जगदीश और किरण शर्मा ने अस्पताल पर 500-1000 के नोट नहीं लेने का आरोप लगाया
- माता-पिता के मुताबिक अस्पताल ने पुराने नोट लेने से इनकार कर दिया
- जबतक पैसे का इंतज़ाम होता बच्चे ने दम तोड़ दिया
- अस्पताल ने मां-बाप के आरोपों को झूठा और मनगढ़ंत बताते हुए नकार दिया
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मुंबई:
500-1000 रुपये के नोटबंदी का फैसला गोवंदी में रहने वाले एक परिवार पर बहुत भारी पड़ा है. आरोप है कि एक निजी अस्पताल ने 500-1000 के नोट लेने से इंकार कर दिया जिसकी वजह से उनके एक दिन के बच्चे की मौत हो गई.
पुलिस ने इस मामले में अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. जेब से निकली जगदीश और किरण शर्मा के आंसूओं की वजह दिल पर लगी. रोते-बिलखते मां-बाप का आरोप है निजी अस्पताल में उनके बच्चे का इलाज महज इसलिये नहीं किया क्योंकि उनके पास नई नकदी नहीं थी.
शिकायतकर्ता किरण शर्मा ने कहा, 'उन्होंने हमसे कहा पैसे लेकर बच्चे के साथ आओ, हम वहां पहुंचे लेकिन उन्होंने भर्ती नहीं किया, हमें बाहर खड़ा रहना पड़ा. उन्होंने कहा सारा पैसा खुल्ले में जमा करा, उन्होंने मेरे बच्चे की हालत भी नहीं देखी.' मुंबई के गोवंडी इलाके में बुधवार अस्पताल पहुंचने से पहले ही किरण के बच्चे ने जन्म ले लिया. मां-बाप ने बच्चे को लेकर दौड़ लगाई, लेकिन पास में ज्यादातर नोट 500 और हजार के ही थे. दोनों के मुताबिक अस्पताल ने उनसे कहा वो पुराने नोट नहीं लेंगे, जबतक पैसे का इंतज़ाम होता बच्चे ने दम तोड़ दिया.
अस्पताल ने मां-बाप के आरोपों को झूठा और मनगढ़ंत बताते हुए नकार दिया है. वहीं पुलिस ने इस मामले में अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. इलाके के डीसी शाहजी उमप ने कहा, 'संबंधित डॉक्टर के ख़िलाफ हमने आईपीसी की धारा 188 और 304 (ए) के तहत मामला दर्ज कर लिया है. महाराष्ट्र सरकार भी निजी अस्पतालों से पुराने नोट स्वीकारने की बात कह चुकी है. 500-1000 रुपये की नोटबंदी के ऐलान के बाद सरकारी अस्पतालों को ये नोट स्वीकारने की इजाज़त दी गई थी. ये रियायत मुंबई के निजी अस्पतालों को भी मिली लेकिन बुधवार रात से.
पुलिस ने इस मामले में अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. जेब से निकली जगदीश और किरण शर्मा के आंसूओं की वजह दिल पर लगी. रोते-बिलखते मां-बाप का आरोप है निजी अस्पताल में उनके बच्चे का इलाज महज इसलिये नहीं किया क्योंकि उनके पास नई नकदी नहीं थी.
शिकायतकर्ता किरण शर्मा ने कहा, 'उन्होंने हमसे कहा पैसे लेकर बच्चे के साथ आओ, हम वहां पहुंचे लेकिन उन्होंने भर्ती नहीं किया, हमें बाहर खड़ा रहना पड़ा. उन्होंने कहा सारा पैसा खुल्ले में जमा करा, उन्होंने मेरे बच्चे की हालत भी नहीं देखी.' मुंबई के गोवंडी इलाके में बुधवार अस्पताल पहुंचने से पहले ही किरण के बच्चे ने जन्म ले लिया. मां-बाप ने बच्चे को लेकर दौड़ लगाई, लेकिन पास में ज्यादातर नोट 500 और हजार के ही थे. दोनों के मुताबिक अस्पताल ने उनसे कहा वो पुराने नोट नहीं लेंगे, जबतक पैसे का इंतज़ाम होता बच्चे ने दम तोड़ दिया.
अस्पताल ने मां-बाप के आरोपों को झूठा और मनगढ़ंत बताते हुए नकार दिया है. वहीं पुलिस ने इस मामले में अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. इलाके के डीसी शाहजी उमप ने कहा, 'संबंधित डॉक्टर के ख़िलाफ हमने आईपीसी की धारा 188 और 304 (ए) के तहत मामला दर्ज कर लिया है. महाराष्ट्र सरकार भी निजी अस्पतालों से पुराने नोट स्वीकारने की बात कह चुकी है. 500-1000 रुपये की नोटबंदी के ऐलान के बाद सरकारी अस्पतालों को ये नोट स्वीकारने की इजाज़त दी गई थी. ये रियायत मुंबई के निजी अस्पतालों को भी मिली लेकिन बुधवार रात से.
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