बूस्टर डोज की तरह ले लिया तीसरा टीका, एमपी के आगर मालवा जिले में गड़बड़झाला पकड़ा गया

आगर-मालवा ज़िले में तीन दिन पहले स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किया था कि अब कोरोना का पहला डोज उन्हें ही लगाया जाएगा जो SDM से सहमति-पत्र लेकर आएगा, वैसे मामला सामने आने के 24 घंटे बाद ही आदेश को वापस ले लिया गया.

भोपाल:

Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में टीकाकरण को लेकर कई गड़बड़ी सामने आई है. आगर-मालवा ज़िले में पात्र आबादी से ज्यादा लोगों ने टीका ले लिया है, जिसके बाद प्रशासन सतर्क है. माना जा रहा है कि कुछ लोगों ने बूस्टर डोज की तरह कोरोना का तीसरा टीका ले लिया है. इसके लिए उन्होंने मोबाइल नंबर बदलकर झांसा दिया. हालांकि गड़बड़ी सामने आने के बाद तीन दिन पहले स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किया था कि अब कोरोना का पहला डोज उन्हें ही लगाया जाएगा जो SDM से सहमति-पत्र लेकर आएगा, वैसे मामला सामने आने के 24 घंटे बाद ही आदेश को वापस ले लिया गया.

संशोधित आदेश में कहा गया कि दस्‍तावेजों की जांच करने के बाद पहला डोज लगाया जा सकता है. वहीं कई और जि़लों में भी मृतकों के नाम पर वैक्सीन डोज लगने और सर्टिफिकेट जारी होने के मामले सामने आते ही जा रहे हैं.मंगलवार को आगर-मालवा ज़िले के एक टीकाकरण केंद्र पर आशु को पहला डोज़ नहीं लग पाया. उनका कहना था कि उन्हें तकलीफ थी इसलिए अब तक टीका नहीं लगवाया था.

ऐसे में डॉक्टर साहब से पूछकर आए हैं, लेकिन वहां तैनात स्वास्थ्यकर्मी निशा शर्मा ने कहा वो पहले फर्स्ट डोज़ लगा रहे थे लेकिन आदेश हैं कि अब नहीं लगाएंगे, पहले डोज़ के लिये SDM साहब का लिखित आदेश चाहिए. आगर-मालवा में CMHO ने आदेश निकाला कि ज़िले में कोरोना टीके का पहला डोज नहीं लगेगा, अगर टीका लगवाना है तो एसडीएम से इजाजत लेनी होगी. अगर कोई स्वास्थ्यकर्मी बगैर स्वीकृति पत्र के पहला डोज लगाएगा तो पैसे उसकी तनख्वाह से काटा जाएगा.

दरअसल आगर जिले की आबादी 5,71,271 है, जिसमें 4,24,000 लोगों को टीका लगना था लेकिन आदेश आने तक 4,38,800 को पहला डोज लग गया यानी 104 प्रतिशत. ज़िले के सीएमएचओ डॉ एसएस मालवीय ने कहा अप्रत्यक्ष रूप से हमको पता लग रहा है कि लोग बूस्टर डोज समझकर तीसरा डोज लगवा रहे हैं मोबाइल नंबर चेंज करके. ऐसा नहीं है कि हम फर्स्ट डोज़ नहीं लगा रहे हैं हम कंफर्म करेंगे फिर करेंगे जिसको नहीं लगा है. जहां मुख्य चिकित्सा अधिकारी कह रहे हैं कि लोग बूस्टर डोज लगवा रहे थे, वहीं जिला टीकाकरण अधिकारी अपने जिले की छोड़कर नीमच की कहानी बता रहे हैं.

आगर के ज़िला टीकाकरण अधिकारी राजेश गुप्ता ने कहा, 'हमने रोको-टोको अभियान शुरू किया था. बसों में घुसकर भी लोगों को टीका लगाया इसलिये आंकड़ा बढ़कर आया है. नीमच में कलेक्टर साहब ने आदेश जारी किया था कि फर्स्ट डोज के नाम पर बूस्टर डोज लगवा लिया इसलिये यहां भी एहतियातन सीएमएचओ साहब ने आदेश जारी किया था.' अकेले आगर-मालवा में 14,800 लोगों के बूस्टर डोज लगवाने की बात सामने आ रही है लेकिन सरकार का कहना है कि ये फ्लोटिंग आबादी है यानी वो लोग एक जिले से दूसरे जिले में सफर करते हैं. वैसे टीके में गड़बड़ी का ये अकेला मामला नहीं है, इससे पहले भी हम दिखा चुके हैं कि कैसे मृतकों के नाम पर टीके लगे हैं ऐसे मामले अभी भी बड़वानी-अशोकनगर जैसे कई जिलों से आ रहे हैं. बड़वानी के पलसूद में रोहित राठौर के पिता को 5 अप्रैल को वैक्सीन का पहला डोज लगा था, 9 अप्रैल को उनका निधन हो गया. 8 दिसंबर को मैसेज मिला कि पिताजी को दोनों डोज लग गये.

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