मुंबई:
वो लड़का था लेकिन फेसबुक पर लड़की की प्रोफाइल बनाकर लड़कियों को ही ठगता था. लड़कियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज उनसे दोस्ती गांठता, फिर लड़की का भाई बनकर नौकरी दिलाने के बहाने ठग लेता. लेकिन एक दिन पुलिस के जाल में खुद ही फंस गया.
काशिमिरा लोकल क्राइम ब्रांच के पुलिस उपनिरीक्षक अभिजीत टेलर ने बताया कि फेसबुक पर लड़की का नाम और तस्वीर देख दूसरी लड़कियां आसानी से उसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट मंजूर कर लेतीं. कुछ दिनों के बाद फोन नंबर का आदान-प्रदान होता और फिर व्हाट्सऐप पर चैटिंग. लेकिन जब लड़की से मिलने का वक्त आता तब वो लड़की का भाई बन कर मिलता और फिर अपनी मीठी बातों से बरगला कर ठग लेता.
शातिर ठग ने ऐसे ही एक युवती से दोस्ती गांठने के बाद भाई बनकर उसे पहले मिलने के लिए भायंदर बुलाया और बातों बातों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसके सारे गहने लेकर चंपत हो गया. उस पीड़ित लड़की ने पुलिस को बताया, 'उसने कहा कि नौकरी दिलाने के लिए अदालत से शपथपत्र बनवाना होगा. उसके लिए जज के सामने खड़ा होना होगा. लेकिन जज के सामने गहने पहनकर नहीं खड़े हो सकते, वो नाराज हो सकते हैं. लड़की ने सारे गहने उतारकर अपनी पर्स में रख लिये. शातिर ने ये कहकर कि बैग अदालत में नहीं ले जा सकते, उसे अपने पास ले लिया और शपथपत्र टाइप करवा कर लाता हूं बोलकर जो गया तो वपास नहीं आया.'
भायंदर पुलिस को इस तरह की शिकायत मिलने लगी तो उसने भी उसी के अंदाज में जाल बिछाया और फिर उसे धर दबोचा. भायंदर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक प्रफुल वाघ के मुताबिक सबसे पहले उन्होंने फेसबुक प्रोफइल से जानकारी लेकर सभी लड़कियों से संपर्क करना शुरू किया. इसी दौरान एक लड़की से पता चला कि एक और लड़की को वो फ़ंसाने के चक्कर में है. पुलिस ने उस लड़की के जरीए उसे मिलने को बुलाया और फिर दबोच लिया.
शातिर ठग का असली नाम विश्वनाथ सुखराम पाटिल है जबकि फेसबुक पर उसने खुद का नाम जया पाटिल लिख रखा था और फोटो भी किसी अंजान लड़की का लगा रखा था. पुलिस के मुताबिक अब तक वो करीब 15 लड़कियों को ठग चुका है.
साफ है कि सोशल मीडिया नई दुनिया में संपर्क का ज़रिया है. इस दुनिया में दोस्त मिलते हैं और दोस्त की आड़ में ठग भी. इसलिए ज़रूरी है कि आप जितने सतर्क असली संसार में रहते हैं, उससे कम सतर्क सोशल मीडिया पर न रहें. वरना कभी भी कोई चेहरा बदल कर आपको संकट में डाल सकता है.
काशिमिरा लोकल क्राइम ब्रांच के पुलिस उपनिरीक्षक अभिजीत टेलर ने बताया कि फेसबुक पर लड़की का नाम और तस्वीर देख दूसरी लड़कियां आसानी से उसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट मंजूर कर लेतीं. कुछ दिनों के बाद फोन नंबर का आदान-प्रदान होता और फिर व्हाट्सऐप पर चैटिंग. लेकिन जब लड़की से मिलने का वक्त आता तब वो लड़की का भाई बन कर मिलता और फिर अपनी मीठी बातों से बरगला कर ठग लेता.
शातिर ठग ने ऐसे ही एक युवती से दोस्ती गांठने के बाद भाई बनकर उसे पहले मिलने के लिए भायंदर बुलाया और बातों बातों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसके सारे गहने लेकर चंपत हो गया. उस पीड़ित लड़की ने पुलिस को बताया, 'उसने कहा कि नौकरी दिलाने के लिए अदालत से शपथपत्र बनवाना होगा. उसके लिए जज के सामने खड़ा होना होगा. लेकिन जज के सामने गहने पहनकर नहीं खड़े हो सकते, वो नाराज हो सकते हैं. लड़की ने सारे गहने उतारकर अपनी पर्स में रख लिये. शातिर ने ये कहकर कि बैग अदालत में नहीं ले जा सकते, उसे अपने पास ले लिया और शपथपत्र टाइप करवा कर लाता हूं बोलकर जो गया तो वपास नहीं आया.'
भायंदर पुलिस को इस तरह की शिकायत मिलने लगी तो उसने भी उसी के अंदाज में जाल बिछाया और फिर उसे धर दबोचा. भायंदर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक प्रफुल वाघ के मुताबिक सबसे पहले उन्होंने फेसबुक प्रोफइल से जानकारी लेकर सभी लड़कियों से संपर्क करना शुरू किया. इसी दौरान एक लड़की से पता चला कि एक और लड़की को वो फ़ंसाने के चक्कर में है. पुलिस ने उस लड़की के जरीए उसे मिलने को बुलाया और फिर दबोच लिया.
शातिर ठग का असली नाम विश्वनाथ सुखराम पाटिल है जबकि फेसबुक पर उसने खुद का नाम जया पाटिल लिख रखा था और फोटो भी किसी अंजान लड़की का लगा रखा था. पुलिस के मुताबिक अब तक वो करीब 15 लड़कियों को ठग चुका है.
साफ है कि सोशल मीडिया नई दुनिया में संपर्क का ज़रिया है. इस दुनिया में दोस्त मिलते हैं और दोस्त की आड़ में ठग भी. इसलिए ज़रूरी है कि आप जितने सतर्क असली संसार में रहते हैं, उससे कम सतर्क सोशल मीडिया पर न रहें. वरना कभी भी कोई चेहरा बदल कर आपको संकट में डाल सकता है.
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