खण्डवा: वन्यजीवों के संरक्षण के लिए वन मंत्री ने ऐतिहासिक फैसला लिया है. उन्होंने जंगलों में अब न्यूनतम 50 प्रतिशत मिश्रित प्रजाति के पौधे लगाए जाने का निर्णय लिया है. वन मंत्री डॉ. विजय शाह ने कहा है कि वनों में अब ऐसे पौधों को लगाया जाएगा, जिससे वन्य जीवों को खाना भी मिले और साथ ही जैवविविधता भी बनी रहे. जंगल हरे भरे रहें और वन्यजीव भी खुशी-खुशी रह सकें. उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हो रहे वृक्षारोपण में न्यूनतम 50 प्रतिशत मिश्रित प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे और 50 प्रतिशत सागौन के पौधे लगाए जाएंगे.
वन मंत्री डॉ. विजय शाह ने कहा कि प्राचीन काल में राजा-महाराजाओं ने जंगलों को इसी सोच के साथ तैयार किया था कि जंगल की हरियाली बनी रहे और वन्यजीव भी अपना पेट भरते रहें. लेकिन अंग्रेजों ने बेतहाशा जंगलों की कटाई करवा दी. इसके बाद वन विभाग सागौन का वृक्षारोपण करता आया है. सागौन का बीज वन्यजीव के लिए कई प्रकार से उपयोगी है.
आए दिन वन्यजीव जंगलों से निकलकर गांवों और शहरों में आ रहे हैं. वन मंत्री डॉ. विजय शाह ने कहा कि इसलिए हमने इस पर विचार किया. सबसे बड़ी वजह सामने आई है कि
अधिकांश क्षेत्र में वन्यजीव अपना पेट भरने के लिए परेशान होते हैं, क्योंकि उन्हें जंगल में खाने के लिए कुछ नहीं मिलता. तब हमने ये निर्णय लिया कि जंगलों में अब न्यूनतम 50 प्रतिशत मिश्रित प्रजाति के पौधे लगाए जाएं. इससे वन भी रहेंगे, वन्यजीव भी रहेंगे.
मंत्री डॉ. शाह के आदेश पर अपर प्रधान मुख्य वन सरंक्षक डॉ. यू.के. सुबुद्धि ने समस्त मुख्य वन संरक्षकों और वन मंडल अधिकारियों को इस संबंध में सूचित किया और कार्य योजना के अनुरूप उक्त निर्देश का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा है. वन मंत्री डॉ.विजय शाह के इस ऐतिहासिक निर्णय की प्रशंसा हो रही है.
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