प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:
शनि शिंगणापुर मामले में दायर पुनर्विचार याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले में ठाणे की रहने वाली सुनीता पाटिल ने याचिका दायर कर हाई कोर्ट से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
याचिकाकर्ता के वकील सुभाष झा ने अदालत में कहा कि महाराष्ट्र हिन्दू प्लेसेस वर्शिप एंट्री ऑथराइजेशन कानून को गलत अर्थ में लिया गया है। उनका तर्क है कि यह कानून दलित और अछूतों को मंदिर में जाने का अधिकार देने के लिए है, न कि लिंग भेद पर रोक लगाने के लिए है।
कोर्ट ने कहा, हर पहलू पर विचार कर फैसला सुनाया था...
इस पर कोर्ट में जज का कहना था कि हमने कानून के हर पहलू पर विचार कर फैसला सुनाया था। इसके पहले विद्या बाल की याचिका पर अदालत ने 1956 के उसी कानून का पालन करने का आदेश दिया था।
याचिकाकर्ता के वकील सुभाष झा ने अदालत में कहा कि महाराष्ट्र हिन्दू प्लेसेस वर्शिप एंट्री ऑथराइजेशन कानून को गलत अर्थ में लिया गया है। उनका तर्क है कि यह कानून दलित और अछूतों को मंदिर में जाने का अधिकार देने के लिए है, न कि लिंग भेद पर रोक लगाने के लिए है।
कोर्ट ने कहा, हर पहलू पर विचार कर फैसला सुनाया था...
इस पर कोर्ट में जज का कहना था कि हमने कानून के हर पहलू पर विचार कर फैसला सुनाया था। इसके पहले विद्या बाल की याचिका पर अदालत ने 1956 के उसी कानून का पालन करने का आदेश दिया था।
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