मध्यप्रदेश में रतलाम के एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है. उन्हें यह सज़ा स्कूल में एक स्वंयसेवी संगठन की कॉपियां बांटने की मुहिम को इजाज़त देने पर मिली है. जो कॉपियां बांटी गईं उनमें वीर सावरकर की तस्वीर छपी है. मलवासा हाईस्कूल के प्राचार्य आरएन केरावत को वैसे साल 2010 में शिक्षण में नए प्रयोग करने पर राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार मिल चुका है. कॉपियों का वितरण वीर सावरकर हितार्थ जनकल्याण समिति द्वारा निशुल्क किया गया था. कॉपियों का वितरण चार नवंबर को किया गया था, लेकिन शिकायत के बाद कार्रवाई अब की गई.
जिला शिक्षा अधिकारी ने 13 नंवबर को आरएन केरावत से बिना अनुमति कॉपी वितरण कराने पर जवाब मांगा. प्राचार्य ने जवाब में छात्रहित में कॉपियां बंटवाने की बात कही. स्कूल में 83 विद्यार्थियों को दो-दो कॉपियां वितरित की गई थीं.
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा ''राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित और शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले प्राचार्य को निलंबित करने का समाचार सुनकर मन विचलित है. यह बेहद दुखद और निंदनीय भी है. इस ओछी राजनीति की मैं कड़ी निंदा करता हूं और तत्काल प्राचार्य को बहाल करने की मांग करता हूं. कमलनाथ जी, यदि आपने देश की इस महान विभूति, स्वतंत्रता सेनानी, वीर सावरकर के बारे में पढ़ लिया होता तो आप ऐसा निकृष्टतम कृत्य ना करते. मैं वीर सावरकर जनहितार्थ समिति से आग्रह करता हूं कि एक कॉपी आपको भी भेजें, ताकि आप इस महान विभूति द्वारा राष्ट्र के लिए किए गए योगदान को जान सकें. कमलनाथ जी, आपको वीर सावरकर से इतनी घृणा है कि आपको उसने पूरी तरह से अंधा बना दिया है. कांग्रेसी सोच के कारण ही आप अपने ही देश की महान विभूतियों का अपमान कर रहे हैं. आपके इस कृत्य से प्रदेश शर्मसार हुआ है.''
सावरकर की तस्वीर लगी कॉपी बांटने की इजाजत देने पर राष्ट्रपति से सम्मानित प्राचार्य के निलंबित कर दिया गया @ChouhanShivraj @OfficeOfKNath @ndtvindia @shailendranrb #MasterSecondLook #देशद्रोहियों_शर्म_करो #हर_शहर_शाहीन_बाग #WelcomeAazad pic.twitter.com/clNGjwDsmM
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) January 15, 2020
शिवराज के वार पर, कांग्रेस ने पलटवार किया. कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने कहा ''मलवासा के शासकीय स्कूल के प्राचार्य को निलंबित करने का मामला नियम व अनुशासन का मामला है. इसमें राजनीति वाली बात कुछ नहीं है. साथ ही यह भी सही है कि बच्चों को वीर सावरकर के फोटो लगे रजिस्टर शासकीय स्कूल में बगैर अनुमति बांटना कहां तक उचित है? स्कूल शिक्षा के मंदिर होते हैं. आख़िर वीर सावरकर ने देश हित में ऐसा किया क्या है, जो उनकी जीवनी और साहित्य स्कूलों में बाँटा जाए? बच्चे उनसे आख़िर क्या प्रेरणा लेंगे? उनके बारे में सच्चाई पूरा देश जानता है.''
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा ने कहा ''किस आधार पर निलंबन किया यह मुझे पता नहीं, लेकिन बिना अनुमति कार्यक्रम आयोजित किया गया था. भोपाल से जानकारी कलेक्टर के पास आई थी.''
सन 2010 में उत्कृष्ट शिक्षक का राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्राचार्य आरएन केरावत गणित के विशेषज्ञ हैं. वे राज्य स्तर पर भी राज्यपाल की ओर से सम्मानित हो चुके हैं. खास बात यह है कि शासन के मिशन समर्थ अभियान में एलईडी के माध्यम से केरावत के 36 वीडियो से ही 25 स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है.
(रतलाम से साजिद खान के इनपुट के साथ)
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