
हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनवर्सिटी के कुलपति सुखपाल सिंह ने इस्तीफा दे दिया है.
रायपुर:
हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनवर्सिटी के कुलपति सुखपाल सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे की मांग को लेकर बीते सप्ताह से स्टूडेंट्स धरना दे रहे थे. स्टूडेंट्स से मिली जानकारी के मुताबिक इसी के चलते कुलपति ने इस्तीफा दे दिया. अब स्टूडेंट्स के बीच जश्न का माहौल है. दरअसल स्टूडेंट्स का आरोप रहा कि कुलपति रिसर्च के लिए फंड नहीं देते थे. कॉलेज में भ्रष्टाचार करने के लिए अनाप-शनाप निर्माण कार्य करवाए. यहां तक की छात्राओं के साथ हुए यौन शोषण के मामलों को भी गंभीरता से नहीं लिया गया.
कुछ दिनों पूर्व बिलासपुर हाईकोर्ट ने कुलपित की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए इसे समाप्त कर दिया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुखपाल सिंह के हक में सुनाया था. इसी का विरोध स्टूडेंट्स कर रहे थे और इस्तीफे की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे थे.
इससे पहले सुखपाल सिंह के फिर से कार्यभार संभालने के बाद छात्र-छात्राओं ने फिर प्रदर्शन शुरू कर दिया था. छात्र-छात्राओं ने कुलपति पर कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई में असफल रहने के आरोप लगाए हैं.
कुलपति का कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्हें सेवा विस्तार मिलने की वजह से छात्र-छात्राएं उनके इस्तीफे की मांग को लेकर इससे पहले 27 अगस्त को धरने पर बैठे थे. इसके साथ ही लाइब्रेरी के लिए टाइम को बढ़ाना, मोरल पुलिसिंग खत्म करना, यौन उत्पीड़न मामलों में कार्यवाही के लिए कमेटी का गठन, स्वतंत्र वॉर्डन की नियुक्ति और छात्र-छात्राओं की प्रतिक्रिया लेने के लिए व्यवस्था बनाने की मांगें शामिल थी.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कुलपति के सेवा विस्तार को निरस्त कर दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 25 सितंबर को हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति सुखपाल सिंह ने फिर से कार्यभार संभाल लिया था. कुलपति की वापसी का छात्र-छात्राएं विरोध कर रहे थे.
कुछ दिनों पूर्व बिलासपुर हाईकोर्ट ने कुलपित की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए इसे समाप्त कर दिया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुखपाल सिंह के हक में सुनाया था. इसी का विरोध स्टूडेंट्स कर रहे थे और इस्तीफे की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे थे.
इससे पहले सुखपाल सिंह के फिर से कार्यभार संभालने के बाद छात्र-छात्राओं ने फिर प्रदर्शन शुरू कर दिया था. छात्र-छात्राओं ने कुलपति पर कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई में असफल रहने के आरोप लगाए हैं.
कुलपति का कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्हें सेवा विस्तार मिलने की वजह से छात्र-छात्राएं उनके इस्तीफे की मांग को लेकर इससे पहले 27 अगस्त को धरने पर बैठे थे. इसके साथ ही लाइब्रेरी के लिए टाइम को बढ़ाना, मोरल पुलिसिंग खत्म करना, यौन उत्पीड़न मामलों में कार्यवाही के लिए कमेटी का गठन, स्वतंत्र वॉर्डन की नियुक्ति और छात्र-छात्राओं की प्रतिक्रिया लेने के लिए व्यवस्था बनाने की मांगें शामिल थी.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कुलपति के सेवा विस्तार को निरस्त कर दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 25 सितंबर को हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति सुखपाल सिंह ने फिर से कार्यभार संभाल लिया था. कुलपति की वापसी का छात्र-छात्राएं विरोध कर रहे थे.
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