
मध्य प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए बिजली विभाग ने पुरस्कार योजना शुरू की है. सूचना देने वाले को वसूली जाने वाली राशि का 10 प्रतिशत दिया जाएगा. राशि की कोई सीमा नहीं होगी. सरकार की तरफ से शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली चोरी की रोकथाम के लिए इसके अवैध उपयोग की सूचना देने पर निर्धारित शर्तों के अधीन पुरस्कार देने की योजना लागू की है.बयान के अनुसार, बिजली के अवैध उपयोग-चोरी के संबंध में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी मुख्यालय एवं क्षेत्रीय मुख्यालयों के अलावा क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को भी लिखित अथवा दूरभाष पर सूचना दी जा सकती है.
डिस्कॉम ने बिजली चोरी के कारण 150 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा किया
सूचनाकर्ता की जानकारी गोपनीय रखने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की रहेगी. कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी को सूचनाकर्ता नहीं माना जाएगा. सूचनाकर्ता को वसूली गई राशि का 10 प्रतिशत दिया जाएगा, जिसका भुगतान कंपनी मुख्यालय से किया जाएगा. प्रोत्साहन राशि सीधे सूचनाकर्ता के बैंक खाते में जमा की जाएगी.
बीजेपी विधायक का विवादित बयान, कहा- 90 फीसद बिजली चोरी मुस्लिम करते हैं
पुरस्कार योजना के अनुसार, प्रकरण बनाने एवं राशि वसूली करने वाले विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी प्रोत्साहन स्वरूप ढाई प्रतिशत राशि दी जाएगी. कंपनी मुख्यालय में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए विजिलेंस सेल गठित किया गया है. इस विजिलेंस सेल को भी सूचना भेजी जा सकती है. माना जा रहा है मध्य प्रदेश के बिजली विभाग की इस पहल से रिश्वत और बिजली चोरी पर लगाम लग सकेगी. (इनपुट-आइएएनएस)
वीडियो: वाराणसी में बिजली इंस्पेक्टर की लोगों ने की पिटाई
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं