सरदार सरोवर बांध से जुड़ी ये बातें नहीं जानते होंगे आप...(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना का आज उद्घाटन कर रहे हैं. आज उनका जन्मदिन है और वह नर्मदा जिले के केवड़िया स्थित सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना पर नर्मदा नदी की पूजा-अर्चना करेंगे. इसके बाद वह इस परियोजना का लोकार्पण करेंगे. पीएम मोदी सरदार सरोवर परियोजना के 30 दरवाजे खोलकर इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे. विवादों में घिरी रही इस परियोजना को लेकर इसके प्रभाव में आने वालों के बेहतर पुनर्वास के लिए मेधा पाटकर 30 अन्य महिलाओं के साथ जल सत्याग्रह कर रही हैं. उनका कहना है कि जल समाधि ले लेंगे पर जगह खाली नहीं करेंगे.
पढ़ें- मेधा पाटकर समेत 30 महिलाओं का मध्य प्रदेश में जल सत्याग्रह
आइए जानें इस प्रोजेक्ट की नींव कब रखी गई थी...
- 1945 में सरदार पटेल ने निर्माण की पहल की
- 5 अप्रैल 1961 को जवाहर लाल नेहरू ने नींव रखी
- ऊंचाई 138.68 मीटर और लंबाई 1210 मीटर तय की गई
- इसके 30 दरवाज़े हैं
- 4.73 मिलियन क्यूसेक पानी की क्षमता
- बांध पर 620 एलईडी लाइट
- 30 दरवाज़ों पर 120 लाइट अलग अलग रंगों की
- रोशनी से ओवर फ़्लो का पता चलता है
- 86.2 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट से बना है यह
- एक अनुमान के मुताबिक, इतने कंक्रीट से चंद्रमा तक सड़क बन सकती है
आइए जानें इस प्रोजेक्ट से किसे होगा लाभ...
पढ़ें- पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित करेंगे सरदार सरोवर बांध
-गुजरात के 3,137 गांवों को फ़ायदा
- 18.45 लाख हेक्टेयर ज़मीन की सिंचाई
-नहरों के ज़रिए 9,000 गांवों में सिंचाई
- बांध से 6 हज़ार मेगावाट बिजली पैदा होगी
-बिजली का 57 फ़ीसदी हिस्सा मध्य प्रदेश को
-बिजली का 27 फ़ीसदी हिस्सा महाराष्ट्र को
-बिजली का 16 फ़ीसदी हिस्सा गुजरात को
-राजस्थान को सिर्फ़ पानी मिलेगा
VIDEO: मेधा पाटकर ने सहयोगियों संग जल सत्याग्रह शुरू किया
इसी के साथ बता दें कि नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने 17 जून को बांध के 30 दरवाजे बंद किये थे. इसके बाद ये अभी तक बंद थे. एक ओर जहां आज गुजरात में जश्न का माहौल है वहीं पड़ोसी मध्यप्रदेश के कई ज़िलों में मातम पसरा हुआ है.
पढ़ें- मेधा पाटकर समेत 30 महिलाओं का मध्य प्रदेश में जल सत्याग्रह
आइए जानें इस प्रोजेक्ट की नींव कब रखी गई थी...
- 1945 में सरदार पटेल ने निर्माण की पहल की
- 5 अप्रैल 1961 को जवाहर लाल नेहरू ने नींव रखी
- ऊंचाई 138.68 मीटर और लंबाई 1210 मीटर तय की गई
- इसके 30 दरवाज़े हैं
- 4.73 मिलियन क्यूसेक पानी की क्षमता
- बांध पर 620 एलईडी लाइट
- 30 दरवाज़ों पर 120 लाइट अलग अलग रंगों की
- रोशनी से ओवर फ़्लो का पता चलता है
- 86.2 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट से बना है यह
- एक अनुमान के मुताबिक, इतने कंक्रीट से चंद्रमा तक सड़क बन सकती है
आइए जानें इस प्रोजेक्ट से किसे होगा लाभ...
पढ़ें- पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित करेंगे सरदार सरोवर बांध
-गुजरात के 3,137 गांवों को फ़ायदा
- 18.45 लाख हेक्टेयर ज़मीन की सिंचाई
-नहरों के ज़रिए 9,000 गांवों में सिंचाई
- बांध से 6 हज़ार मेगावाट बिजली पैदा होगी
-बिजली का 57 फ़ीसदी हिस्सा मध्य प्रदेश को
-बिजली का 27 फ़ीसदी हिस्सा महाराष्ट्र को
-बिजली का 16 फ़ीसदी हिस्सा गुजरात को
-राजस्थान को सिर्फ़ पानी मिलेगा
VIDEO: मेधा पाटकर ने सहयोगियों संग जल सत्याग्रह शुरू किया
इसी के साथ बता दें कि नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने 17 जून को बांध के 30 दरवाजे बंद किये थे. इसके बाद ये अभी तक बंद थे. एक ओर जहां आज गुजरात में जश्न का माहौल है वहीं पड़ोसी मध्यप्रदेश के कई ज़िलों में मातम पसरा हुआ है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं