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मुंबई में ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट के नाम पर ₹9.94 करोड़ की ठगी, फर्जी ‘आनंद राठी’ ऐप से रिटायर्ड वकील को लगाया चूना

ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट के नाम पर एक ऐसा बड़ा साइबर फ्रॉड सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है. मुंबई के मुलुंड इलाके में रहने वाले 65 साल के एक रिटायर्ड प्रोफेशनल और वकील को ठगों ने करीब ₹9.94 करोड़ का चूना लगा दिया.

मुंबई में ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट के नाम पर ₹9.94 करोड़ की ठगी, फर्जी ‘आनंद राठी’ ऐप से रिटायर्ड वकील को लगाया चूना
प्रतीकात्कम तस्वीर
  • मुंबई में रहने वाले 65 वर्षीय रिटायर्ड वकील को ऑनलाइन निवेश के नाम पर लगभग 9 करोड़ रुपये का धोखा दिया गया
  • ठगों ने खुद को Anand Rathi Shares & Stock Brokers Ltd. के अधिकारी बताकर फर्जी ऐप पर निवेश करने को कहा था
  • शिकायतकर्ता को व्हाट्सएप पर फर्जी निवेश ग्रुप में शामिल कर निवेश के नाम पर लाखों रुपये ट्रांसफर करवाए गए
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मुंबई:

ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट के नाम पर एक ऐसा बड़ा साइबर फ्रॉड सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है. मुंबई के मुलुंड इलाके में रहने वाले 65 साल के एक रिटायर्ड प्रोफेशनल और वकील को ठगों ने करीब ₹9.94 करोड़ का चूना लगा दिया. ठगों ने खुद को Anand Rathi Shares & Stock Brokers Ltd. के अधिकारी बताकर उन्हें फर्जी ऐप में निवेश करवाया. इस मामले में ईस्ट रीजन साइबर पुलिस (शिवाजीनगर) ने दस अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

व्हाट्सएप पर शुरू हुआ खेल

शिकायतकर्ता घनश्याम मच्छिंद्र म्हात्रे, जो लार्सन एंड टुब्रो (L&T) में एडमिन और इंडस्ट्रियल रिलेशन हेड रह चुके हैं, फिलहाल एक लीगल कंसल्टेंट के तौर पर काम करते हैं. जून 2025 में उन्हें एक व्हाट्सएप मैसेज आया — भेजने वाली थी सुमन गुप्ता, जो खुद को “Anand Rathi Shares & Stock Brokers Ltd.” की एडमिन बता रही थीं.

सुमन ने म्हात्रे को “AR Trade Mobi” नाम के ऐप पर इन्वेस्टमेंट का ऑफर दिया और कहा कि ये कंपनी का ऑफिशियल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है. भरोसा दिलाने के लिए उसने लिंक भेजा और KYC प्रोसेस के नाम पर PAN और पर्सनल डिटेल्स भी ले लीं.

“Anand Rathi VIP 12” व्हाट्सएप ग्रुप में लुभावने झांसे

सुमन ने म्हात्रे को एक ग्रुप में जोड़ा — “Anand Rathi VIP 12”, जिसमें खुद को कंपनी के एक्सपर्ट बताने वाले कई लोग रोजाना IPO अपडेट, म्यूचुअल फंड टिप्स और इन्वेस्टमेंट एडवाइस शेयर करते थे. ऐप पर दिख रहे “मुनाफे” देखकर म्हात्रे का भरोसा बढ़ता गया और उन्होंने धीरे-धीरे लाखों रुपये इन्वेस्ट करना शुरू किया.

फर्जी प्रॉफिट दिखाकर करोड़ों हड़पे

कुछ ही महीनों में, जून से नवंबर 2025 के बीच, म्हात्रे ने कुल ₹9,94,76,958 अलग-अलग अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए. हर बार उन्हें बताया गया कि पैसा IPOs या म्यूचुअल फंड में जा रहा है. ऐप पर “प्रॉफिट” भी बढ़ता दिखाया जाता था. लेकिन जैसे ही म्हात्रे ने पैसे निकालने की कोशिश की, सारे ट्रांजैक्शन फेल हो गए. ठगों ने “टेक्निकल इश्यू” का बहाना बनाया और फिर टैक्स और कमीशन के नाम पर और पैसे मांगने लगे.

Anand Rathi ऑफिस जाकर खुली सच्चाई

जब म्हात्रे को शक हुआ तो वे सीधे Anand Rathi ऑफिस, मालाड (ईस्ट) पहुंच गए. वहां अधिकारियों ने साफ कहा कि सुमन गुप्ता या कोई भी ऐसा कर्मचारी कंपनी में नहीं है, और AR Trade Mobi नाम का कोई ऐप उनका नहीं है. यहीं उन्हें समझ आया कि पूरा खेल फर्जी था.

पुलिस की जांच तेज

म्हात्रे ने इसके बाद साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. FIR में Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) और IT Act की धाराएं लगाई गई हैं. जांच में पता चला है कि आरोपी देशभर में कई फर्जी व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर खुद को बड़े-बड़े फाइनेंशियल ब्रांड्स का अधिकारी बताते थे और लोगों से निवेश के नाम पर ठगी करते थे.

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