
- नोएडा में डूब क्षेत्र में अवैध फार्महाउस बनाकर प्रॉपर्टी डीलर करोड़ों रुपये लोगों से ठग रहे हैं.
- नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि डूब क्षेत्र में खेती के लिए जमीन खरीदी जा सकती है लेकिन पक्का निर्माण अवैध है.
- प्राधिकरण ने डूब क्षेत्र में अब तक दो सौ से अधिक अवैध निर्माण ध्वस्त किए हैं.
कोरोना के बाद से फार्म हाउस लेने वाले लोगों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी होने लगी है. इसी का फायदा उठाकर नोएडा में प्रॉपर्टी डीलरों ने डूब क्षेत्र में सैकड़ों बीघे में अवैध फार्म हाउस काटे और करोड़ों रुपये आम लोगों से ठग लिए. प्रॉपर्टी डीलर लोगों को फार्म हाउस की कुल जगह के 10 पर्सेंट इलाके में निर्माण की बात बताकर फार्म हाउस बेच देते हैं और लोग जब निर्माण कर लेते हैं तो नोएडा प्राधिकरण अन्य विभागों के साथ मिल कर उस अवैध निर्माण को ध्वस्त कर देती है. बीते अगस्त महीने में प्राधिकरण और सिंचाई विभाग ने अवैध फार्म हाउस को तोड़ने के लिए ताबड़तोड़ अभियान चलाया, जिसके बाद फार्म हाउस मालिकों ने कोर्ट का रास्ता लिया. फिलहाल कोर्ट ने अवैध फार्म हाउस तोड़ने और नए निर्माण पर रोक लगा रखी है.
नोएडा ऑथॉरिटी क्या कह रही

प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि डूब क्षेत्र में खेती के लिए जमीनों की खरीद-फरोख्त की जा सकती है, लेकिन यहां फ़ार्म हाउस और पक्का निर्माण करना पूरी तरह से अवैध है. डूब क्षेत्र में निर्माण करना सिंचाई विभाग में कैनाल एक्ट की भी अवहेलना है. प्राधिकरण ने बताया कि हिंडन डूब क्षेत्र में पुराने निर्माण को ध्वस्त करने को लेकर कोई योजना नहीं है, पर नए निर्माण पर पूरी तरह से रोक है. इसके लिए एसडीएम में नेतृत्व में एक टीम भी काम करती है. अधिकारियों की मानें तो यमुना का डूब क्षेत्र करीब 5 हजार हेक्टेयर में फैला है और नियमों को ताक पर रखकर निर्माण किया गया है. प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम का कहना है कि अवैध निर्माण के कारण नादियों के प्रवाह को बड़ा खतरा है. अवैध निर्माण के चलते नादियों के प्रवाह पर असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हम यमुना-हिंडन डूब क्षेत्र की ड्रोन कैमरा से एरियल सर्वे करने वाले हैं, जिससे वर्तमान निर्माण की स्थिति को सुरक्षित रखा जाए. इसके उपरांत नए अवैध निर्माण होने पर संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी.
डूब क्षेत्र का इलाका क्या होता है
नोएडा में यमुना और हिंडन नदी के किनारे पानी बढ़ने पर बढ़ की स्थिति में नदीयों के प्रवाह को सही रखने और खेती के लिए नदियों के किनारे जगह को डूब क्षेत्र घोषित किया जाता है. नोएडा में यमुना सेक्टर- 94, 124, 125, 127, 128, 131, 133, 134, 135, 168 और सेक्टर 150 से होकर गुजरती है. वहीं हिंडन नदी नोएडा के छिजारसी से प्रवेश करने के बाद सेक्टर-63 ए, बहलोलपुर, शाहदरा, सुतियाना, गढ़ी चोखंडी गांव से होते हुए सेक्टर- 123, 118, 115, 143, 148, 150, और 152 होते हुए यमुना में मिल जाती है. यह पूरा इलाका डूब क्षेत्र माना जाता है और यहां किसी भी प्रकार का पक्का निर्माण प्रतिबंधित है.
चरस-गांजे का बने अड्डा

2021 में साल की शुरुआत में प्राधिकरण ने यमुना डूब क्षेत्र का एरियल सर्वे कराया था, तब यहां फॉर्म हाउस की संख्या लगभग 1 हजार थी, जो अब 5 हजार के आसपास पहुंच गई है. ये फार्म हाउस में चरस- गांजे और शराब पार्टी के अड्डे बन चुके हैं. यहां अवैध तरीके से पार्टी करना बहुत आम बात है. नोएडा पुलिस लगातार यहां बने फार्म हाउस में छापा मार के लोगों को अवैध तरीके से पार्टियां करने से रोकती है. साथ हो ऑर्गेनाजरों की गिरफ्तारी भी करती है.
फ़ार्म हाउस को लेकर लगातार कार्यवाही
2022 से नोएडा प्राधिकरण लगातार यमुना डूब क्षेत्र में अवैध फ़ार्म हाउस को जमींदोज करने को लेकर अभियान चला रहा है. जून 2022 में नोएडा प्राधिकरण ने करीब 80 फॉर्म हाउस तोड़ दिए थे. प्राधिकरण ने अभियान की शुरुआत के पहले ही दिन 62 फार्म हाउस तोड़े गए थे . कार्यवाही के ख़िलाफ़ फार्म हाउस मालिकों ने कोर्ट का रुख़ किया था, जिसके चलते अभियान कई दिनों तक बंद रहा. कोर्ट से फ़ार्म हाउस मालिकों को राहत नहीं मिली, जिसके बाद प्राधिकरण ने फिर से इस अभियान को शुरू किया. बीते अगस्त में भी 35 फॉर्म हाउस पर बुलडोजर की कार्यवाही की गई. 2022 से अब तक लगभग 250 से अधिक अवैध फ़ार्म हाउस को जमींदोज किया जा चुका है. प्राधिकरण की इस ताबड़तोड़ कार्यवाही से बचने के लिए एक बार फिर फ़ार्म हाउस मालिकों ने अब कोर्ट का रास्ता लिया है. साथ ही प्राधिकरण पर कुछ चुनिंदा फ़ार्म हाउस को तोड़ने का इल्ज़ाम भी लगाया है. 30 फ़ार्म मलिकों द्वारा दी गई याचिका पर कोर्ट ने यथास्थिति का आदेश पारित किया है और मामले कि सुनवाई जारी है. प्राधिकरण लगातार अवैध निर्माण को लेकर फ़ार्म मालिकों को नोटिस जारी करता रहता है.
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