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This Article is From Nov 07, 2019

मध्यप्रदेश : विधानसभा सदस्यता गंवा चुके प्रहलाद लोधी को हाईकोर्ट से मिली राहत

विधायक प्रहलाद लोधी की दो साल की सज़ा पर जबलपुर हाई कोर्ट ने सात जनवरी तक रोक लगा दी

मध्यप्रदेश : विधानसभा सदस्यता गंवा चुके प्रहलाद लोधी को हाईकोर्ट से मिली राहत
प्रहलाद लोधी.
भोपाल:

मध्यप्रदेश विधानसभा से अपनी सदस्यता गंवाने वाले पवई से बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी को जबलपुर हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. लोधी की दो साल की सज़ा पर जबलपुर हाई कोर्ट ने 7 जनवरी तक रोक लगा दी है. प्रहलाद लोधी समेत 12 लोगों पर आरोप था कि उन्होंने रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई करने वाले रैपुरा तहसीलदार को बीच सड़क पर रोककर मारपीट की थी.
    
इस मामले में फैसला आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहा ने कहा हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और न्याय के मंदिर में हमें न्याय मिला है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने पार्टी के दबाव में अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर, जल्दबाजी में लोधी की बर्खास्तगी का गलत निर्णय लिया था. अब माननीय उच्च न्यायालय ने स्टे दे दिया है और लोधी की विधानसभा की सदस्यता बरकरार रहेगी.
           
अदालत से दो साल की सज़ा, और विधानसभा से सदस्यता गंवाने के बाद पवई से बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी ने सोमवार को हाईकोर्ट में अपील की थी. उधर मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने केन्द्रीय चुनाव आयोग को लोधी की सदस्यता निरस्त करने की सूचना भेज दी थी लेकिन फैसला आने के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी वीएल कांताराव ने कहा हम हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करेंगे, लेकिन अभी हमने आदेश देखा नहीं है उसकी जांच करके हम आगे की कार्रवाई करेंगे.
   
इस मामले में कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने कहा कि सज़ा पर स्थगन बहुत ही दुर्लभतम मामलों में होती है लेकिन राज्य सरकार ने फैसला किया है कि वो सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करेंगे जिसमें ये परिभाषित होगा कि ये दुर्लभतम मामलों में आता है या नहीं जो सुप्रीम कोर्ट कहेगा वो सब पर बाध्यकारी होगा. वहीं मामले में स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा मैंने जो कार्रवाई की थी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आधार पर की थी, सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट का होगा.
    
मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सदस्य हैं. प्रहलाद लोधी की विधायकी ख़त्म होने से सदस्य संख्या 229 हो गई थी जिसके बाद फिलहाल अपने 115 विधायकों के साथ कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिल गया. उसे 4 निर्दलीय, 2 बसपा , 1 सपा के विधायक का भी समर्थन है. फैसले के बाद बीजेपी के सदन में 107 विधायक बचे थे.

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