राहुल गांधी ने मंदसौर में किसानों के कर्जमाफी का ऐलान किया है.
भोपाल:
मध्य प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंदसौर की श्रद्धांजलि सभा में किसानों के कर्ज माफ करने का भरोसा दिलाकर 'मास्टर स्ट्रोक' मारने की कोशिश की है. उनके इस ऐलान से बीजेपी की रणनीति गड़बड़ाती नजर आ रही है क्योंकि केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है और उस पर किसानों के कर्ज माफ करने का दबाव बढ़ गया है. आपको बता दें कि मंदसौर गोलीकांड की पहली बरसी पर कांग्रेस की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे राहुल गांधी ने प्रदेश की शिवराज सरकार को किसान, गरीब, मजदूर और युवा विरोधी करार दिया. साथ ही सत्ता में आने के 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान कर दिया.
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राहुल के इस ऐलान से बीजेपी की 'किसान हितैषी' रणनीति को झटका लगा है. दूसरी ओर बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों के जमावड़े ने सत्ताधारी दल के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी कर दी हैं. राहुल की सभा के बाद भाजपा में अचानक सक्रियता बढ़ गई है. पार्टी की चुनाव प्रबंधन समिति के प्रमुख नरेंद्र सिंह तोमर ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे लोगों के बीच जाएं और उनकी समस्याओं को जानकर समाधान के प्रयास करें. साथ ही यह जानें कि आमजन की बेहतरी के लिए और क्या किया जा सकता है. वहीं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने राहुल गांधी के किसानों के कर्ज माफ करने वाले बयान पर तंज कसा और किसानों के कर्ज के बोझ को ही झुठला दिया. उन्होंने कहा, "यहां किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज मिलता है और 10 प्रतिशत बतौर अनुदान दिया जाता है. ऐसे में किसान कर्ज के बोझ तले कैसे दबेगा? राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद किसानों की स्थिति सुधरी है, सिंचाई सुविधा में बढ़ोतरी हुई है. यही कारण है कि पांच बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है."
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मुख्यमंत्री शिवराज ने तो कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए यहां तक कह दिया कि उनकी सरकार ने ऐसे काम किए हैं, जिनके उदाहरण दुनिया में कहीं नहीं मिलते. उन्होंने कहा, "संघर्ष का शंख बज चुका है, हमें लड़ना है और जीतना है। लड़ाई के लिए जो हथियार चाहिए, वह सरकार की उपलब्धियों के रूप में हमारे हाथ में है. सरकार ने मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना सहित किसान, युवा और महिलाओं के हित में ऐसे-ऐसे काम किए हैं जिनके दूसरे उदाहरण दुनिया में कहीं नहीं मिलते." राहुल की सभा के बाद 'डैमेज कंट्रोल' के लिए भाजपा नेताओं के बयानों तक ही बात नहीं ठहरी है. पार्टी ने मीडिया में अपनी बात पूरी ताकत से उठाने के लिए पूर्व पत्रकार और सांसद प्रभात झा के हाथ में कमान सौंपी है. उन्हें प्रवक्ताओं, पैनलिस्टों के बीच समन्वय बनाने के लिए पार्टी के समग्र मीडिया का प्रभारी बनाया गया है.
वीडियो : राहुल की सभा में नहीं गया पीड़ित परिवार
वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा सरकार को 'किसान विरोधी' बताते हुए कहते हैं, "इस सरकार के राज में किसानों का नहीं, दलालों और बिचौलियों का फायदा हुआ है. यह किसान को लूटने वाली सरकार है."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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राहुल के इस ऐलान से बीजेपी की 'किसान हितैषी' रणनीति को झटका लगा है. दूसरी ओर बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों के जमावड़े ने सत्ताधारी दल के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी कर दी हैं. राहुल की सभा के बाद भाजपा में अचानक सक्रियता बढ़ गई है. पार्टी की चुनाव प्रबंधन समिति के प्रमुख नरेंद्र सिंह तोमर ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे लोगों के बीच जाएं और उनकी समस्याओं को जानकर समाधान के प्रयास करें. साथ ही यह जानें कि आमजन की बेहतरी के लिए और क्या किया जा सकता है. वहीं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने राहुल गांधी के किसानों के कर्ज माफ करने वाले बयान पर तंज कसा और किसानों के कर्ज के बोझ को ही झुठला दिया. उन्होंने कहा, "यहां किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज मिलता है और 10 प्रतिशत बतौर अनुदान दिया जाता है. ऐसे में किसान कर्ज के बोझ तले कैसे दबेगा? राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद किसानों की स्थिति सुधरी है, सिंचाई सुविधा में बढ़ोतरी हुई है. यही कारण है कि पांच बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है."
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वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा सरकार को 'किसान विरोधी' बताते हुए कहते हैं, "इस सरकार के राज में किसानों का नहीं, दलालों और बिचौलियों का फायदा हुआ है. यह किसान को लूटने वाली सरकार है."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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