फाइल फोटो
अगरतला:
त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी ने सत्तारूढ़ माकपा के खिलाफ हमलावर रुख अपना लिया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने त्रिपुरा में कानून-व्यवस्था के बिगड़ने और अपने कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप लगाते हुए फरवरी 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. राज्य के भाजपा प्रमुख बिप्लब कुमार देव ने पश्चिम कोतवाली पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा, "राज्य में कई भाजपा के समर्थकों और सदस्यों पर सत्तारूढ़ माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा हमले किए गए हैं और उन्हें मार दिया गया है। हमारे दफ्तरों को तोड़ा गया है."
उन्होंने कहा, "हर घटना में पुलिस या तो निष्क्रिय रहती है या हमलावरों के खिलाफ हल्के मामले दर्ज करती है। भाजपा त्रिपुरा में राष्ट्रपति शासन की मांग करती है ताकि विधानसभा चुनाव शांतिपूर्वक और निष्पक्ष रूप से हो सके." आगे भाजपा प्रमुख ने कहा, "यदि वाम मोर्चा सत्ता में बना रहता है तो राज्य में चुनाव से पहले और कई हत्याएं होंगी."
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भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को त्रिपुरा के 76 पुलिस थानों में 56 थानों का घेराव किया. भाजपा ने आरोप लगाया कि वाम मोर्चा की सरकार कानून व्यवस्था को बनाए रखने में पूरी तरह विफल साबित हुई है.
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पुलिस महानिरीक्षक के.वी. श्रीजेश ने कहा कि भाजपा का 'थाना घेराव' कार्यक्रम शांतिपूर्ण था. हमने भाजपा के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया, हालांकि उन्हें बाद में छोड़ दिया गया." वहीं, मार्क्सवादी क्मुयनिस्ट पार्टी (माकपा ने भाजपा की मांग की कड़ी आलोचना की है. माकपा नेता नारायण कार ने मीडिया से कहा, "लोग भाजपा के सभी षड्यंत्रों को विफल कर देंगे."
VIDEO: केरल, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल की सरकारें अपने कृत्यों पर पश्चाताप करें : योगी आदित्यनाथ (इनपुट आईएएनएस से)
उन्होंने कहा, "हर घटना में पुलिस या तो निष्क्रिय रहती है या हमलावरों के खिलाफ हल्के मामले दर्ज करती है। भाजपा त्रिपुरा में राष्ट्रपति शासन की मांग करती है ताकि विधानसभा चुनाव शांतिपूर्वक और निष्पक्ष रूप से हो सके." आगे भाजपा प्रमुख ने कहा, "यदि वाम मोर्चा सत्ता में बना रहता है तो राज्य में चुनाव से पहले और कई हत्याएं होंगी."
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