद थे. मृतकों में से एक पर पांच साल की बच्ची के साथ कथित तौर पर बलात्कार और हत्या का आरोप था और दूसरे पर इस अपराध में मदद करने का आरोप लगा था. अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने इस घटना की पुष्टि कर दी है.
पुलिस के डीआईजी (पूर्वी रेंज) अपुर बिटिन ने कहा कि सोमवार 12 बजे के आसपास करीब एक हजार लोगों की भीड़ ने पुलिस के लॉकअप पर हमला कर दिया और दोनों आरोपियों को अपने साथ ले गई. इस हमले में पुलिस के कुछ लोग भी घायल हुए हैं. मृतकों की पहचान संजय सोबोर (30) और जगदीश लोहर (25) के रूप में की गई है. दोनों संदिग्धों को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया था.
मीडिया में चल रही खबर के मुताबिक सोमवार को थाने के बाहर देखते ही देखते सैकड़ों लोग जमा हो गए. भीड़ में शामिल कुछ लोग लॉकअप में बंद दोनों आरोपियों को खींचकर बाहर निकाल ले गए और उन पर हमला कर दिया. बाद में दोनों के शव बाजार में फेंक दिए गए.
रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 फरवरी को एक बच्ची का अपहरण कर लिया गया था और शव पांच दिन बाद एक चाय बागान से मिला था. शव नग्न हालत में था और सिर कटा हुआ था. पुलिस ने रविवार को दोनों संदिग्धों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था जहां से दोनों को पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया था. एक संदिग्ध ने कथित तौर पर पुलिस के समक्ष बच्ची का अपहरण और बलात्कार करने की बात कबूल कर ली थी.
इस पूरी घटना के बाद इस बीच पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है, लेकिन सोमवार देर शाम तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. इस घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो गया है.
मुख्यमंत्री पेमा खांडु इस घटना की जांच के आदेश दिये हैं. खांडु ने नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या की घटना को 'बर्बर और अमानवीय' करार दिया. साथ ही उन्होंने भीड़ द्वारा दो लोगों की हत्या को भी 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया. सीएम ने कहा कि पुलिस घटना की जांच कर रही है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
घटना के दौरान तेजु थाने में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है, वहीं लोहित जिले के पुलिस अधीक्षक का ट्रांसफर कर दिया गया है.
पुलिस के डीआईजी (पूर्वी रेंज) अपुर बिटिन ने कहा कि सोमवार 12 बजे के आसपास करीब एक हजार लोगों की भीड़ ने पुलिस के लॉकअप पर हमला कर दिया और दोनों आरोपियों को अपने साथ ले गई. इस हमले में पुलिस के कुछ लोग भी घायल हुए हैं. मृतकों की पहचान संजय सोबोर (30) और जगदीश लोहर (25) के रूप में की गई है. दोनों संदिग्धों को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया था.
मीडिया में चल रही खबर के मुताबिक सोमवार को थाने के बाहर देखते ही देखते सैकड़ों लोग जमा हो गए. भीड़ में शामिल कुछ लोग लॉकअप में बंद दोनों आरोपियों को खींचकर बाहर निकाल ले गए और उन पर हमला कर दिया. बाद में दोनों के शव बाजार में फेंक दिए गए.
रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 फरवरी को एक बच्ची का अपहरण कर लिया गया था और शव पांच दिन बाद एक चाय बागान से मिला था. शव नग्न हालत में था और सिर कटा हुआ था. पुलिस ने रविवार को दोनों संदिग्धों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था जहां से दोनों को पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया था. एक संदिग्ध ने कथित तौर पर पुलिस के समक्ष बच्ची का अपहरण और बलात्कार करने की बात कबूल कर ली थी.
इस पूरी घटना के बाद इस बीच पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है, लेकिन सोमवार देर शाम तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. इस घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो गया है.
मुख्यमंत्री पेमा खांडु इस घटना की जांच के आदेश दिये हैं. खांडु ने नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या की घटना को 'बर्बर और अमानवीय' करार दिया. साथ ही उन्होंने भीड़ द्वारा दो लोगों की हत्या को भी 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया. सीएम ने कहा कि पुलिस घटना की जांच कर रही है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
घटना के दौरान तेजु थाने में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है, वहीं लोहित जिले के पुलिस अधीक्षक का ट्रांसफर कर दिया गया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं