मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में किसानों के कर्जमाफी के मामले में विधानसभा में एक सवाल के जवाब में शिवराज सरकार (Shivraj Govt) ने माना है कि लगभग 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया है, लेकिन बाहर कांग्रेस (Congress) के हमलावर होने के बाद सरकार ने यू-टर्न ले लिया. सरकार ने कहा कि सिर्फ प्रमाण पत्र बंटे हैं. विधानसभा के एक दिन के सत्र में कांग्रेस विधायकों के सवाल पर मध्य प्रदेश सरकार ने लिखित जवाब में बताया कि राज्य में 'जय किसान फसल ऋण' माफी के तहत कुल 51 लाख 53 हजार से ज्यादा किसानों ने फार्म भरा था.
सरकार की ओर से बताया गया कि इनमें से पहले चरण में 20 लाख 23 हजार 136 किसानों के लिए 7100 करोड़ और दूसरे चरण में 6 लाख 72 हजार से ज्यादा किसानों के लिए 4500 करोड़ से ज्यादा की राशि स्वीकृत की गई. यानी 51 जिलों में 26 लाख 95 हजार किसानों का 11,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का ऋण माफ किया गया.
हालांकि कुर्सी संभालने के बाद कृषि मंत्री कमल पटेल ने NDTV से कहा था कि कर्जमाफी ढकोसला थी, किसानों को कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केस दर्ज करवाना चाहिए. सदन में कर्जमाफी स्वीकारने के बाद सदन के बाहर सरकार कह रही है, सिर्फ प्रमाणपत्र बांटे गए हैं, पैसे नहीं. सरकार के रवैये पर अब कांग्रेस हमलावर है. सरकार अब यह भी कह रही है कि अफसरों ने गलत जानकारी दी है, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
VIDEO: देश प्रदेश : कृषि विधेयकों पर क्या सोचते हैं मध्य प्रदेश किसान
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